जमातियों के बारे में सूचना देने वालों को मिलेगा 10 हजार का इनाम, यूपी में IG की घोषणा
कानपुर। उत्तर प्रदेश में कानपुर पुलिस ने घोषणा की है कि जो लोग जमातियों के बारे में सूचना देंगे, उन्हें 10 हजार रुपए का इनाम दिया जाएगा। इस बारे में खुद आईजी मोहित अग्रवाल ने लोगों से आग्रह किया। मोहित अग्रवाल ने कहा, "कोरोना से संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। मतलब, जमाती कहीं छुपे हैं और अपनी जांच नहीं करा रहे, उनके कारण लगातार संक्रमण के नए मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे में जो लोग उनके बारे में सूचना देंगे, वो पुरस्कृत किए जाएंगे।'
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कई राज्यों में कोरोना मरीजों का ताल्लुक जमात से
इससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग के जॉइंट सेक्रेटरी लव अग्रवाल ने शनिवार को तबलीगी जमात से जुड़े मरीजों के बारे में चौंकाने वाला खुलासा किया था। अग्रवाल ने बताया था कि, अब तक सामने आए कुल 14,378 कोरोना पॉजिटिव केसेस में जमातियों की बड़ी भूमिका है। देशभर से 4291 मरीज (कुल मरीजों के लगभग 29.8%) निजामुद्दीन मरकज कार्यक्रम से संबंधित हैं। कुल 23 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश जमातियों की वजह से प्रभावित हुए हैं। मुख्यत: तमिलनाडु में 84 फीसदी मामले, दिल्ली में 63 फीसदी, तेलंगाना में 79 फीसदी, उत्तर प्रदेश में 59 फीसदी और आंध्र प्रदेश में 61 प्रतिशत मामले जमातियों से संबंधित हैं। हरियाणा में 66 फीसदी मामले तबलीगी जमातियों की वजह से बढ़े। वहीं, कम मामले वाले राज्यों (जैसे अरुणाचल प्रदेश) का भी कनेक्शन निजामुद्दीन मरकज से संबंधित पाया गया है।
मार्च में दुनियाभर से मरकज में जुटे थे तबलीगी जमाती
ज्ञातव्य है कि, दिल्ली स्थित निजामुद्दीन मरकज में तब्लीगी जमात के बड़े कार्यक्रम आयोजित हुए थे। 9 से 16 मार्च तक की अवधि में यहां हजारों भारतीयों के साथ सैकड़ों विदेशी मुसलमानों ने हिस्सा लिया था। जो बाहर से आए थे, उनमें कई कोरोना वायरस से संक्रमित थे। ऐसे में उनके संपर्क में आए अन्य लोग भी संक्रमित हो गए। जैसे ही जमातियों का सम्मेलन खत्म हुआ, लोग अपने-अपने प्रांतों में लौटने लगे। बाद में पुलिस-प्रशासन को इस बारे में जानकारी मिली, तो कहा जाने लगा कि, जमात से संबंधित लोग जहां भी पहुंचे हैं, वे अपने स्वास्थ्य की जांच कराएं।
25,000 से अधिक जमातियों की तलाश और क्वारंटाइन प्रक्रिया
पुलिस-प्रशासन एवं अन्य एजेंसियों ने 25,000 से अधिक तब्लीगी जमात के सदस्यों और उनके संपर्क में आए लोगों को खोजने का काम शुरू किया। बड़े पैमाने पर अभियान शुरू करने के बाद देशभर में हजारों जमातिए क्वारंटाइन किए गए। यह स्थिति न केवल भारत, अपितु पाकिस्तान, मलेशिया और ब्रुनेई में भी सामने आई। उन देशों में जमातियों की भूमिका संदिग्धों के रूप में चिह्नित की गई।