बीजेपी के बेटे को टिकट ना देने से खफा रीता बहुगुणा का चुनावी राजनीति से संन्यास का ऐलान
बीजेपी के बेटे को टिकट ना देने से खफा
लखनऊ, 27 जनवरी: प्रयागराज से भारतीय जनता पार्टी पार्टी की सांसद रीता बहुगुणा जोशी ने चुनावी राजनीति से सन्यास का ऐलान कर दिया है। भाजपा की ओर से उनके बेटे मयंक जोशी को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं दिए जाने के बाद रीता बहुगुणा ने ये फैसला लिया है। रीता बहुगुणा जोशी ने एबीपी न्यूज से एक बातचीत में चुनावी राजनीति से संन्यास की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि बतौर सांसद 2024 में उनका कार्यकाल पूरा हो जाएगा और इसके बाद वो कोई चुनाव नहीं लड़ेंगी।
बेटे को टिकट ना मिलने की वजह से नाराज हैं रीता बहुगुणा
रीता बहुगुणा जोशी अपने बेटे मयंक जोशी के लिए भाजपा से लखनऊ कैंट सीट से टिकट मांग रही थीं। रीता बहुगुणा ने भाजपा नेताओं से ये तक कहा कि अगर पार्टी एक परिवार में दो लोगों को टिकट नहीं देना चाहती तो वह अपनी लोकसभा सदस्यता से इस्तीफा देने को तैयार हैं। इसके बावजूद पार्टी ने मयंक को टिकट नहीं दिया। गुरुवार को रीता बहुगुणा ने कहा कि भाजपा ने उनके बेटे मयंक को जोशी के बेटे को टिकट देने से इनकार कर दिया है और अब वह खुद भी चुनावी राजनीति से संन्यास ले रही हैं। रीता बहुगुणा ने कहा कि मयंक खुद समझदार हैं और वह अपना सियासी फैसला लेने के लिए स्वतंत्र हैं, वह जो चाहें फैसला ले सकते हैं।
उपचुनाव में भी नहीं मिला था मयंक को टिकट
रीता बहुगुणा जोशी लखनऊ कैंट विधानसभा सीट से लगातार दो बार, 2012 और 2017 में विधायक रहीं हैं। 2012 में वह कांग्रेस से चुनाव लड़ी थीं, इसके बाद 2017 में वो भाजपा में आ गईं और एक बार फिर लखनऊ कैंट से विधायक बनीं। 2019 में वो प्रयागराज से सांसद बन गईं तो लखनऊ कैंट सीट पर उपचुनाव हुआ, रीता तब भी बेटे मयंक जोशी को यहां से लड़ाना चाहती थीं लेकिन पार्टी ने उनको टिकट नहीं दिया। अब एक बार फिर रीता ने बेटे के लिए टिकट मांगा लेकिन उनको निराशा हाथ लगी तो उन्होंने चुनावी राजनीति से ही दूर होने का ऐलान कर दिया।
बहुत बड़े राजनीतिक परिवार से आती हैं रीता बहुगुणा
रीता बहुगुणा जोशी हेमवती नंदन बहुगुणा की बेटी हैं जो उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और एक समय में कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे हैं। उनके भाई विजय बहुगुणा उत्तराखंड के सीएम रह चुके हैं। रीता बहुगुणा जोशी ने लंबे समय तक कांग्रेस में ही राजनीति की है। वो महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुकी हैं। उत्तर प्रदेश के 2017 के चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हो गई थीं।
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