काशी में भी है द्वादश ज्योतिर्लिंग, सावन माह मे दर्शन के लिए उमड़ती है भक्तों की भारी भीड़
वाराणसी। काशी में भी द्वादश ज्योतिर्लिंग विराजमान है। सावन मास में इनके दर्शन पूजन करने का महत्व है। बहुत से भोले भक्त चाह कर भी बारहों ज्योतिर्लिंग के दर्शन नहीं कर पाते हैं। बारह ज्योतिर्लिंगों में छटवें विशेवश्वर हैं जो कि बाबा विश्वनाथ के नाम से विश्वनाथ गली में स्थित है। काशी के अलग- अलग क्षेत्रों में द्वादश ज्योतिर्लिंग विराजमान है जिसका दर्शन पूजन कर शिव भक्त अपना जीवन सार्थक और पुण्य अर्जित कर सकते हैं। सावन में शिव की पूजन विशेष फलदायी होती हैं। काशी के वासी और अक्षयवट हनुमान मन्दिर के महंथ बच्चा पाठक ने बताया की वो हर महीने की कृष्ण पक्ष के तेरस पर काशी में विराजते द्वादश ज्योतिर्लिंगों की पूजा करते हैं। उन्होंने बताया कि वो अपने 15 साथियों के साथ यह यात्रा हर महीने करते हैं। यात्रा की शुरूआत मध्यमेश्वर ज्योतिर्लिंग से होती है जो कि संकठा मन्दिर के समीप गुरु बृहस्पति के दर्शन कर समाप्त होती है। उन्होंने बताया कि सभी लोग पूरे भाव मन से बाबा का पूजन करते हैं। श्री पाठक यह यात्रा लगातार लगभग 5 वर्षो से लगातार करते आ रहे हैं।
काशी में कहां-कहां है द्वादश ज्योतिर्लिंग
1-
सोमनाथ
,
यह
मन्दिर
(मकान
न.,
डी16/34
मान
मन्दिर
घाट
पर
स्थित
है)
2-
मल्लिकार्जुन,
यह
मन्दिर
(मकान
न.,
सी59/65
सिगरा
पर
स्थित
है)
3-
महाकालेश्वर
-
यह
मन्दिर
(मकान
न.,
52/3
दारानगर
में
स्थित
है)
4-
केदारेश्वर-
यह
मन्दिर
(केदार
घाट
पर
स्थित
है)
5-
भीमा
शंकर-
यह
मन्दिर
(
मकान
न.,
सीके
32/12
नेपाली
खपड़ा
चौक
पर
स्थित
है)
6-
विशेश्वर-
यह
मन्दिर
(रेड
जोन
विश्वनाथ
गली
में
स्थित
है)
7-
त्रयम्बकेश्वर-
यह
मन्दिर
(बांस
फाटक
(हौज
कटोरा)
स्थित
है)
8-
बैधनाथ
धाम-
यह
मन्दिर
(
मकान
न.,
37/1
बैजनत्था
में
स्थित
है)
9-
नागेश्वर-
यह
मन्दिर
(
पठानी
टोला
में
स्थित
है)
10-
रामेश्वरम्-
यह
मन्दिर
(रामकुण्ड
के
तट
पर
स्थित
है)
11-
घुश्मेश्वर-
यह
मन्दिर
(मकान
न.,
बी31/126
कामख्या
देवी
मन्दिर
में
कमच्छा
स्थित
है)
12-
ओमकारेश्वर
-
यह
मन्दिर
(
मकान
न.,
सीके
1/21
पठानी
टोला
में
स्थित
है)