अखिलेश खेमे की बड़ी कार्रवाई, समाजवादी पार्टी के कई बैंक खाते कराए फ्रीज
जानकारी के मुताबिक इन बैंक अकाउंट में पार्टी का करीब 500 करोड़ रुपये जमा है। बताया जा रहा है कि अखिलेश यादव खेमे से जुड़े बड़े नेता ने इन बैंक अकाउंट को फ्रीज कराया है।
लखनऊ। समाजवादी पार्टी में नेतृत्व को लेकर जारी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। भले अखिलेश यादव पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन गए हों, लेकिन मुलायम सिंह यादव का खेमा अभी तक पूरी तरह से उनके समर्थन में नहीं आया है। इस बीच शिवपाल यादव शुक्रवार सुबह अखिलेश यादव से मुलाकात के लिए पहुंचे हैं। इस बीच खबर आ रही है कि समाजवादी पार्टी के कई बैंक खाते फ्रीज किए जा चुके हैं। इसका मतलब है कि इन बैंक अकाउंट से फिलहाल कोई लेन-देन नहीं किया जा सकेगा।
मुलायम-शिवपाल खेमे को तगड़ा झटका
जानकारी के मुताबिक इन बैंक अकाउंट में पार्टी का करीब 500 करोड़ रुपये जमा है। बताया जा रहा है कि अखिलेश यादव खेमे से जुड़े बड़े नेता ने इन बैंक अकाउंट को फ्रीज कराया है। उन्होंने संबंधित बैंकों को पत्र लिखकर इन बैंक अकाउंट को फ्रीज करने के लिए कहा है। जिन बैंक अकाउंट को फ्रीज किया गया है उनमें दिल्ली स्थित स्टेट बैंक की शाखा, इटावा के बैंक ऑफ बड़ौदा की शाखा समेत लखनऊ में स्थित कई बैंक की शाखाएं शामिल हैं। बताया जा रहा है कि इन बैंकों में पार्टी ने करीब 500 करोड़ ने जमा कराए थे, जिन्हे फिलहाल फ्रीज किया गया है। अखिलेश यादव खेमे की ओर से की गई ये बड़ी कार्रवाई विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर की गई है। इस बीच पता चला है कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष और सांसद संजय सेठ को भी इस बारे में जानकारी नहीं है। दूसरी ओर पार्टी के कई बड़े नेताओं को भी खाते फ्रीज होने की जानकारी नहीं है।
समाजवादी
पार्टी
में
नेतृत्व
को
लेकर
झगड़े
में
बड़ा
मोड़
उस
समय
आया
था
जब
एक
जनवरी
को
पार्टी
के
राष्ट्रीय
अधिवेशन
में
अखिलेश
यादव
को
पार्टी
का
राष्ट्रीय
अध्यक्ष
बनाया
गया।
उस
समय
मुलायम
सिंह
यादव
ने
इसका
विरोध
किया
था।
उन्होंने
इस
मामले
में
चुनाव
आयोग
से
शिकायत
भी
की।
हालांकि
समाजवादी
पार्टी
के
कई
वरिष्ठ
नेता
अखिलेश
यादव
के
समर्थन
में
हैं।
गुरुवार
को
ही
अखिलेश
यादव
के
साथ
बैठक
के
बाद
समाजवादी
पार्टी
के
200
से
ज्यादा
विधायकों
ने
एक
हलफनामे
पर
हस्ताक्षर
किया।
इस
हलफनामे
में
साफ
तौर
से
अखिलेश
यादव
के
समर्थन
का
जिक्र
है।
बता
दें
कि
एक
जनवरी
को
अखिलेश
यादव
के
राष्ट्रीय
अध्यक्ष
चुने
जाने
के
बाद
पार्टी
पर
वर्चस्व
की
जंग
तेज
हो
गई
थी।
प्रदेश
कार्यालय
पर
अखिलेश
खेमा
पहले
ही
कब्जा
कर
लिया
था।
कई
जिला
अध्यक्षों
को
भी
बदल
दिया
गया
था।
मुलायम
सिंह
यादव
अकेले
पड़
गए
हैं।
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