ब्लू व्हेल : दसवा चैलेंज पार करने के लिए छत से कूदने ही वाला था छात्र कि तभी ....
इलाहाबाद। ब्लू व्हेल गेम से अब तक कई बच्चों की जान जा चुकी है। इलाहाबाद में भी गेम खेलते हुए एक और बच्चे की जान जाने ही वाली थी कि समय रहते उस पर परिजनों की नजर पड़ गई और बच्चे को बचा लिया गया। घटना यूपी के इलाहाबाद शहर की है, जहां ब्लू व्हेल गेम खेलते-खेलते एक बच्चा कूदने के लिए छत की दीवार पर चढ़ गया लेकिन परिजनों की निगाह पड़ने की वजह से मौत के मुंह में जाते-जाते बच गया।
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बार-बार मिल रही थी धमकी
इस मामले में साइबर सेल पुलिस ने बच्चे से लंबी पूछताछ कर उसका मोबाइल फोन व लैपटॉप जांच के लिए ले लिया है। बच्चा बेहद ही डरा हुआ है। उसने बताया कि टास्क पूरा करने के लिये उसे बार-बार धमकी दी जा रही थी। छात्र ग्यारहवीं में पढ़ता है और उसने 9 चैलेंज पार कर लिए थे। सुबह दसवे चैलेंज में उसे छत से कूदना था। जिसके लिये वह बाउंड्रीवाल पर चढ गया था। लेकिन तभी परिजनों की नजर पड़ गई और उसे कूदने से बचा लिया गया।
ऐसे चल रहा था खेल
इलाहाबाद के हरवारा इलाके में यह घटना एक नगर निगम अधिकारी के बेटे सोनू (नाम परिवर्तित) के साथ हुई है। साइबर सेल के अनुसार पूछताछ में पता चला है कि गेम एडमिनिस्ट्रेटर ने खुद लिंक भेजा था। जिसे कौतूहलवश सोनू ने खेलना शुरू किया था। सोनू ने अपने हाथ पर ब्लेड से एफ-57 उकेरा था। यह परिजनों ने देखा तो उसे फटकार लगाई थी। लेकिन अगले दिन भोर में 4 बजे ही जब सोनू टीवी में डरावनी फिल्म देख रहा था तो परिजन चौंक गए और उसपर नजर रखी जाने लगी। परिवार वालों का सोनू पर शक तब गहराया जब उसने अपनी कलाई पर तीन कट मार लिए। अगले तीन दिन सोनू ने क्या किया यह परिजन नहीं समझ पाए, लेकिन सातवें दिन उसने अपनी बाइक को खंभे से भिड़ा दिया। अगली सुबह जब सोनू छत के बाउंड्रीवाल पर चढ़ा तो परिजन पूरी तरह समझ गये कि मामला ब्लू व्हेल गेम का है।
साइबर सेल ढूढ़ रही क्लू
परिजनों ने जब एसपी क्राइम से संपर्क किया तो तत्काल इसकी जानकारी साइबर सेल को दी गई। बताया गया कि 15 साल का सोनू ब्लू व्हेल गेम में फंस गया है। तत्काल सोनू के साथ साइबर सेल ने बातचीत कर पूरी बात जानी। फिर लिंक भेजने वाले का क्लू ढूढ़ने लगे। लेकिन उसे ट्रेस नहीं किया जा सका। साइबर सेल प्रभारी विद्या यादव ने बताया कि छात्र को टास्क पूरा करने के लिए छात्र को धमकियां मिल रही हैं। जिसके कारण वह बहुत घबराया है और न चाहकर भी उसे टास्क पूरा करना पड़ रहा है। हमने उसे भरोसा दिलाया है। उसे सुरक्षित महसूस कराया है। ताकि वह फिर से गेम न खेल सके।
आप यह करें
साइबर सेल प्रभारी विद्या यादव ने संदेश जारी करते हुये कहा कि अगर ऐसी कोई घटना होती है तो घबराएं नहीं और ना ही बच्चे को डांट फटकार न लगाएं। ऐसे मामलों में तत्काल साइबर सेल की मदद लें। बच्चे की काउंसिलिंग कराएं और मोबाइल लैपटाप से उसे कुछ दिन दूर रखें। क्योंकि बच्चे को पहले ही गेम को लेकर इतनी धमकी मिल चुकी होती है कि वह बहुत घबराया होता है। बच्चे पर गंभीरता से ध्यान दे।
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