पौराणिक नगरी अयोध्या के प्राचीन मंदिरों को गिराए जाने पर संत समाज नाराज
अयोध्या। अयोध्या में पुराने जर्जर मंदिरों को गिराने के निर्देश को लेकर साधु संत परेशान हैं। इसी क्रम में यूपी सरकार की ओर से अयोध्या के महाविरिया मंदिर को जमींदोज करने की कवायद शुरू हो गई है। यह मंदिर 500 साल पुराना है और अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। बेहद जर्रजर हो चुके इस मंदिर को ज़मींदोज करने का काम शुरू हो चुका है। जिसे लेकर संत समाज में व्यापक रोष है। संत समाज का कहना है इस मंदिर को जमींदोज करने की बजाय इसका जीर्णोद्धार किया जाए। हालांकि अभी तक इस मंदिर का अधिकतर हिस्सा गिरा दिया जा चुका है।
धार्मिक नगरी में 500 साल पुराने इस मंदिर को गिराने के विरोध को लेकर संत समाज ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि इन प्राचीन मंदिरों को गिराने की जगह इनके संरक्षण की व्यवस्था दी जाए। राम जन्मभूमि के मुख्य प्रणेता अर्चक आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि प्रदेश में योगी सरकार आने के बाद अयोध्या के विकास के लिए सैकड़ों करोड़ रुपए की योजनाएं पास हुई हैं। लेकिन अयोध्या के पुराने मंदिरों को गिराकर नया अयोध्या बसाने की योजना को कतई सही नहीं ठहराया जा सकता।
संतों का कहना है कि प्रदेश सरकार को नये मंदिरों की स्थापना की अपेक्षा पुराने जर्जर मंदिरों की तरफ विशेष ध्यान देना चाहिए और उन्हें संरक्षित कर इनका जीर्णोद्धार कराया जाना चाहिए ना कि इन्हें गिराया जाना चाहिए। अगर अयोध्या के प्राचीन मंदिरों को इसी तरह गिराया गया तो अयोध्या पौराणिक मंदिरों के नाम पर अपनी पहचान खो देगा। इसलिए नई अयोध्या बसाने के साथ प्राचीन अयोध्या के संरक्षण की भी व्यवस्था की जानी चाहिए।
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