इलाहाबाद : होमगार्ड भर्ती में घोटाला, नियुक्तियां रद्द, कमांडेंट निलंबित
इलाहाबाद। इलाहाबाद में पिछले दिनों 70 पदों पर हुई होमगार्ड भर्ती में बड़े फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है। इस भर्ती में जांच के दौरान अनियमितता की भरमार मिली है। भर्ती में अधिकारियों द्वारा मनमाने तरीके से पदों को भरने का खुलासा विभागीय जांच में हुआ है। इस भर्ती को पूरा कराने वाले इलाहाबाद के होमगार्ड कमांडेंट को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है जबकि डिप्टी कमांडेंट पर भी गाज गिरी और उन्हें भी तत्काल प्रभाव से हटाकर होमगार्ड मुख्यालय लखनऊ से संबंध कर दिया गय है। वहीं, इस भर्ती को निरस्त कर दिया गया है और कहा गया है कि शासन के बगैर मंजूरी के ही यह भर्ती हुई थी। फिलहाल शासन ने इसी समयावधि में इलाहाबाद की तर्ज पर प्रदेश में जहां कहीं भी होमगार्डों की भर्ती हुई थी उन्हें रद्द करने का आदेश जारी कर दिया है।
क्या
है
मामला
मीडिया
रिपोर्ट्स
के
अनुसार,
अप्रैल
महीने
में
डीजी
होमगार्ड
सूर्य
कुमार
के
निर्देश
पर
होमगार्ड
विभाग
में
85
पदों
पर
भर्ती
प्रक्रिया
शुरू
की
गई
थी।
30
दिन
में
भर्ती
प्रक्रिया
पूरी
होनी
थी
और
उसके
बाद
प्रशिक्षण
शुरू
होना
था।
लेकिन,
आश्चर्यजनक
तरीके
से
इलाहाबाद
में
15
दिन
से
भी
कम
समय
में
पूरी
भर्ती
प्रक्रिया
संपन्न
करा
ली
गई
और
अकेले
70
पद
यहीं
से
भर
दिए
गए।
लेकिन,
भर्ती
प्रक्रिया
खत्म
होने
की
रफ्तार
यही
नहीं
थमी,
तत्काल
चयनित
होम
गार्डों
को
प्रशिक्षण
के
लिए
भी
बुला
लिया
गया।
इतनी
फास्ट
कार्रवाई
के
साथ
इलाहाबाद
होमगार्ड
विभाग
जहां
अपनी
तेजी
दिखा
रहा
था
।वही,
मामले
में
भ्रष्टाचार
की
शिकायत
होमगार्ड
मुख्यालय
में
की
गई,
जिस
पर
जांच
बैठाई
गई
और
अब
जांच
में
भर्ती
घोटाले
की
बातें
सामने
आयी
है।
जांच
में
एक
खुल
गई
पोल
मीडिया
रिपोर्ट
में
बताया
गया
है
कि
होमगार्ड
भर्ती
में
घोटाले
की
शिकायत
के
बाद
जांच
के
लिए
प्रमुख
सचिव
होमगार्ड
कुमार
कमलेश
ने
फैजाबाद
के
डिप्टी
कमांडेंट
जनरल
शरद
चंद्र
त्रिपाठी
और
होमगार्ड
मुख्यालय
के
वरिष्ठ
स्टाफ
अधिकारी
सुनील
कुमार
को
जांच
की
जिम्मेदारी
दी।
अधिकारियों
के
इलाहाबाद
पहुंचने
के
बाद
हड़कंप
मचा।
इस
दौरान
भर्ती
से
जुड़े
सभी
कागजात
तलब
हुए
तो
भारी
खामियां
देखने
को
मिली।
शिकायतकर्ता
कयी
अभ्यार्थी
साक्ष्यों
के
साथ
जांच
टीम
से
मिले
तो
पता
चला
यहां
सिर्फ
उन्ही
लोगों
को
भर्ती
किया
गया
जिनका
किसी
न
किसी
तरह
जुगाड़
रहा।
क्या
बातें
आई
सामने
जांच
में
पता
चला
कि
होमगार्डों
की
भर्ती
में
मनमानी
की
गई
है।
अपने
चहेतों
को
ही
भर्ती
में
शामिल
किया
गया
और
जानबूझकर
ऐसे
लोगों
को
फायदा
पहुंचाया
गया
जो
योग्यता
श्रेणी
में
अव्वल
नहीं
थे।
यहां
तक
की
दौड़
प्रक्रिया
में
भी
पारदर्शिता
नहीं
बरती
गई
और
मनमाने
तरीके
से
चहेतों
को
नंबर
दिए
गए
हैं
।
जबकि
मेडिकल
के
दौरान
भी
भ्रष्टाचार
की
पोल
खुली
है
और
इस
आधार
पर
जांच
कमेटी
ने
अपनी
रिपोर्ट
शासन
को
सौंपी
है
जिसके
बाद
तत्काल
रुप
से
इलाहाबाद
के
कमांडेंट
प्रियव्रत
सिंह
को
निलंबित
कर
दिया
गया
है
जबकि
डिप्टी
कमांडेंट
जनरल
एसी
उपाध्याय
को
इलाहाबाद
से
हटाते
हुए
होमगार्ड
मुख्यालय
लखनऊ
से
संबद्ध
कर
दिया
गया
है।
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