मुलायम ने अखिलेश यादव को सपा से निकाला तो टंकी पर चढ़ा युवक
युवक की मांग थी कि या तो अखिलेश यादव को समाजवादी पार्टी में वापस लिया जाए, वर्ना वो टंकी से कूदकर अपनी जान दे देगा।
गाजियाबाद। मुलायम सिंह यादव के परिवार में मचे संग्राम पर शुक्रवार रात को यूपी के गाजियाबाद में हाईवोल्टेज ड्रामा देखने को मिला। समाजवादी पार्टी से मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को निकाले जाने के बाद आधी रात को गाजियाबाद के साहिबाबाद में एक युवक पानी की टंकी पर चढ़ गया। युवक अखिलेश यादव जिंदाबाद के नारे लगा रहा था। युवक की मांग थी कि या तो अखिलेश यादव को पार्टी में वापस लिया जाए, वर्ना वो टंकी से कूदकर अपनी जान दे देगा। उसका शोर सुनकर आस-पास के लोग इकट्ठा हो गए और पुलिस को मामले की सूचना दी गई। पुलिस ने बड़ी मशक्कत कर दो कांस्टेबलों की मदद से युवक को टंकी से नीचे उतारा। युवक की पहचान समाजवादी पार्टी के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के जिला उपाध्यक्ष अकरम अल्वी के रूप में हुई है।
आपको बता दें कि शुक्रवार शाम को सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और पार्टी महासचिव व सांसद रामगोपाल यादव को अनुशासनहीनता के आरोप में पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया था। अखिलेश यादव यूपी विधानसभा चुनाव के लिए टिकटों के बंटवारो को लेकर नाराज चल रहे थे। चुनाव के लिए मुलायम सिंह यादव की लिस्ट के जवाब में उन्होंने 235 उम्मीदवारों की अपनी एक अलग लिस्ट जारी की थी, जिसे लेकर मुलायम ने उन्हें पार्टी ने निष्कासित कर दिया। अखिलेश यादव का खेमा शुरू से ही इस पूरे विवाद के लिए अमर सिंह को जिम्मेदार ठहराता रहा है।
'अखिलेश और राम गोपाल मिलकर पार्टी को नुकसान पहुंचा रहे थे'
अखिलेश यादव को निकालने के बाद मुलायम ने कहा कि यह फैसला पार्टी के भले के लिए लिया गया है। उन्होंने कहा कि ये पार्टी मैंने अकेले खड़ी की है। किसी को भी मैं इसे तोड़ने नहीं दूंगा। उन्होंने कहा कि जो भी पार्टी विरोधी काम करेगा उस पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करेंगे। मुलायम ने कहा कि पार्टी में अनुशासन बनाए रखना पहली प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि अखिलेश और राम गोपाल मिलकर पार्टी को नुकसान पहुंचा रहे थे। मुलायम ने माफी मांगने के सवाल पर कहा कि अखिलेश क्या माफी मांगेगा वो तो सिर्फ लड़ता रहता है। मुलायम ने आगे इस बात को जोड़ा कि पिता मानेगा तो आगे देखा जाएगा। मुलायम ने कहा कि उनके लिए पार्टी सबसे पहले हैं। इसी पार्टी को बचाने के लिए रामगोपाल और अखिलेश यादव को छह साल के लिए निकाल दिया है। ये भी पढ़ें- हार के बाद भी 2019 के लिए मोदी के मुकाबले खड़े होंगे अखिलेश