गोरखपुर में एक सीट से सपा के तीन प्रत्याशी, मतदाता हैरान
चौरीचौरा विधानसभा क्षेत्र इन दिनों समाजवादी पार्टी के स्वघोषित, पूर्वघोषित और घोषित प्रत्याशियों की आपसी लड़ाई में फंस गया है। सपा की लड़ाई का फायदा दूसरे प्रत्याशियों को मिल रहा है।
गोरखपुर। समाजवादी पार्टी परिवार में चल रहे सत्ता संग्राम का असर गोरखपुर की चौरीचौरा विधानसभा में देखने को मिल रहा है। यहां समाजवादी पार्टी के बैनर से तीन प्रत्याशी अपना प्रचार कर रहे हैं। इससे पार्टी के परंपरागत वोटों का बंटवारा होने की बात कही जा रही है। जिसका फायदा क्षेत्र में काफी पहले से जनसम्पर्क कर रहे और आमजन के कार्यक्रमों में दिखने वाले प्रत्याशियों को मिल सकता है।
चौरीचौरा विधानसभा क्षेत्र इन दिनों समाजवादी पार्टी के स्वघोषित, पूर्वघोषित और घोषित प्रत्याशियों की आपसी लड़ाई में फंस गया है। ऐसे में वोटर मतदाता सपा का वोटर इस लड़ाई खुद से निकाल किसी ओर पार्टी को चुन ले और सपा को भारी नुकसान हो जाए तो कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए। क्षेत्र का वो इलाका जो सपा का खास समर्थक माना जाता रहा है, वो इन दिनों पिता, पुत्र, चाचा की लड़ाई में उलझ कर रह गया है। जबकि क्षेत्रीय विधायक व बसपा प्रत्याशी अपने खास वोटबैंक को सहेजकर फिर से मैदान में है। साथ ही कांग्रेस का कोई दमदार प्रत्याशी अभी देखने को नहीं मिल रहा है और बीजेपी ने अभी तक उम्मीदवार घोषित नहीं किया है। ऐसे में पूर्व के वर्षो से क्षेत्र में लगातार जनसंपर्क कर रहे और आमजन के सुख-दुख में सहभागी निभा रहे पूर्व ब्लॉक प्रमुख ईश्वर चंद जैसवाल जहां धीरे धीरे आम जन को अपनी सक्रियता से आकृष्ट कर रहे हैं। वहीं इस बार स्थानीयता का मुद्दा उठाकर भी वो प्रत्याशियों में बढ़त बनाए हुए है।
अब
चुनाव
आयोग
द्वारा
आचार
संहिता
लागू
करने
में
कुछ
ही
दिन
बचे
हैं
ऐसे
में
पूर्व
ब्लॉक
प्रमुख
द्वारा
क्षेत्र
में
तूफानी
दौरा
कर
जंसपर्क
किया
जा
रहा
है।
साथ
ही
लगातार
एक
राष्ट्रीय
पार्टी
से
भी
चौरीचौरा
विधानसभा
क्षेत्र
की
प्रत्याशित
की
कोशिशें
भी
तेज
हो
गई
है।
ऐसे
में
अगर
चुनावों
की
घोषणा
होती
है
तो
सपा
की
अंदरूनी
कलह,
बसपा
के
परम्परागत
वोट
और
अन्य
पार्टियों
का
कोई
सशक्त
प्रत्याशी
न
होने
से
इसका
सीधा
लाभ
स्थानीयता
के
आधार
पर
ईश्वर
चंद
जायसवाल
को
मिलेगा।
पढ़ें-
फिर
शुरू
सुलह
की
कवायद,
मुलायम
से
मिले
अखिलेश