माफिया से माननीय बने बृजेश सिंह के खास अजय मरदह को मिली बेल, फिर भी नहीं आ पाएंगे जेल से बाहर
बहुचर्चित मामले का खुलासा 7 अप्रैल 2017 को उस समय हुआ जब चौबेपुर पुलिस ने अजय मरदह के शिवपुर स्थित आवास पर दबिश दी। घंटों तक चले हाईप्रोफाइल ड्रामे का समापन उस समय हुआ जब विधायक सुशील सिंह खुद वहां पहुंच गए।
मिर्जापुर। माफिया से माननीय बने एमएलसी बृजेश सिंह के करीबी अजय मरदह को बसपा नेता रामबिहारी चौबे की हत्या के मामले में जिला जज की अदालत से जमानत मिल गई है। मरदह साढ़े पांच महीने से जिला जेल में निरुद्ध थे और उनकी गिरफ्तारी के समय भाजपा के सैयदराजा विधायक सुशील सिंह ने पुलिस की कार्रवाई का जबरदस्त विरोध किया था। लंबे समय तक इस हत्याकांड के खुलासे को लेकर सुशील सवालिया निशान लगाते रहे जबकि स्व. चौबे के पुत्र और मुकदमे के वादी अमरनाथ ने सुशील के संग उनके एमएलसी चाचा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। बहरहाल अजय मरदह को भले इस मामले में जमानत मिल गई है लेकिन उन्हें अभी जेल की सलाखों के पीछे ही रहना होगा। वजह, पुलिस ने मरदह के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की है जिसकी जमानत अर्जी जिला जज के यहां से खारिज हो चुकी है। हाईकोर्ट से इस मामले में जमानत मिलने के बाद ही रिहाई हो सकेगी।
दुस्साहसिक हत्याकांड का हुआ था सनसनीखेज खुलासा
श्रीकंठपुर (चौबेपुर) स्थित आवास पर चार दिसंबर 2015 की सुबह रामबिहारी चौबे को उस समय बाइक सवार बदमाशों ने गोलियों से छलनी कर दिया था जब वो उनसे मिलने की खातिर नीचे आए थे। वारदात के बाद बृजेश के विरोधियों पर वारदात में संलिप्तता की आशंका जताई गई। बावजूद इसके मामले का खुलासा नहीं हो सका। बहुचर्चित मामले का खुलासा 7 अप्रैल 2017 को उस समय हुआ जब चौबेपुर पुलिस ने अजय मरदह के शिवपुर स्थित आवास पर दबिश दी। घंटों तक चले हाईप्रोफाइल ड्रामे का समापन उस समय हुआ जब विधायक सुशील सिंह खुद वहां पहुंच गए। सुशील ने पुलिस की कार्रवाई का पुरजोर विरोध किया लेकिन उनकी एक ना चली। सूबे में उस समय तक भाजपा की सरकार बन चुकी थी।
लंबे समय तक चला आरोप-प्रत्यारोप का दौर
राम बिहारी चौबे को बृजेश का बेहद करीबी माना जाता था और अजय मरदह उनके लेफ्टीनेंट की तरह माने जाते हैं। अलबत्ता सुशील से राम बिहारी चौबे के संबंध सामान्य नहीं थे। सकलडीहा विधानसभा क्षेत्र से सुशील के मुकाबले बसपा प्रत्याशी के रूप में चौबे ने चुनाव भी लड़ा था। खुलासे के बाद चौबे के बेटे के आरोपों का जबाव देने के लिए सुशील ने प्रेस कॉन्फ्रेस भी की थी और मामले की सीबीआई जांच की मांग के साथ इसे विरोधियों की साजिश बताया था।
हाईकोर्ट में लंबित है सीबीआई जांच की याचिका
पुलिस ने खुलासे के कुछ दिनों बाद तक तेजी दिखाते हुए शिनाख्त परेड तक कराई लेकिन इसके बाद से मामला ठंडे बस्ते में चला गया। अमरनाथ चौबे ने प्रकरण की सीबीआई जांच के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की है जिसका निस्तारण अभी नहीं हो सका है। चौबे की हत्या के मामले में अजय मरदह को जमानत भले मिल गई हो लेकिन ये तय है कि इस मामले को लेकर कानूनी लड़ाई लंबी चलेगी।
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