योगी आदित्यनाथ के राजनीतिक सफर पर एक नजर
उत्तर प्रदेश में भाजपा के सीएम केंडिडेट के तौर पर लगातार योगी आदित्यनाथ का नाम लिया रहा है। अजय सिंह से योगी आदित्यनाथ बनने तक उत्तर प्रदेश में उनका राजनीतिक सफर काफी दिलचस्प रहा है।
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से सांसद योगी आदित्यनाथ लगातार सुर्खियों में बने रहते हैं। उनको को पंसद करने वाले और नापसंद करने वाले सभी एक बात को मानते हैं कि उन्हें पूर्वी उत्तर प्रदेश की राजनीति में अनदेखा नहीं किया जा सकता है। सांसद योगी आदित्यनाथ का नाम इस समय उत्तर प्रदेश में भाजपा के सीएम केंडिडेट के तौर पर लगातार उछाला जा रहा है। आज उत्तर प्रदेश में भाजपा का अहम चेहरा आदित्यनाथ का राजनीतिक सफर काफी दिलचस्प रहा है।
अल्पसंख्यक समुदाय, खासकर मुस्लिमों को लेकर काफी आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करने वाले योगी का असली नाम अजय सिंह है लेकिन उन्हें शोहरत मिली है योगी आदित्यनाथ के नाम से। उत्तराखंड के एक गांव में पैदा हुए योगी ने गढ़वाल यूनिवर्सिटी से बीएससी की पढ़ाई की। पढ़ाई के बाद वो गोरखनाथ मंदिर के महंत अवैद्यनाथ के संपर्क में आए। मंहत ने दीक्षा देकर अजय को योगी आदित्यनाथ का नाम दिया। अवैद्यनाथ ने 1998 में राजनीति से संन्यास लिया तो योगी आदित्यनाथ को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया।
अवैद्यनाथ ने 1998 में अपनी जगह योगी आदित्यनाथ को गोरखपुर से लोकसभा चुनाव लड़वाया, चुनाव जीतकर सिर्फ 26 साल की उम्र में योगी लोकसभा में पहुंच गए। तब से लगातार गोरखपुर लोकसभा सीट पर योगी का कब्जा है। योगी आदित्यनाथ अपनी कट्टर हिन्दू छवि के लिए जाने जाते हैं। राजनीति में पहचान बनी तो उन्होंने हिंदू युवा वाहिनी का गठन किया। वाहिनी पर कई मौकों पर कानून हाथ में लेने के आरोप लगे हैं। 2007 में गोरखपुर दंगे में योगी आदित्यनाथ को मुख्य आरोपी बनाया गया। इसमें उनकी गिरफ्तारी भी हुई। आदित्यानाथ गोरखनाथ मठ के महंत भी हैं।
योगी आदित्यनाथ ने राजनीति में अपनी ताकत बढ़ने पर गोरखपुर के कई ऐतिहासिक मुहल्लों के नाम तक बदलवा दिए हैं। उन्होंने उर्दू बाजार का नाम हिंदी बाजार कराया तो अली नगर को आर्यनगर का नाम दिया। मियां बाजार को माया बाजार का नाम दिया गया। ऐसे और भी कई उदाहरण हैं, जब आदित्यनाथ के सामने शासन-प्रशासन मुंह ताकते नजर आए हैं।
पांच बार के सांसद योगी आदित्यनाथ इस समय खुद को उत्तर प्रदेश में भाजपा का सीएम केंडिडेट घोषित कराना चाहते हैं। इसके लिए उनके समर्थक पोस्टरबाजी भी करते रहते हैं। साथ ही सोशल मीडिया पर भी एक धड़ा उनको सीएम केंडिडेट होने की बात कहता है। हालांकि उनकी ये ख्वाहिश पूरी होगी इस पर कुछ कहना मुश्किल है। इतना जरूर कहा जा सकता है कि योगी विधानसभा चुनाव में भाजपा का एक बड़ा चेहरा होंगे।