बहराइचः डॉक्टर गौरक्षा के नाम पर करता रहा ये पाप, जानिए गाय से लाभ कमाने का क्या निकाला फॉर्मूला!
फार्म हाउस पर कुछ दवाओं के पैकेट, पाउडर और गोलियां बरामद हुई हैं। इससे आशंका जताई जा रही है की मृत गायों से आयुर्वेदिक दवाओं का निर्माण किया जा रहा था।
बहराइच। एक गौशाला में ही गौरक्षा के नाम पर पशु क्रूरता का मामला सामनें आया है। एडीशनल सीएमओ जेएन मिश्रा के फार्म हाउस पर प्रशासन की संयुक्त टीम ने छापेमारी की। फार्म के जमीन में गाय के दफन होने की सूचना है। जबकि फार्म में बांधकर रखी गईं 50 जिंदा गाय व बछड़े भी मिले हैं। प्रशासन की छापेमारी में अवैध ढंग से निर्मित की जा रही आयुर्वेदिक दवाओं के पैकेट, कैप्सूल और टैबलेट भी बरामद हुए हैं। संभावना जताई जा रही है की आयुर्वेदिक दवाओं का निर्माण करने के लिए गायों की हत्याएं कर लाश को दफना दिया गया है।
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बता दें की अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी के सीज हुए फार्म हाउस पर शनिवार को आला प्रशासनिक अम्ले के सामने कब्रों की खुदाई शुरू की जिसमें समाचार लिखे जाने तक अबतक 38 गायों के अस्थि-पंजर बराबद हुए हैं और अभी भी खुदाई का काम जारी है। डीएम ने पोस्टमॉर्टम के लिए आठ डाक्टरों की एक टीम गठित की है। वहीं मौके पर अधिकारियों ने भी कैंप किया हुआ है। इन सभी मृत मवेशियों को निकालकर इनका पोस्टमॉर्टम कराया जाएगा जिससे इनकी मौत कैसे हुई इसका पता लगाया जा सके। वहीं इस मामले में पशु क्रूरता अधिनियम का मामला भी दर्ज कर लिया गया है। ये मामला जिले से मात्र 18 किमी दूर फखरपुर थाना क्षेत्र के बुबकापुर गांव का है जहां बहराइच जिला अस्पताल के एडीशनल चिकित्सा अधिकारी डॉ. जेएन मिश्रा का फार्म हाउस बहराइच-लखनऊ मार्ग स्थित मरौचा गांव के पास है। प्रशासन को सूचना मिली थी की सीएमओ के फार्म हाउस में कुछ गायों को मारकर दफना दिया गया है। सूचना मिलने पर अपर पुलिस अधीक्षक दिनेश त्रिपाठी और एसडीएम कैसरगंज अमिताभ यादव की अगुवाई में पुलिस व प्रशासन की संयुक्त टीम ने फार्म हाउस पर छापेमारी की।
छापेमारी के दौरान पशु चिकित्सा विभाग की टीम भी मौजूद रही। फार्म हाउस के अलग-अलग हिस्से में थोड़ी खुदाई कराकर जांच की गई तो कई मवेशियों के शव अंदर होने की बात सामने आई। इन्हें लगभग 6 महीने के अंदर दफनाया गया था। लाशें मिलने के बाद हड़कंप की स्थिति पैदा हो गई। प्रशासनिक अधिकारी पूरे मामले की जांच में जुट गए। फार्म हाउस के एक कमरे में छापेमारी के दौरान आयुर्वेदिक पद्धति से निर्मित कुछ दवाएं भी बरामद हुई। जिसमें कैप्सूल के कुछ खाली पैकेट और गोलियां भी बरामद हुईं।
बरामदगी होने पर प्रशासन ने पूरे फार्म हाउस को सीज कर दिया है। फार्म हाउस की सुरक्षा में पुलिस की तैनाती कर दी गई है। प्रशासन को फार्म हाउस में बांधकर रखी गई 45 गाय और 11 बछड़े भी मिले हैं। इन सभी को भी सुरक्षित करने का प्रयास शुरू कर दिया गया है। एएसपी दिनेश त्रिपाठी का कहना है कि छापेमारी के दौरान फार्म हाउस पर कोई कर्मचारी मौजूद नहीं मिला है। सभी कर्मचारी फरार हो गए हैं। इस मामले में बुबकापुर निवासी स्वामी महाराज की तहरीर पर फखरपुर थाने में पशु क्रूरता अधिनियम का मुकदमा दर्ज किया गया है।
दूसरी ओर आरोपी फार्म हाउस मालिक एडिशनल सीएमओ डॉ जेएन मिश्रा का कहना है कि उन्होनें नौ बछियों से गौशाला की शुरुआत की थी और मकसद गौसेवा था। लेकिन चारे-पानी से तंग आकर ग्रामीण अपनी कमजोर और बीमार गायों को फार्म हाउस पर बांध जाते थे जिनकी सेवा करना भी उनकी जिम्मेदारी बन गई थी। उन्होनें कहा की हमनें अपनी क्षमता के मुताबिक उनकी सेवा की लेकिन जब उनकी मौत हो गई तो उन्हें फार्म हाउस में दफना दिया। उनका कहना है कि उन्होनें गायों से कोई लाभ नहीं कमाया है।
गायों की सुरक्षा पहले
उप जिलाधिकारी अमिताभ यादव ने बताया कि छापेमारी के दौरान कुछ जिंदा गाय बरामद हुई हैं। आसपास के ग्रामीणों की मदद से इनके लिए चारे की व्यवस्था की जा रही है। पशु चिकित्सा विभाग की टीम जांच में लगी हुई है। मृत मवेशियों का पोस्टमॉर्टम कराया जाएगा जिससे ये पता चल सके की इनकी मौत कैसे हूई है?
जांच का भेजा जाएगा सैंपल
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. बलवंत सिंह ने बताया की फार्म हाउस पर कुछ दवाओं के पैकेट, पाउडर और गोलियां बरामद हुई हैं। इससे आशंका जताई जा रही है की मृत गायों से आयुर्वेदिक दवाओं का निर्माण किया जा रहा था। इसकी जांच के लिए दवाओं के सैंपल को विधि विज्ञान प्रयोगशाला लखनऊ और मथुरा में भेजा जा रहा है। जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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