मायावती ने दिया बसपा और भाई पर लगे आरोपों का जवाब, कहा बीजेपी ने की घिनौनी हरकत
नोटबंदी के बाद बैंक खातों में करोड़ों रुपए जमा करने के आरोपो पर मायावती करेंगी पलटवार, बसपा सुप्रीमों प्रेस कांफ्रेंस के जरिए देंगी तमाम आरोपों का जवाब
लखनऊ। बसपा सुप्रीमो मायावती के भाई के बैंक खाते में जिस तरह से नोटबंदी के फैसले के बाद 1.43 करोड़ रुपए व पार्टी के खाते में 104 करोड़ रुपए जमा कराने की बात सामने आई है, उसने मायावती की मुश्किलों को बढ़ा दिया है। यही नहीं मायावती के भाई आनंद कुमार को आयकर विभाग ने नोटिस भी भेजा है, लिहाजा अनियमितताओं को लेकर चौतरफा घिरी मायावती ने प्रेस कांफ्रेंस करके भाजपा पर जमकर हमला बोला।
मायावती ने कहा कि सोमवार को मेरी प्रेस कांफ्रेंस के बाद भाजपा के लोग इतना तिलमिला गए कि इन लोगों ने मेरे खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगा दिए। उन्होंने कहा कि बीएसपी ने अपने नियमों के मुताबिक ही चलकर अपनी एकत्रित हुई धनराशि को हमेशा की तरह ही बैंक में जमा कराया है। मायावती ने कहा कि पूरे देश में जो लोग आते हैं वह बड़े नोट कराकर आते हैं, उन्हें यह लाने में भी आसानी होती हैं। यह जो पैसा आया है यह अगस्त के आखिर से आया है और मैं खुद नवंबर तक यूपी में रही है, मैंने अपने कार्यालय वालों से कहा था कि थोड़ा इंतजार करो, जब मैं दिल्ली से वापस आती हूं तो हिसाब-किताब करके पैसे जमा कराती हूं।
दलित विरोधी है भाजपा
इसी दौरान भाजपा और अन्य पार्टियों ने भी अपना पैसा बैंकों में जमा कराया है, लेकिन उनकी चर्चा कभी नहीं होती है और ना ही उनकी खबरें सामने आता है। यह इनकी दलित विरोधी मानसिकता नहीं है तो क्या है। देश में खासकर भाजपा दलित विरोधी मानसिकता रखने वाले लोग कतई नहीं चाहते हैं कि दलित वर्ग की बेटी के हाथ में ताकत आए। दलित की बेटी जनता के उत्थान के लिए काम करे यह उन्हें अच्छा नहीं लगता है, क्योंकि इसके बाद धन्नासेठों का पूंजीवाद का राज खत्म हो जाएगा। अगर भाजपा में सच में इमानदारी है तो अपने बैंक खाते और अन्य पार्टियों के खाते में जमा किए गए धन की भी जानकारी सामने लानी चाहिए।
बसपा
के
लोगों
को
परेशान
किया
है
काशीराम
के
देहांत
के
बाद
मेरे
साथ
रह
रहे
आनंद
कुमार
के
परिवार
ने
भी
जानकारी
दी
है
कि
उन्होंने
भी
आयकर
विभाग
के
नियमों
के
अनुसार
ही
पैसा
बैंक
में
जमा
कराया
है।
लेकिन
इसके
बाद
भी
भाजपा,
कुछ
चैनलों
और
अखबार
ऐसे
दिखाने
की
कोशिश
कर
रहे
हैं
कि
जैसे
यह
धनराशि
कालेधन
व
भ्रष्टाचार
से
जुड़ी
है।
मायावती
ने
कहा
कि
मुझे
खास
सूत्रों
से
यह
जानकारी
मिली
है
कि
बसपा
में
जो
भी
प्रभावशाली
लोग
हैं
उन्हें
शिथिल
करने
के
लिए
केंद्र
अपनी
मशीनरी
का
इस्तेमाल
करके
उन्हें
परेशान
कर
रही
है,
लेकिन
इससे
भी
उन्हें
रत्तीभर
लाभ
मिलने
वाला
नहीं
है।
फिर से शुरु हुई है जांच
आनंद कुमार के खिलाफ कुल पांच मामले हैं जिन्हें आयकर विभाग ने एक बार फिर से खोलने का फैसला लिया था, इन सभी मामलों को आयकर विभाग की धारा 148 के तहत फिर से खोला गया है और इसकी फिर से सुनवाई की जा रही है। इन सभी शिकायतो को फिर से वर्गीकृत किया गया है। इन शिकायतों में एक शिकायत भाजपा सांसद किरीट सोमैया की भी है। सोमैया ने 2012 में आनंद कुमार के खिलाफ आर्थिक अनियमितता की शिकायत दर्ज कराई थी। यही नहीं भाजपा सांसद और केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्रा ने भी मायावती के भाई पर फर्जी कंपनी बनाने का आरोप लगाया था।
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