मोदी की तरह ही कभी चाय बेचते थे केशव प्रसाद मौर्य, आज बन गए यूपी के डिप्टी सीएम
केशव ने चौदह बरस की उम्र में अपना घर- बार छोड़ दिया और और विश्व हिंदू परिषद के दिग्गज नेता अशोक सिंहल का साथ जोड़ लिया। अशोक की परछाई की तरह केशव साथ रहते और हर कदम पर उनके साथ खड़े रहते थे।
इलाहाबाद। इलाहाबाद के फूलपुर से सांसद व भाजपा के यूपी अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य अब उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम बन गये हैं। इलाहाबाद को सीधे यूपी के डिप्टी सीएम के रूप में केशव मौर्य मिल गये हैं। संगम नगरी का यह चाय वाला भी मोदी की तर्ज पर डिप्टी सीएम की कुर्सी तक पहुंचा है। हालांकि वह सीएम के पद के दावेदार होने के बावजूद थोड़ा सा चूक गये। जैसा कि सबको पता है कि कभी चाय बेचने वाला नेता आज देश चला रहा है, उसी तरह बचपन में चाय बेचने वाला बीजेपी का यह सिपहसालार भी देश के सबसे बड़े सूबे की कमान संभालने में योगी का सहायक होगा। मालूम हो कि केशव कौशांबी के बंटवारे से पहले इलाहाबाद ही उनकी जन्मभूमि थी। बाद में कौशांबी जिला बना तो केशव का घर कौशांबी में हो गया। लेकिन केशव आज भी इलाहाबाद में ही रहते हैं।
केशव फूलपुर के मौजूदा सांसद हैं
इलाहाबाद की फूलपुर सीट से सांसद केशव ने पीएम मोदी की ही तरह पूरे देश में सर्वाधिक वोटों से जीत हासिल कर का रिकार्ड बनाया था और तभी तय हो गया था कि केशव का कद बढना तय है। हुआ भी यही भाजपा ने उन्हे यूपी का चीफ बनाया और केशव के नेतृत्व में ही बीजेपी करिश्माई जीत दर्ज कर पूर्ण बहुमत पाई।
रेलवे स्टेशन के बाहर बेचते थे चाय
केशव का बचपन गरीबी में ही बीता और वह पिता के साथ छोटे से रेलवे स्टेशन के बाहर ठेले पर चाय बेचते थे। केशव की कहानी काफी हद तक पीएम मोदी से मिलती है। क्योंकि जब मोदी सांसद बनकर देश के पीएम बने तो उन्ही के साथ केशव भी सांसद चुने गये। लेकिन केशव के लिये अभी मोदी की तरह ही प्रदेश की सेवा करना लिखा था। आखिरकार किस्मत ने ऐसा खेल रचाया कि केशव प्रसाद मौर्य अब यूपी के डिप्टी सीएम बन गये ।
केशव के बचपन की दास्तां
केशव प्रसाद मौर्य ने पढ़ाई और परिवार का पेट पालने के लिए कई सालों तक फुटपाथ पर ठेला लगाकर चाय बेची थी। केशव सुबह उठते थे और साइकिल लेकर अखबार बांटने निकल जाते थे । अखबार बांटने के बाद वह दिन भर ठेले पर चाय बेचते थे।
14 साल की उम्र में छोड़ा घर
केशव ने चौदह बरस की उम्र में अपना घर- बार छोड़ दिया और और विश्व हिंदू परिषद के दिग्गज नेता अशोक सिंहल का साथ जोड़ लिया। अशोक की परछाई की तरह केशव साथ रहते और हर कदम पर उनके साथ खड़े रहते थे। सिंहल जो कहते वह केशव करते और सच्चे शिष्य की तरह अपना भाग्य खुद लिख रहे थे।
विधायक के चुनाव में जमानत जब्त
केशव बचपन से ही बीजेपी से जुड़े रहे, लेकिन सियासत के गलियारे में उन्होंने 2007 में औपचारिक तौर पर कदम रखा। इलाहाबाद वेस्ट सीट से बीजेपी के टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़ा, लेकिन जमानत गँवा बैठे। साल 2012 में कौशाम्बी की सिराथू सीट से विधानसभा का चुनाव लड़े और समाजवादी लहर में भी जीत दर्ज कर विधायक बन गए।
फिर रचा सांसद बनकर इतिहास
2014 के लोकसभा चुनाव में इलाहाबाद की फूलपुर सीट से पांच लाख से ज्यादा वोट पाकर केशव ने इतिहास रचा और यहां तीन लाख से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की। केशव ने फूलपुर सीट पर पहली बार बीजेपी को जीत दिलाई थी।
बीजेपी का दांव
केशव ने अपने तेजस्वी भाषण से संसद में पीएम मोदी को काफी प्रभावित किया था। जिसके बाद उन्हे अप्रैल 2016 में बीजेपी का यूपी अध्यक्ष बनाकर भगवा दल ने बड़ा सियासी दांव चला। केशव ने पिछड़े वर्ग व दूसरे वर्ग के वोटरों को पार्टी के साथ जोड़ा। टिकट बंटवारे में उन्होंने ऐसी सोशल इंजीनियरिंग की, जिसकी काट विपक्षी पार्टियां आखीर तक नहीं ढूंढ सकीं। विधानसभा चुनाव में केशव ने ढाई सौ के करीब सभाएं की और खुद को मिली जिम्मेदारी पर खरे उतरे। भाजपा की पूर्ण बहुमत से सूबे में सरकार बनने के बाद केशव को पार्टी ने बड़ा इनाम दिया और यूपी का डिप्टी सीएम बना दिया।