प्रदेश का वीवीआईपी शहर जहां बेड पर नहीं बरगद के पेड़ के नीचे डॉक्टर कर रहा था इलाज
रायबरेली। कांग्रेस की सर्वेसर्वा और दिग्गज नेता सोनिया गांधी जहां से सांसद हैं, जिस शहर से इंदिरा गांधी और राजीव गांधी से लेकर सोनिया गांधी तक ने चुनाव लड़ा और जीता उस तथाकथित वीवीआई शहर के हाल पर विश्वास करना मुश्लिक हो जाएगा। इस शहर के हाल का अंदाजा सिर्फ इसी बात से लगाया जा सकता है कि रायबरेली शहर में डॉक्टर मरीजों का इलाज बरगद के पेड़ के नीचे करते हैं और खुले आम ऐसी लापरवाही देखने के बाद भी उच्चाधिकारी और प्रशासन मौन दिखाई देता है।
मामला रायबरेली के डमलऊ के सीएचसी का है जहां मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के दावों की धरातल पर हकीकत कुछ और ही कहानी बयां कर रही है। स्वास्थ्य सेवाओं की हकीकत ये है कि गरीबों को बेड के बजाय बरगद के नीचे बने चबूतरे पर उपचार कराने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। अस्पताल में तीस बेड होने के बावजूद बाहर आम की पेड़ की छाव में इलाज कराना पड़ रहा है।
डलमऊ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बुधवार को तेज दर्द से कराह रहे बुजुर्ग को लाया गया था। अस्पताल में दो वार्ड और तीस बेड है लेकिन मरीज को प्राथमिक उपचार के लिए वार्ड में भर्ती तक नहीं किया गया। बताया गया है कि एक वार्ड में मरम्मत का काम चल रहा था, जबकि दूसरे वार्ड में पोलियो अभियान से संबंधित मीटिंग चल रही थी। बुजुर्ग को दर्द ज्यादा था, इसलिए उसे परिजनों ने चबूतरे पर ही लिटा दिया। इमरजेंसी में तैनात चिकित्सक को उनकी बीमारी के बारे में बताया गया। चिकित्सक आए और चबूतरे पर ही उसका इलाज शुरु कर दिया। इस पर वहां मौजूद तीमारदारों ने आपत्ति की जिस पर कुछ देर बाद बुजुर्ग को वार्ड में भर्ती कर लिया गया।
जब इस संबंध में सीएचसी प्रभारी विनोद कुमार सिंह चैहान से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि अस्पताल के एक वार्ड में मरम्मत व दूसरे में मीटिंग चल रही थी। पेड़ के नीचे बुजुर्ग के उपचार का मामला संज्ञान में नहीं है लेकिन जांच कराई जाएगी।
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