यूपी: गुजरात के 'दो शेरों' की वजह से पर्यटकों के लिए नहीं खुल रहा है इटावा का सफारी पार्क
इटावा। सपा सरकार में बना इटावा लायन सफारी पार्क जोकि अब इटावा सफारी पार्क के नाम से जाना जाता है। इस पार्क को मुलायम सिंह यादव का ड्रीम प्रोजेक्ट भी कहा जाता है। जिसको पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अरबों रुपए की लागत से तैयार करवाया था। इसके पीछे बीहड़ी क्षेत्र को विकसित करना व इटावा जनपद को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करना मुख्य वजह था। फिलहाल सपा के इस ड्रीम प्रोजेक्ट को मानो किसी की नजर सी लग गई है। कभी बिमारी से शेरों की मौत हो जाना तो कभी शेरों की संख्या में कमी इस सफारी के ना खुल पाने की प्रमुख वजह है।
सफारी पार्क निर्माण होने के बाद जब पार्क में शेरों को लाया गया और ब्रीडिंग के लिए तैयार किया जाता, उससे पहले ही सफारी पार्क में एक ऐसी बीमारी ने जन्म लिया। जिसके कारण सफारी पार्क में लगभग 11 शेरों की एक के बाद एक बीमारी के चलते मौत हो गई थी। जिस कारण सफारी को पर्यटकों के लिए सही समय पर नहीं खोला गया था। सफारी पार्क होने वाली मौत की वजह विशेषज्ञों की पकड़ से दूर थी। जब तक इस बीमारी का पता लगाया जाता तब तक सफारी में शेरों के लिए ये बीमारी काल बन चुकी थी। जब इस बीमारी का पता लगा तब जाकर अन्य बचे शेरों की जिंदगी इस सफारी में सुरक्षित हो सकी।
इस सफारी के डायरेक्टर वी के सिंह का कहना है कि अब सफारी में ऐसी जानलेवा कोई बीमारी नहीं है। अब सफारी पार्क पर्यटकों के लिए खोले जाने के लिए तैयार है। पार्क को खोले जाने के बीच जो बाधा उत्तपन्न हो रही है वह है शेरों की संख्या। नेशनल अथॉरिटी के नियम अनुसार पर्यटकों के लिए सफारी को तब ही खोला जा सकता है जब उसमे 10 शेर हों। सफारी में अगर कम से कम 10 शेर नही होंगे तब तक इस सफारी पर काले बादल छाए रहेंगे और पर्यटकों के लिए अभी इसका आनंद लेने का सपना पूरा नहीं हो सकेगा। सफारी पार्क के डायरेक्टर वी.के. सिंह का कहना है कि हम प्रयासरत हैं और इस सफारी को आने वाले 2019 से पहले पहले इस पार्क को पर्यटकों के लिए खोले जाने के लिए भरसक प्रयास कर रहे हैं। सिर्फ 2 शेरों की हमारी सफारी को जरूरत है। बाकी सफारी में सारा काम पूरा हो चुका है। अब पर्यटकों की इंतजार की घड़ियां जल्द खत्म होने वाली हैं।