PICs: काशी हुई केसरिया, जानिए इस बार सावन कई मायनों में कैसे है खास?
इस महीने में भोलेनाथ कैलाश पर्वत को छोड़कर माता पार्वती के साथ काशी विश्वनाथ के ज्योतिर्लिंग में विराजमान होते हैं।
वाराणसी। सावन का महिना आते ही श्रद्धालुओं का जत्था वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में हर सोमवार को जलाभिषेक करने के लिए आता है। कहा जाता है की जो भी श्रद्धालु इस ज्योतिर्लिंग को सावन के महीने में सोमवार के दिन जलाभिषेक करता है महादेव उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं और इसकी धार्मिक कारण है कि देवों के देव महादेव को जल का एक बूंद भी महादेव को प्रसन्न कर देता है। पुराणों में कहा गया है कि ये पवित्र महीना महादेव का महीना है। इस महीने में भोलेनाथ कैलाश पर्वत को छोड़कर माता पार्वती के साथ काशी विश्वनाथ के ज्योतिर्लिंग में विराजमान होते हैं।
काशी जो महादेव की नगरी है जब सावन का महीना आता है तो पूरा शहर केसरिया रंग में रंगा नजर आता है। गंगा घाटों से लेकर काशी विश्वनाथ जाने वाले रस्ते में चारो तरफ बोल बम के ही नारे सुनाई देते हैं। हर श्रद्धालु अपने-अपने हाथों में जल लेकर बस इसी मंत्र के साथ माता पार्वती संग विराजमान भगवान शंकर का अभिषेक करने के लिए न सिर्फ वाराणसी बल्कि देश के हर कोने से सावन के महीने में वाराणसी आते हैं।
क्या कहते हैं काशी विश्वनाथ मंदिर के अर्चक?
काशी विश्वनाथ मंदिर के प्रधान अर्चक श्रीकांत मिश्रा ने OneIndia से बात करते हुए बताया की इस बार का सावन कई मायनों में खास है। इस बार भक्तों को बाबा को प्रसन्न करने के लिए पांच सोमवार का मौका तिथि के मुताबिक मिला है जो समाज और देश हित के लिए बहुत ही प्रभावशाली होगा। इस बार के सावन में जो भी भक्त बाबा विश्वनाथ के शिवलिंग पर गंगाजल और बेल पत्र श्रद्धा के साथ अर्पित करेगा बाबा उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करेंगे।
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