शिवपाल की पार्टी को मिला नया नाम, चुनाव आयोग में हुआ रजिस्ट्रेशन भी
लखनऊ। सपा से अलग होने के बाद शिवपाल सिंह ने एक अलग पार्टी बनाई थी। इसे अभी तक सेक्युलर मोर्चा के नाम से बुलाया जाता था। मंगलवार को इस दल को ना सिर्फ चुनाव आयोग से मान्यता मिल गई बल्कि इसे एक नया एक नाम भी मिल गया। शिवपाल की पार्टी को 'प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया)' के नाम से जाना जाएगा। चुनाव आयोग में पंजीकरण होने के साथ ही शिवपाल ने पार्टी के लिए सदस्यता अभियान भी शुरू कर दिया है।
राजधानी के गन्ना संस्थान लखनऊ में आयोजित सदस्यता अभियान में मंगलवार को शिवपाल के सेक्युलर मोर्चा द्वारा सदस्यता अभियान चलाया गया, जहां शिवपाल यादव ने अपनी नई पार्टी के नाम का एलान किया। उन्होंने बताया कि ''प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया)'' के रूप में उनके अलग दल का रजिस्ट्रेशन चुनाव आयोग में हो गया है।
भाजपा को लिया आड़े हाथ
पार्टी के उदय की जानकारी देने के बाद शिवपाल यादव ने केंद्र व राज्य सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जो सपने दिखाए थे, सरकार अपने उन वादे पर खरी नहीं उतरी। सूबे में इनकी नीतियों से सभी वर्ग के लोग परेशान हो गए हैं। नोटबंदी ने पूरे देश की अर्थव्यवस्था चौपट कर दी। गरीब, किसान, व्यापारी और भी कई छोटे तबके ने नोटबंदी झेली। अब देश में परिवर्तन आएगा। केन्द्र और प्रदेश दोनों में ये परिवर्तन आएगा।
आगामी
चुनावों
की
तैयारियां
पर
ये
बोले:
2019
में
होने
वाले
लोकसभा
चुनाव
को
लेकर
शिवपाल
यादव
ने
सूबे
में
अपनी
नई
पार्टी
के
लिए
ज्यादा
से
ज्यादा
लोगों
को
जोड़ने
का
एलान
किया
है।
नई
पार्टी
के
बारे
में
उन्होंने
कहा
कि
निर्वाचन
आयोग
में
पार्टी
के
रजिस्ट्रेशन
के
लिए
2
महीने
पहले
आवेदन
किया
गया
था,
आज
यह
एतिहासिक
दिन
आया
है।
हाल ही कहे गए थे 'भाजपा का एजेंट'
पूर्व में मायावती को अलॉट किए गए सरकारी बंगले को शिवपाल को दिए जाने पर भाजपा से नजदीकी के रूप में देखते हुए कई दलों व नेताओंशिवपाल यादव सपा से क्यों किनारे कर दिए गए ने शिवपाल को 'भाजपा का एजेंट' तक कह दिया था। भाजपा की ही सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष और राज्य के कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने पिछले दिनों कहा था, 'वे भाजपा के एजेंट बनकर काम कर रहे हैं।, सपा और बसपा में ने भी शिवपाल और भाजपा के बीच 'कुछ तो है' जैसी आशंकाएं व्यक्त की थीं। हालांकि, मंगलवार को शिवपाल ने नई पार्टी का एलान किया तो सुनकर लोग हैरान रह गए।
सपा से हाशिए पर रखे गए तो बनाया था समाजवादी सेक्युलर मोर्चा
समाजवादी पार्टी की विगत सरकार के अंतिम वक्त में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और शिवपाल यादव के समर्थकों के गुट उभरकर सामने आए थे। जिस पर कुनबे में काफी नाटक हुआ। यूपी के चुनावों से ऐन पहले शिवपाल ने कहा था, कि चुनावों के बाद उनके हाथ में वह होगा जो वह चाहते हैं। चुनावों में सपा की हार हुई। जिसके पार्टी पार्टी टूटने की सी नौबत आई। मुलायम ने कभी शिवपाल को नजदीक बताया तो कभी अखिलेश ने कहा कि पार्टी उनकी है। तब ही तय हो गया था कि शिवपाल यादव कुछ अलग ही करेंगे। लिहाजा समाजवादी सेक्युलर मोर्चा बनकर सामने आया। अब उनकी पार्टी का रजिस्ट्रेशन भी हो गया।
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