उत्तर प्रदेश में कांग्रेस-सपा गठबंधन के लिए प्रियंका ने संभाली कमान, भेजा दूत
यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस और सपा के गठबंधन को अस्तित्व में लाने के लिए अब प्रियंका गांधी ने कमान संभाली है।
लखनऊ। समाजवादी पार्टी की ओर से 210 सीटों पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा के बाद से कांग्रेस से उसका गठबंधन अब संशय में है। हालांकि अब इस गठबंधन को चर्चाओं से निकाल कर विधानसभा चुनाव में हकीकत की जमीन पर उतारने के लिए कांग्रेस में तेजी आई है। कांग्रेस की ओर से प्रियंका गांधी ने कमान संभाली है। प्रियंका ने सपा से गठबंधन सुनिश्चित करने के लिए अपना विश्वस्त दूत पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सूबे के मुखिया अखिलेश यादव के पास बातचीत करने के लिए भेजा है। बता दें कि सपा की ओर से जारी की गई सूची में 9 ऐसी सीटें जहां कांग्रेस के विधायक हैं, जिस पर कांग्रेस नाराज हो गई है।
इतना
ही
कांग्रेस
के
गढ़
अमेठी
और
रायबरेली
में
भी
अभी
स्थिति
स्पष्ट
नहीं
हुई
है।
कांग्रेस
चाहती
है
कि
सपा
अमेठी
और
रायबरेली
में
अपने
उम्मीदवार
ना
उतारे।
वहीं
मीडिया
रिपोर्टस
के
अनुसार
प्रियंका
के
विश्वस्त,
धीरज,
अभी
लखनऊ
के
एक
होटल
में
रुके
हुए
हैं।
उन्हें
अखिलेश
से
फोन
का
इंतजार
है।
सपा
के
सूत्रों
का
कहना
है
कि
आयोग
से
पार्टी
और
चुनाव
चिन्ह
मिलने
के
बाद
अखिलेश
का
हौसला
बुलंद
है
और
वो
यह
नहीं
चाहते
कि
कांग्रेस
को
ज्यादा
सीटें
दी
जाएं।
संभावना
जताई
जा
रही
है
कि
गठबंधन
के
विषय
में
कांग्रेस
के
वरिष्ठ
नेता
गुलाम
नबी
आजाद
भी
लखनऊ
पहुंच
सकते
हैं।
सपा
सूत्रों
का
यह
भी
कहना
है
कि
कांग्रेस
138
सीटों
की
मांग
कर
रही
थी।
साथ
ही
जब
विधानसभा
चुनाव
के
लिए
संयुक्त
अभियान
चलाने
की
बात
कांग्रेस
से
कही
गई
तो
भी
उनका
कोई
सकारात्मक
जवाब
नहीं
आया।
इस
मुद्दे
पर
कांग्रेस
की
यूपी
इकाई
के
अध्यक्ष
राजबब्बर
ने
कहा
कि
गठबंधन
की
प्रक्रिया
चल
रही
है।
जल्द
ही
स्थिति
स्पष्ट
हो
जाएगी।
कहा
कि
जो
लोग
यह
कह
रहे
हैं
कि
हमने
सपा
को
सकारात्मक
जवाब
नहीं
दिया,
उन्हें
जानकार
नहीं
है।
कांग्रेस
नेता
अजय
माकन
ने
कहा
कि
बातचीत
जारी
है।
गुलाम
नबी
आजाद,
सीएम
अखिलेश
से
बातचीत
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