प्रख्यात साहित्यकार पन्ना लाल गुप्ता 'मानस' का इलाहाबाद में निधन
इलाहाबाद। ख्याति प्राप्त लेखक व कई साहित्य पुरस्कार से सम्मानित साहित्यकार पन्ना लाल गुप्ता 'मानस' का निधन हो गया है। इलाहाबाद के नाजजरेथ अस्पताल में गुरुवार की शाम उन्होंने आखरी सांस ली। वह हिंदी साहित्य जगत के मशहूर साहित्यकार डॉ धर्मवीर भारती, उपेंद्रनाथ अश्क जैसे लेखकों के सानिध्य में रहे थे, उनके निधन के बाद साहित्य जगत में शोक की लहर है। शुक्रवार को इलाहाबाद के दारागंज घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
पन्ना
लाल
गुप्ता
का
परिचय
पन्ना
लाल
गुप्ता
का
जन्म
12
दिसंबर
1933
को
इलाहाबाद
के
खुल्दाबाद
इलाके
में
हुआ
था।
बचपन
से
ही
पन्नालाल
को
साहित्य
और
साहित्य
जगत
के
सितारों
से
काफी
लगाव
था।
यही
कारण
था
कि
बचपन
से
ही
वह
साहित्य
के
दिग्गजों
के
इलाहाबाद
में
होने
वाले
कार्यक्रमों
में
पहुंच
जाया
करते
थे।
पन्नालाल
को
मशहूर
साहित्यकार
डॉक्टर
धर्मवीर
भारती,
उपेंद्रनाथ
अश्क
जैसे
दिग्गजों
का
सानिध्य
प्राप्त
था।
युवावस्था
में
आने
के
बाद
वह
पुलिस
डिपार्टमेंट
में
नौकरी
करने
लगे
।
बतौर
डिप्टी
एसपी
रहते
हुए
उन्होंने
कई
कालजई
रचनाएं
की।
जिनमें
उन
की
सबसे
पहली
किताब
1961
में
मानस
सतसई
के
नाम
से
प्रकाशित
प्रकाशित
हुई
जो
काफी
चर्चित
रही।
इसके
एक
साल
बाद
इन्होने
1962
में
त्रिभुवन
अखबार
का
भी
संपादन
किया।
पन्नालाल
अपने
पीछे
पत्नी
मालती,
तीन
बेटे
प्रबोध
सुबोध
व
बेटी
प्रतिभा
के
अलावा
नाती-पोतों
से
भरा
पूरा
परिवार
छोड़
कर
गए
हैं।
प्रसिद्ध
रचनाएं
पन्ना
लाल
गुप्ता
का
उपनाम
मानस
था
और
उन्होंने
कई
बड़ी
रचनाएं
की
जिन्हें
खूब
ख्याति
मिली
और
कई
पुरस्कार
भी
इसके
लिए
उन्हें
प्राप्त
हुए।
उनकी
रचनाओं
में
मानस
सतसई,
धरोहर,
हिंदी
भाषा
प्रभाकर,
हिंदी
साहित्य
का
संक्षिप्त
इतिहास,
खुसरो
बाग
इतिहास
के
आईने
में,
हमारे
नेता
हमारी
वीरांगनाएं,
कैसे-कैसे
लोग
आदि
पुस्तकें
खूब
चर्चित
रहीं।
उनकी
अंग्रेजी
में
लिखी
पुस्तक
पुलिस
पब्लिक
रिलेशन
को
आम
साहित्य
प्रेमियों
के
अलावा
पुलिस
डिपार्टमेंट
में
भी
काफी
पसंद
किया
जाता
है।
पन्नालाल
को
उत्तर
प्रदेश
हिंदी
संस्थान,
हिंदी
साहित्य
सम्मेलन,
सिरोठिया
सम्मान
आदि
से
सम्मानित
किया
गया
था।
साथ
ही
उन्हें
राष्ट्रपति
पुलिस
पदक
भी
मिल
चुका
था।
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