UP में रोक के बाद भी जमकर हुई आतिशबाजी, खतरनाक स्तर पर पहुंचा AQI
लखनऊ। बढ़ते वायू प्रदूषण की चिंताजनक स्थिति को देखते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने यूपी के 14 जिलों में आतिशबाजी पर रोक लगाई थी। लेकिन एनजीटी की रोक के बावजूद भी यूपी के इन जिलों में जमकर आतिशबाजी हुई, जिसकी वजह से एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) खतरनाक स्तर पर पहुंच गया। दरअसल, रोक के बावजूद भी यूपी में धड़ल्ले से पटाखों की बिक्री हुई, बल्कि लोगों ने जमकर आतिशबाजी की। आलम यह रहा कि मुजफ्फरनगर, आगरा, वाराणसी, मेरठ, हापुड़, गाजियाबाद, कानपुर, लखनऊ, मुरादाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, बागपत, बुलंदशहर और प्रयागराज समेत कई जिलों में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया।
Recommended Video
राजधानी लखनऊ में एनजीटी और प्रशासन के आदेश को ताक पर रखकर जमकर आतिशबाजी की गई। आतिशबाजी की वजह से वायु प्रदूषण खतरनाक हो गया, जिसकी वजह से यहां सांस के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ। तो वही आतिशबाजी की वजह से लखनऊ का एयर क्वालिटी इंडेक्स 441 हो गया। शनिवार देर रात तक लखनऊ का एयर क्वालिटी इंडेक्स 881 था पर था।
ऐसा ही कुछ आगरा, मेरठ, कानपुर, मुरादाबाद, गाजियाबाद, नोएडा में भी देखने को मिला। पिछले तीन-चार दिनों से 300 के आसपास चल रहा प्रदूषण दीपावली की रात खतरनाक स्तर पर पहुंच गया। शाम तक तो लोगों ने खूब संयम बरता, लेकिन इसके बाद लोगों ने एनजीटी के आदेशों को आग लगा दी। कानपुर में एक्यूआई लेवल 522, मुरादाबाद में 411, मेरठ और आगरा में भी 400 के पार पहुंच गया। तो वहीं, गाजियाबाद और हरियाणा के फतेहाबाद जिले संयुक्त रूप से देश में सबसे प्रदूषित शहर हो गया है। यहां की हवा में सांस लेना बेहद खतरनाक है। डॉक्टर मास्क पहनकर ही घर से बाहर निकलने की सलाह दे रहे हैं।
एनजीटी के बैन के बाद जिला प्रशासन ने सभी पटाखा विक्रेताओं के लाइसेंस तो निरस्त कर दिए इसके बावजूद लोगों ने न सिर्फ पटाखा खरीदा पर जमकर उसे फोड़ा भी। पुलिस अवैध रूप से बेचे जा रहे पटाखों की बिक्री रोकने में असफल रही, इसके बाद जब लोग आतिशबाजी करने लगे तो उन्हें रोकने में भी असफल रही। जबकि एनजीटी के आदेश में कहा गया था कि पटाखा बेचने और उसे जलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।