मायावती अगर किसी दलित के घर पानी भी पी लें तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा- रमाशंकर कठेरिया
कानपुर। SC/ST आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष राम शंकर कठेरिया का कहना है कि किसी निर्दोष व्यक्ति को सजा ना मिले यह जिम्मेदारी पुलिस की है। राम शंकर कठेरिया ने बसपा सुप्रीमो मायावती पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी जी ने उनको मुख्यमंत्री बनाया पर उन्होंने दलितों का सबसे ज्यादा नुकसान किया है। मायावती ने सिर्फ अपना और अपने परिवार का ही उद्धार किया। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने ऐलान किया अगर मायावती किसी दलित के घर भोजन कर ले तो हम राजनीति छोड़ देंगे।
सर्किट हाउस में पत्रकार वार्ता में एससी/एसटी आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष राम शंकर कठेरिया ने बताया कि एस सी एस टी एक्ट वी पी सिंह लाये थे तब से उसमे कोई परिवर्तन विशेष रूप से नहीं हुआ। थावरचंद गहलोत ने जब एस सी एस टी एक्ट में और कई मुद्दे जोड़े थे उसके बाद जब सुप्रीम कोर्ट ने उसमे संशोधन किया तो पूरे देश में हल्ला हुआ। सुप्रीम कोर्ट के संशोधन के बाद एस सी वर्ग भी सड़को पर उतरा था। एससी वर्ग को उसको समझने की जरुरत थी लेकिन जब पार्लियामेंट में सर्व सम्मति से सुप्रीम कोर्ट के संशोधन को वापस किया। उसके बाद देश में कुछ जगहों पर कहा गया की सवर्ण इसका विरोध कर रहे हैं, वह इसके खिलाफ हैं। बीस साल पहले जो एस सी एस टी एक्ट बना था वही दुबारा बनाया गया है उसमे किसी प्रकार का संशोधन नहीं किया गया। एससी एसटी एक्ट के मामले में कोई निर्दोष व्यक्ति को सजा ना मिले यह जिम्मेदारी पुलिस की है। कठेरिया का कहना है की आगरा जिले में समीक्षा करने पर पता चला कि एक साल में 16 हजार केस दर्ज किये गए जिसमे 16 हजार में एस सी एस टी के 156 केस थे।
अलीगढ़ यूनिवर्सिटी में अनुसूचित जाती और पिछड़ी जाती के छात्रों को रिजर्वेशन नहीं मिल रहा है जबकि सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों ने कहा था कि अलीगढ़ यूनिवर्सिटी मॉयनॉरटी यूनिवर्सिटी नहीं है 2005 व 06 में इलाहाबाद यूनिवर्सिटी ने कहा कि एमएचआरडी ने कहा मायनॉरिटी कमीशन ने हमको लिखकर दिया है कि अलीगढ़ यूनिवर्सिटी मायनारटी यूनिवर्सिटी नहीं है। अलीगढ़ यूनिवर्सिटी में रीजर्वेशन ना मिलना दुर्भागयपूर्ण और चिंता की बात है। ऐसा लग रहा है कि जैसे अलीगढ़ यूनिवर्सिटी भारत के अंदर है ही नहीं है।
कमीशन खुद सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखने जा रहा है। बसपा सुप्रीमो मायावती पर हमलावर होते हुए कठेरिया ने कहा कि वह सपा से गठबंधन की बात कर रही है लेकिन यह स्वार्थ का गठबंधन है और किसी रूप में हो नहीं रहा है। सपा और बसपा दोनों 2022 में सत्ता का सपना देख रही है लेकिन यह स्वार्थ का गठबंधन होने वाला नहीं है। मायावती दलितों को अपना मानती है अगर मायावती उत्तर प्रदेश में किसी भी दलित के घर भोजन कर लें या पानी पी ले तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा।
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