खुलासा: दोस्त के हाथों गलती से लगी थी भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष के भाई को गोली
सहारनपुर। भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष के छोटे भाई सचिन वालिया की मौत के रहस्य से पर्दा उठाते हुए पुलिस ने एक युवक को गिरफ्तार किया है। पुलिस का दावा है कि घटना वाले रोज गांव रामनगर के सात युवक एक कमरे में बैठे तमंचा देख रहे थे। एक युवक के हाथ में तमंचा था और युवक ने जैसे ही तमंचे की नाल को ऊपर किया तो अचानक गोली चल गई तथा सामने बैठे सचिन वालिया के गले को चीरते हुए पीछे की ओर जाकर फंस गई। पुलिस ने इस मामले में एक युवक को गिरफ्तार किया है।
मंगलवार की देर शाम पुलिस लाइन सभागार में आयोजत पत्रकार वार्ता के दौरान डीआईजी शरद सचान द्वारा भीम आर्मी कार्यकर्ता सचिन वालिया की मौत से पर्दा उठाया गया। ज्ञात हो कि विगत 9 मई को महाराणा प्रताप जयंती कार्यक्रम के दौरान सचिन वालिया की संदिग्ध परिस्थितियों में गोली लगने से मौत हो गई थी जिसके बाद शहर में जातीय तनाव पैदा हो गया था। हालात सामान्य बनाए रखने के लिए सहारनपुर में आरएएफ की तीन कंपनियों के अलावा पीएसी और पुलिस बल को तैनात किया गया था। इस मामले में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बबलू कुमार ने सचिन वालिया की मौत के रहस्यों से पर्दा उठाने के लिए एसपी सिटी प्रबल प्रताप सिंह और सीओ सदर बाजार इंदू सिद्धार्थ को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए थे।
इसके
बाद
कोतवाली
देहात
पुलिस
और
सर्विलांस
टीम
को
इस
मामले
की
जांच
और
खुलासे
के
लिए
लगाया
गया।
डीआईजी
शरद
सचान
ने
पत्रकार
वार्ता
के
दौरान
बताया
कि
सचिन
वालिया
की
मौत
मामले
में
गांव
रामनगर
निवासी
प्रवीण
उर्फ
मांडा
पुत्र
पूरण
सिंह
को
गिरफ्तार
किया
गया
है।
प्रवीण
उर्फ
मांडा
के
कब्जे
से
पुलिस
ने
एक
खोखा
तथा
315
बोर
का
एक
तमंचा
भी
बरामद
किया
है।
प्रवीण
उर्फ
मांडा
ने
बताया
कि
9
मई
को
वह
गांव
रामनगर
स्थित
अपनी
दुकान
पर
था,
तभी
सचिन
वालिया
ने
उसे
फोन
कर
गांव
के
ही
रहने
वाले
निहाल
के
घर
पर
बुलाया,
जहां
पर
सचिन
वालिया
के
साथ
गांव
गलीरा
निवासी
गुल्लू,
राहुल
कोरी
माजरा,
शिवम
पुत्र
रविंद्र
निवासी
नया
गांव,
नितिन
पुत्र
पप्पू,
चैंकी
पुत्र
महादेव
निवासी
रामनगर
मौजूद
थे।
उक्त सभी युवक एक तमंचे को बारी बारी से देख रहे थे। जब तमंचा प्रवीण उर्फ मांडा चेक करने लगा तो अचानक तमंचे का ट्रिगर दब गया और तमंचे से निकली गोली सामने बैठे सचिन वालिया के मुंह पर जा लगी। प्रवीण ने पुलिस को बताया कि उसे यह मालूम नहीं था कि तमंचे में कारतूस है या नहीं। तमंचे को निहाल के घर पर छोड़कर सभी युवक सचिन वालिया को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे, जहां पर डाक्टरों ने सचिन वालिया को मृत घोषित कर दिया। उसी समय युवकों ने सचिन वालिया को गोली लगने की जानकारी भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष कमल वालिया को दे दी थी। डीआईजी ने बताया कि सचिन की हत्या को लेकर जिन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था, उनमें से किसी न सचिन की हत्या नहीं की है, बल्कि यह एक हादसा हुआ, जिसमें सचिन वालिया की मौत हुई।
यहां यह भी बता दें कि सचिन की मौत के बाद माहौल पूरी तरह से गर्मा गया था। क्योंकि सचिन के परिजन सचिन की हत्या गैर दलितों द्वारा किए जाने का आरोप लगाया गया था। यह भी बता दें कि गत दिवस यानि सोमवार को कमल वालिया ने जेल में बंद भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण से मुलाकात की थी और इसके बाद कमल वालिया ने बयान जारी किया था कि उसके भाई की मौत की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए, जो भी हत्यारोपी किसी भी जाति अथवा बिरादरी के हों, उन्हें सजा मिलनी चाहिए।
घटना
को
दूसरी
और
मोडा
सचिन
की
मौत
हो
जाने
की
पुष्टि
होते
ही
परिजनों
और
भीम
आर्मी
के
पदाधिकारियों
ने
घटना
के
पीछे
राजपूत
बिरादरी
के
युवकों
का
हाथ
होना
बताते
हुए
रिपोर्ट
दर्ज
करने
और
गिरफ्तारी
की
मांग
को
लेकर
जिला
अस्पताल
में
जमकर
हंगामा
किया
था
और
दबाव
में
आकर
पुलिस
ने
उसी
दिन
मुकदमा
भी
दर्ज
कर
लिया
था।
खून
सने
कमरे
से
हुआ
खुलासा
यूं
तो
पुलिस
पहले
से
ही
घटना
को
संदिग्ध
मानकर
चल
रही
थी।
क्योंकि
9
मई
को
महाराणा
प्रताप
जयंती
रामनगर
में
अंबेडकर
चौक
के
निकट
महाराणा
प्रताप
भवन
में
मनाई
जा
रही
थी
और
पिछले
साल
की
जयंती
के
मौके
पर
घटना
को
देखते
हुए
चप्पे-चप्पे
पर
भारी
पुलिस
फोर्स
तैनात
किया
गया
था।
ऐसे
में
सचिन
के
गोली
लगने
के
बाद
से
ही
पुलिस
प्रशासन
सचेत
हो
गया
था।
अधिकारियों
के
गले
यह
बात
नहीं
उतर
रही
थी
कि
दूसरे
वर्ग
के
लोगों
ने
सचिन
को
गोली
मारी
है।
3
दिन
तक
पुलिस
भी
अंधेरे
में
ही
रही
थी।
मगर
बाद
में
खून
से
सने
उस
कमरे
तक
पुलिस
पहुंच
गई,
जहां
सचिन
को
गोली
लगी
थी
और
फिर
पूरा
मामला
एकतरफा
हो
गया
था।
वायरल
वीडियो
ने
दिखाया
रास्ता
जिस
समय
सचिन
को
गोली
लगी
और
उसे
अस्पताल
ले
जाया
गया
था
तो
उसके
पीछे
गांव
रामनगर
की
कुछ
महिलाओं
ने
झाड़ू
पानी
से
गली
में
खून
को
साफ
कर
दिया
था।
जिसकी
मोबाइल
से
वीडियो
एलआईयू
के
दरोगा
व
कांस्टेबल
ने
बनाकर
तत्काल
अधिकारियों
को
वायरल
कर
दी
थी।
इस
वीडियो
से
भी
अधिकारियों
को
काफी
मदद
मिली।
यह
रहे
थे
कमरे
में
मौजूद
डीआईजी
सचान
ने
बताया
कि
जिस
समय
घटना
हुई
उस
समय
कमरे
में
सचिन
वालिया
सहित
मकान
मालिक
निहाल
पुत्र
रोमी
लाल,
राम
नगर
निवासी
प्रवीण
उर्फ़
मांडा,
नितिन
पुत्र
पप्पू,
चंकी
पुत्र
महादेव
गलीरा
निवासी
गुल्लू,
नया
गांव
का
शिवम
पुत्र
रविंदर
तथा
कोरी
माजरा
का
राहुल
मौजूद
थे।
अग्रिम
कार्रवाई
की
बात
टाली
जब
डीआईजी
से
प्रेस
वार्ता
में
पूछा
गया
कि
क्या
झूठा
मुकदमा
दर्ज
कराने
पर
तथा
घटना
के
समय
कमरे
में
मौजूद
अन्य
लोगों
के
खिलाफ
कार्रवाई
की
जाएगी,
तो
इस
सवाल
के
जवाब
को
डीआईजी,
एसपी
सिटी
टाल
गए।
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