अमित भाई शाह जी, कुछ पता चला उत्तर प्रदेश की जनता का क्या मूड हैए?
अमित भाई शाह, एक बात तो बताइए, वो मैंने उत्तर प्रदेश में पहले कहा था कि झोला उठाकर चल दूंगा, उसे यूपी के लोग सीरियसली तो नहीं ले लेंगे?
नई दिल्ली। पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव का बिगुल जब से बजा है। हर पार्टी अपने जोड़-तोड़ में लगी है। आम कार्यकर्ता से लेकर सीनियर नेता तक अपनी गोटियां बिछा रहे हैं। पंजाब और उत्तर प्रदेश के चुनावों को लेकर जनता में खास उत्साह है, तो नेता भी इन राज्यों को लेकर चिंतित है। समाजवादी पार्टी के नेता तो अपनी आपस की लड़ाई में ही उलझे हैं इसलिए दूसरे लोगों की बात कम ही कर रहे हैं लेकिन दूसरी पार्टी के लोग चुनाव की चर्चा खूब कर रहे हैं।
हाल
ही
में
पीएम
मोदी
उत्तर
प्रदेश
इलेक्शन
की
तैयारी
का
जायजा
लेने
प्रदेश
में
पहुंचे,
उन्हें
रैली
को
भी
संबोधित
किया।
रैली
में
भीड़
से
वो
खुश
तो
थे
लेकिन
अंदर
ही
अंदर
चुनाव
परिणामों
को
लेकर
फिक्रमंद
भी।
ऐसे
में
अपने
संबोधन
से
पहले
स्टेज
बराबर
में
बैठे
पार्टी
अध्यक्ष
और
अपने
मित्र
अमित
शाह
से
उन्होंने
अपने
मन
की
बात
पूछ
डाली।
पीएम-
अमित
भाई,
मित्र
एक
बात
बताओ,
यूपी
मे
सब
ठीक
तो
है?
शाह-
अरे
नरेंद्र
भाई..
ओह
सॉरी
पीएम
साब,
आप
क्यों
घबरा
रहे
हैं,
उत्तर
प्रदेश
की
जनता
हमारे
साथ
है.
भीड़
नहीं
देख
रहे
रैली
में,
रैला
है
रैला।
पीएम-
अच्छा,
तो
क्या
जो
इस
रैली
में
आई
भीड़
का
मूड
हैए,
वही
प्रदेश
का
भी
मूड
है?
शाह-
जी
बिल्कुल.
हमारी
तैयारी
चल
रही
है।
पीएम-अमित,
भाई
कहीं
दिल्ली-बिहार
की
तरह
यहां
भी
तो
नहीं
हो
जाएगा?
ये
दिल्ली
और
बिहार
के
बाद
मेरे
मन
में
एक
खटका
सा
लगा
रहता
है,
वे
दरअसल
बात
एक
और
भी
है।
शाह-
वो
क्या
पीएम
साब?
पीएम-वो
मैंने
उत्तर
प्रदेश
में
हाल
ही
में
कहा
था
कि
झोला
उठाकर
चल
दूंगा,
उसे
यूपी
के
लोग
सीरियसली
तो
नहीं
ले
लेंगे?
और
फिर
ये
नोटबंदी
कहीं..?
शाह-आप,
फिक्र
ना
करें.
झोला
वाली
बात
तो
लोग
भूल
गए।
मुलायम
सिंह
का
परिवार
अपने
झगड़े
में
फंसा
है
और
मायावती
का
आधा
परिवार
(पार्टी)
हमारे
पास
ही
आ
गया
है
तो
फिर
बताओ
जीतेगा
कौन?
पीएम-बहुत
बढ़िया
अमित
भाई,
खैर
ये
तो
बताइए
कि
इस
बार
क्या
कहूं
कि
मुझे
गंगा
ने
बुलाया
है?
कि
कुछ
और?
शाह-
वो
बातें
तो
सब
मैंने
जुमले
बता
दिए
हैं
टीवी
पर,
आपकों
किसी
ने
वाट्सएप
पर
वीडियो
नहीं
भेजी
क्या,
आप
भी,
भिखारी
की
स्वाइप
मशीन
की
वीडियो
देखी
लेकिन
मेरी
नहीं
देखी,
खैर
गाय-गंगा
की
बात
मत
करना।
जाइए
पोडियम
पर
अब
आपको
बोलना
है।
एक तरफ भाजपा उत्तर प्रदेश में दांव-पेंच आजमा रही है तो दूसरी ओर आम आदमी पार्टी पंजाब में लगी हुई है। पंजाब में अरविंद केजरीवाल कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते लेकिन उन्हें समझ नहीं आ रहा कि कैसे चुनाव में धाक जमाई जाए। ऊपर से पंजाब से सांसद भगवंत मान उन्हें परेशान किए हुए हैं कि मुझको मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाओ। भगवंत फिर आए हैं केजरीवाल के पास।
केजरीवाल- तुम इलेक्शन पर ध्यान दो. मेरे पास जीव विज्ञान की किताब से भी मोदी डायरी है, वो मोटी डायरी है. मुंह से निकल जाता है. मैं बादल-वादल सबकी पोल खोल के रख दूंगा. इलेक्शन हम जीतेंगे।
मान-वो सब ठीक है, लेकिन आप तो दिल्ली में है तो यहां में ही ठीक रहूंगा?
केजरीवाल- दिल्ली में तो सब मिले हुए हैं जी काम कौन करने देता है, इसलिए मैं सोच रहा था कि इधर ही.. नहीं मैं दिल्ली में ही हूं तुम इलेक्शन पर ध्यान दो.
मान- मुख्यंमंत्री जी, आप दिल्ली में ही रहो वैसे भी अब डायरी कोई काम नहीं कर रही अब तो मोबाइल का जमाना है।
केजरीवाल- ये मोबाइल में क्या कर रहे हो तुम, वीडियो बना रहे हो? अरे ठहरो डिलीट करो इसे, संसद की वीडियो की तरह इसे भी राजनीतिक विज्ञान के छात्रों के लिए फेसबुक पर मत डाल देना, अरे सुन ये क्या भंगड़ा शुरू कर दिया? भाई मान बात मान जा ये वीडियो बच्चों के खेलने की चीज नहीं है. प्लीज वीडियो डिलीट... ओए
(यह एक व्यंग्य लेख है)
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