अयोध्या का चक्कर लगाने वाले दलों पर बिफरीं स्वाती सिंह, कहा- राम को नकारने वाले आज उनकी शरण में, यही है बदलाव
लखनऊ, 14 सितम्बर: उत्तर प्रदेश की महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वाती सिंह ने अयोध्या में रामलला का चक्कर काट रहे राजनीतिक दलों पर जोरदार हमला बोलने के साथ ही बड़ा दिल भी दिखाया है। स्वाति सिंह ने कहा कि जो भी दल पहले राम के अस्तित्व को नकारते थे वो आज उनकी शरण में पहुंच गए हैं। राम हमारे लिए कभी चुनावी एजेंडा नहीं रहे वो हमेशा ही करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र हैं और रहेंगे। हालांकि उन्होंने कहा कि कन्या सुमंगला योजना की बात की जाए तो सरकार ने अब तक 9.5 लाख बच्चियों को इसका लाभ मिल चुका है। आगे तक हमारा टारगेट है कि इसको 12 लाख तक लेकर जाने का लक्ष्य रखा गया है।
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स्वाती सिंह ने वन इंडिया के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत के दौरान यह बातें कहीं। उन्होंने बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा के उस बयान पर भी पलटवार किया जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि बीजेपी राम की तो बात करती है लेकिन माता सीता की बात नहीं करती।
उन्होंने कहा कि,
'' बीजेपी कभी भगवान राम और माता सीता को अलग करके नहीं देखती। जो लोग इसे दो नजरिए से देखना चाहते हैं तो देखें। भगवान राम को 14 साल का बनवास हुआ था। माता सीता और लक्ष्मण जी को तो नहीं हुआ था लेकिन वो दोनों लोग भगवान राम के साथ 14 साल तक वनवास में रहे। आप दोनों को अलग करके कैसे देख सकते हैं।''
प्रस्तुत है यूपी की मंत्री स्वाती सिंह से बातचीत के प्रमुख अंश...
सवाल-
पिछले
साढे
चार
साल
में
विभाग
की
बेहतरी
और
महिला
कल्याण
को
लेकर
आपने
क्या
कदम
उठाए
?
जवाब-
महिला
कल्याण
एवं
बाल
विकास
विभाग
की
ओर
से
कई
कदम
उठाए
गए
हैं।
महिलाओं
के
उत्थान
के
लिए
और
बच्चों
के
कल्याण
के
लिए
हमेशा
से
कदम
उठाते
रहे
हैं।
कोविड
महामारी
के
दौरान
जिन
बच्चों
ने
अपने
माता
पिता
को
खोया
उनके
लिए
विभाग
की
तरफ
से
कदम
उठाए
गए
हैं।
उन
बच्चों
के
लालन
पालन
के
लिए
मुख्यमंत्री
के
निर्देश
पर
हर
महीने
चार
हजार
रुपए
उनके
अकाउंट
में
जमा
कराए
जाते
हैं
जिससे
उनका
खर्च
चल
सके।
इसके
अलावा
जिन
बच्चों
ने
अपने
माता
या
पिता
में
से
किसी
एक
को
खोया
है
उसके
अकाउंट
में
2500
रुपए
दिए
जाते
हैं।
सवाल- विभाग की तरफ से चलाई जाने वाली कन्या सुमंगला योजना कितनी कारगर साबित हो रही है ?
जवाब- देखिए इस तरह की योजनाओं का लाभ हर उस गरीब परिवार को मिलता है जिसको इसकी जरूरत होती है। जहां तक कन्या सुमंगला योजना की बात की जाए तो सरकार ने अब तक 9.5 लाख बच्चियों को इसका लाभ मिल चुका है। आगे तक हमारा टारगेट है कि इसको 12 लाख तक लेकर जाने का लक्ष्य रखा गया है। यह केवल विभाग की उपलब्धि नहीं है बल्कि यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन और उनकी दृढ़ इच्छा शक्ति की वजह से हुआ है।
सवाल-
पिछली
सरकारों
में
बाल
विकास
विभाग
में
बड़ी
बड़ी
अनियमितताएं
सामने
आती
थीं।
विभाग
संभालने
के
पास
आपने
इसको
कैसे
दूर
किया
?
जवाब-
पहले
ऐसा
देखा
जाता
था
कि
बच्चों
को
जो
पुष्टाहार
दिया
जाता
था
उसे
गाय
भैंसों
को
खिला
दिया
जाता
था
लेकिन
हमने
इस
मिथक
को
तोड़ने
का
काम
किया
है।
आंगनबाड़ी
में
खाद्यान
के
उठान
के
लिए
स्वयं
सेवी
समूहों
को
जोड़ने
का
काम
किया
गया
है।
इससे
महिलाओं
के
सशक्तीकरण
का
मिशन
भी
पूरा
हो
रहा
है।
बीजेपी
महिला
सशक्तीकरण
को
ज्यादा
फोकस
करती
है।
हम
महिलाओं
को
सशक्त
करने
के
साथ
ही
उन्हें
स्वावलंबी
बनाने
का
काम
कर
रहे
हैं।
सवाल-
आंगनबाड़ी
कार्यकत्रियों
की
मांग
लंबे
समय
से
रही
है
कि
उनके
मानदेय
में
इजाफा
किया
जाए।
इसको
लेकर
सरकार
क्या
कोई
कदम
उठा
रही
है
?
जवाब-
अभी
कुछ
दिन
पहले
मुख्यमंत्री
ने
एक
कार्यक्रम
के
दौरान
इसकी
घोषणा
की
गई
है
कि
आंगनबाड़ी
कार्यकत्रियों
के
मानदेय
में
वृद्धि
की
जाएगी।
जल्द
ही
इसकी
सुविधा
उनको
मिलनी
शुरू
की
जाएगी।
कई
आंगनबाड़ी
केंद्रों
पर
कर्मियों
का
आभाव
था
वहां
भी
कर्मचारियों
की
नियुक्ति
करने
की
प्रक्रिया
चल
रही
है।
मैं
इसके
लिए
धन्यवाद
दूंगी
मुख्यमंत्री
जी
को
जिन्होंने
अपने
मंत्रिमंडल
में
हमे
शामिल
किया
और
उसकी
वजह
से
महिलाओं
और
बच्चों
के
लिए
काम
करने
का
मौका
मिला।