क्या लाल बहादुर शास्त्री की हत्या हुई थी? RTI से हुए खुलासे के बाद नाती सिद्धार्थ ने भी उठाए सवाल
सुल्तानपुर। भारत के पूर्व प्रधानमन्त्री लाल बहादुर शास्त्री की मौत के 52 वर्षों बाद एक बार फिर उनकी मृत्यु के रहस्यों पर चर्चा शुरू हो गई है। आरटीआई द्वारा मांगी गई सूचना मिलने के बाद शास्त्री जी के नाती और वर्तमान में उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। राष्ट्रपति को ज्ञापन देकर उन्होंने मांग की है कि परिवार के लोग और देश उनकी मौत का राज जानना चाहता है।
सुल्तानपुर पहुंचे सिद्धार्थ नाथ सिंह मंच पर बोलते हुए भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि रोहित चौधरी द्वारा मांगी गई आरटीआई का जवाब मिलने के बाद परिवार को पूरा यकीन हो गया है कि उनके नाना यानी लाल बहादुर शास्त्री की हत्या की गई थी।
उन्होंने आरोप लगाया कि उस समय पोस्टमॉर्टम क्यों नही कराया गया? उनकी नानी चीख-चीख कर जहर दिए जाने का आरोप लगाती रहीं, लेकिन पोस्टमॉर्टम नहीं कराया गया। उन्होंने कहा कि आरटीआई से हुए खुलासे से हत्या की पुष्टि होती है। सूबे के मंत्री ने मांग की कि इस राज से जल्द पर्दा उठना चाहिए। सिद्धार्थ नाथ ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति महोदय को ज्ञापन देकर इस खुलासे की मांग की है।
आरटीआई
के
जवाब
में
क्या
हुआ
था
खुलासा?
आरटीआई
कार्यकर्ता
रोहित
चौधरी
ने
देश
के
पूर्व
प्रधानमंत्री
लाल
बहादुर
शास्त्री
की
रहस्यमयी
मौत
पर
आईटीआई
लगाकर
जवाब
मांगा
था।
जवाब
में
यह
खुलासा
हुआ
कि
लाल
बहादुर
शास्त्री
मृत्यु
से
आधे
घंटे
पहले
तक
ठीक
थे।
अचानक
उनकी
तबियत
खराब
हुई
और
उनकी
मौत
हो
गई।
उनकी
बॉडी
का
पोस्टमॉर्टम
नहीं
किया
गया
था।
लाल
बहादुर
शास्त्री
की
मृत्यु
के
बाद
उनकी
पत्नी
ललिता
शास्त्री
ने
दावा
किया
था
कि
उनको
जहर
दिया
गया।
लाल बहादुर शास्त्री की मौत 11 जनवरी 1966 में सोवियत संघ के ताशकंद में हुई थी जहां वे 1965 की लड़ाई के बाद पाकिस्तान से शांति समझौता करने गए हुए थे। 10 जनवरी 1966 को ताशकंद समझौते पर उन्होंने हस्ताक्षर किया था और इसके करीब 12 घंटे बाद उनकी मौत हो गई। आधिकारिक तौर पर कहा गया कि दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हुआ।