शिमला और मुंबई में काम कराने के लिए 18 नेपाली बच्चों की मानव तस्करी, 4 गिरफ्तार
बहराइच। भारत-नेपाल सीमा पर एसएसबी 42वीं वाहिनी ने 18 नेपाली बच्चों को बरामद किया है। मुंबई और हिमाचल में नौकरी दिलाने के नाम पर नेपाली बच्चों को तस्करी कर ले जा रहे थे। एसएसबी पुलिस ने पिता-पुत्र समेत चार मानव तस्कर को गिरफ्तार किए हैं। तस्करों में एक के पास दोहरी नागरिकता है। उसे रुपईडीहा पुलिस के हवाले कर दिया गया है। जबकि अन्य शेष तीन तस्करों समेत सभी बच्चों को नेपाल की एनजीओ टिनी हैंड्स के हवाले किया गया है। बॉर्डर पर बढ़ी मानव तस्करी की गतिविधियों से सुरक्षा एजेंसियां एलर्ट हो गयी है।
भारत-नेपाल सीमा पर स्थित रुपईडीहा बॉर्डर आउट पोस्ट पर एसएसबी की 42वीं वाहिनी तैनात है। डिप्टी कमाण्डेन्ट जय प्रकाश के निर्देशन में इंस्पेक्टर संतोष कुमार की टीम बॉर्डर पर मुस्तैद थी। तभी सात बच्चों के साथ दो लोग आते दिखाई दिए। जिन्हें रोककर पूछताछ की तो मामला संदिग्ध प्रतीत हुआ। कड़ाई से पूछताछ में बच्चे टूट गए। बच्चों ने बताया कि उन्हें नौकरी का झांसा देकर हिमांचल प्रदेश के शिमला ले जाया जा रहा है। इस पर एसएसबी ने बच्चों के साथ मौजूद नेपाल के रोकाई गांव थाना अंतर्गत वार्ड नंबर तीन के जागरकोट निवासी संत बहादुर सिंह व उसके पुत्र सूरज को गिरफ्तार कर लिया गया। इसी तरह जाजरकोट के खूसेगांव के वार्ड नंबर नौ निवासी कमला गौतम पुत्र लक्ष्मी गौतम को छह मासूम बच्चों को गिरफ्तार किया गया है।
एसएसबी इन दोनों मामलों में पड़ताल कर रही थी तभी पांच बच्चों के साथ एक और मानव तस्कर को पकड़ा गया। तस्कर की पहचान बांके जिले के बेतहनी गांव निवासी अहमद हुसैन पुत्र जहरूद्दीन के रूप में हुई है। इंस्पेक्टर संतोष कुमार ने बताया कि अहमद हुसैन के पास दोहरी नागरिकता मिली है। पूछताछ में पता चला है कि अहमद हुसैन ने गुजरात के सूरत में फर्जी तरीके से आधार कार्ड बनवाया है। वह पांच बच्चों को नौकरी का झांसा देकर मुंबई ले जा रहा था। आरोपित मानव तस्कर को रुपईडीहा पुलिस के हैंडओवर किया गया है। उन्होंने बताया कि तीन अलग-अलग मामलों में चार मानव तस्कर गिरफ्तार हुए हैं। एक को रुपईडीहा पुलिस के हवाले किया गया, जबकि अन्य तीन को नेपाल पुलिस के सुपुर्द किया गया है। बरामद 18 मासूमों को नेपाल की स्वयं सेवी संस्था टिनी हैंड्स के हवाले किया गया है।