मां के नाजायज संबंध पर था बेटी को एतराज, मना करने पर 'अम्मी' ने दी दर्दनाक मौत
इलाहाबाद। यूपी के चित्रकूट जिले में एक सनसनीखेज वारदात का खुलासा हुआ है। यहां मां ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर बेटी की हत्या कर दी। हत्यारन मां कुछ सालों से अपने हिंदू प्रेमी के साथ नाम बदलकर रह रही थी और उसकी बेटी का कसूर सिर्फ इतना था कि वह मां और उसके प्रेमी के बीच नाजायज संबंधों का विरोध कर रही थी। पुलिस के अनुसार बेटी के एतराज के चलते ही दोनों ने उसे रास्ते से हटाने का प्लान बनाया और गला घोटकर उसकी हत्या कर दी। लगभग 1 महीने पहले हुई इस हत्या को अंजाम देने के बाद दोनों गाजियाबाद भाग गए थे जबकि बेटी का शव झाड़ियों में मिला था। इस मामले की जांच पड़ताल में जुटी पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज में बेटी के साथ मां और उसके प्रेमी को जाते देखा और फिर धीरे-धीरे कड़ियां जोड़ कर दोनों गिरफ्तार कर लिया।
क्या है घटनाक्रम
पुलिस के अनुसार यूपी के चित्रकूट जिले में बॉर्डर पर नयागांव है, इसी गांव में मंदिर के पीछे नाले के पास 14 जनवरी को एक लड़की की लाश मिली थी। धर्म नगरी में युवती की लाश मिलने का मामला मीडिया में सुर्खियां बना तो पुलिस जांच पड़ताल में जुटी। इसी दौरान चित्रकूट के प्रसिद्ध मंदिर भगवान कामतानाथ के प्रमुख द्वार पर लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज पुलिस के हाथ लगी, जिसमें मृतक युवती के साथ एक महिला और पुरुष भी दर्शन करते हुए दिखे। पुलिस ने युवती के साथ रहे दोनों महिला और पुरुषों का फोटो प्रिंट कराया और जांच पड़ताल में जुट गई और एक महीने की लंबी जांच के बाद दोनो को गिरफ्तार कर लिया गया है।
मुसलमान से हिंदू बन गई थी मां
प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया के सामने दोनों को पेश करते थाना प्रभारी सुधांशु त्रिवेदी ने बताया कि नेहा उम्र (10) की हत्या उसकी मां आरती व उसके कथित पति विजय सिंह निवासी ललौली फतेहपुर ने की थी। आरती सिंह का पहले नाम सबीना शेख था और उसकी पहली शादी फतेहपुर के ही जाहिद अली से 2007 में हुई थी। उस शादी से बेटी सिमरन व बेटे साजिद का जन्म हुआ था, लेकिन कुछ दिन बाद ही सबीना का संबंध विजय सिंह से हो गया। दोनों के बीच प्यार बढ़ा तो 2013 में सबीना ने अपने दोनों बच्चों को लेकर विजय सिंह के साथ भाग गई। दोनों ने शादी कर ली और सबीना ने अपना नाम बदलकर आरती सिंह रख लिया जबकि बेटी सिमरन का नाम बदलकर नेहा व साजिद से नाम बदलकर आशीष रख दिया।
बड़ी होती बेटी सब जानने लगी
अब जैसे-जैसे नेहा बड़ी हो रही थी और समझदारी आने लगी तो उसने विजय सिंह को अपना पिता मानने से इनकार कर दिया। वह मां और कथित पति विजय के साथ रहने का विरोध करने लगी। वह धमकी देने लगी कि वह पिता जाहिद के पास लौट चलें नहीं तो वह उन्हें सब कुछ बता देगी। बेटी के इस विरोध से दोनों लोग काफी परेशान हो चुके थे। आए दिन नेहा बखेड़ा खड़ा कर देती तब उसे बड़ी मुश्किल से समझाया जाता। समस्या यह थी कि बेटी को आखिर समझाया कैसे जाए क्योंकि जब उसने घर छोड़ा था तब तक वह काफी कुछ जानने समझने और पहचानने लायक हो गई थी।
आंख दिखाने ले आए थे चित्रकूट
नेहा के बढ़ते विरोध के चलते आरती व विजय ने निर्णय लिया कि इसे रास्ते से हटाना होगा। इसके लिए दोनों ने प्लान बनाया और 12 जनवरी को नेहा की आंख दिखाने के लिए वह चित्रकूट आये। चित्रकूट में सद्गुरु नेत्र चिकित्सालय में आंख का चेकअप करवाने के बाद 13 जनवरी को सभी भगवान कामतानाथ के दर्शन के लिए गए। 13 जनवरी की ही रात लगभग 12 बजे परिक्रमा मार्ग पर नरसिंह मंदिर के पास रात में सभी विश्राम करने लगे। जहां विजय और आरती ने मिलकर मफलर से नेहा का गला घोट दिया और उसका शव झाड़ियों में फेंक दिया। वारदात को अंजाम देने के बाद आरती और विजय गाजियाबाद चले गए और वहां से इधर-उधर रिश्तेदारों के घर टहलने लगे। इधर सुबह पुलिस को लाश मिली और जांच पड़ताल में शुरू हुई । 1 महीने बाद पुलिस ने दोनों हत्यारोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। दोनों आरोपियों का कहना है कि बेटी उनके वैवाहिक जीवन में दखलअंदाजी कर रही थी इसलिए उसे मार दिया।
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