पीयूष जैन पर BJP-SP में तेज हुई बयानबाजी, जानें क्या है राजनीतिक कनेक्शनों का सच?
कानपुर/कन्नौज, 28 दिसंबर: पीयूष जैन इन दिनों सुर्खियों में बने हुए हैं। पीयूष के सुर्खियों में आने का कारण उनके कानपुर और कन्नौज स्थित घर से अब तक 196.45 करोड़ रुपए के गुप्त खजाने, 23 किलो सोना मिलना है। इतनी बड़ी रकम मिलने के बाद पीयूष को गिरफ्तार कर लिया गया है और 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। मगर इस बीच उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 से ठीक पहले दो प्रमुख राजनीतिक दलों के बीच पीयूष को एक-दूसरे का सहयोग बताने की राजनीति शुरू हो गई है।
दरअसल, अखिलेश यादव ने कहा कि कानपुर के जिस व्यापारी के यहां छापा पड़ा है उसका संबंध सपा से नहीं, बल्कि बीजेपी से है। तो वहीं, प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जिस इत्र कारोबारी के यहां छापा पड़ा है वो समाजवादी पार्टी से है। hindi.oneindia.com पर जानिए पीयूष की राजनीतिक कनेक्शों का असली सच....
पीयूष को सीएम योगी ने बताया था सपा का नेता
26 दिसंबर को प्रयागराज में एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि सपा से जुड़ा एक शख्स 'समाजवादी परफ्यूम' की बात करता था, जिस पर हमारे प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि ये कोई परफ्यूम नहीं बल्कि 'समाजवादी बदबू' है। उनकी दीवारों से आज 257 करोड़ रुपए और कई किलो सोना-चांदी बरामद हुआ है। आज भी 100 करोड़ रुपए और कई किलो सोना-चांदी बरामद किया गया। यह पैसा गरीबों का है, जिसे उन्होंने सरकार के संरक्षण में लूटा।
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दीवारों में चिन लिया जाता था ये पैसे
सीतापुर में अखिलेश पर हमला करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि ये पैसा विकास पर खर्च नहीं होता था, ये पैसा दलालों के हाथों में जाता था और दीवारों में चिन लिया जाता था। आज आयकर विभाग उस पैसे को निकाल रहा है, अब वह पैसा गरीब का घर बनाने में खर्च होगा। इतना ही सीएम ने कहा था कि मैंने आज तक सुना और धार्मिक ग्रंथों में ये बात देखता था कि देवी लक्ष्मी दीपावली के दिन दीपोत्सव के साथ आती हैं लेकिन इन पापियों ने उन्हें दीवारों में बंद करके रखा है। सपा नेताओं के घरों में दीवारों से भी अब देवी लक्ष्मी निकलने लग गई हैं। कहा, अब समझ आया कि बुआ-बबुआ नोटबंदी का विरोध क्यों करते थे क्योंकि प्रदेश को लूट कर इन लोगों ने अपने घरों की दीवारों में नोट कैद करके रखे हुए थे।
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समाजवादी पार्टी ने किया पलटवार
भाजपा और सीएम योगी आदित्यनाथ के बयानों पर समाजवादी अध्यक्ष व पूर्व सीएम अखिलेश यादल व समाजवादी पार्टी ने पलटवार किया है। 25 दिसंबर को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पीयूष जैन की खबर ट्वीट करते हुए लिखा, 'सुबह तलक चीखकर सुना रहे थे कुछ ख़बरनवीस 'जिसके' गुनाह की कहानी... 'उसका' बादशाह से ताल्लुक़ निकलते ही शाम तलक वो खामोश हो गये...।' वहीं, समाजवादी ट्विटर हैंडल से एक वीडियो ट्वीट किया गया है। वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा है, 'भाजपा झूठ की दुकान है और इस झूठ की दुकान पर जुमले, दुष्प्रचार और फेक न्यूज़ के सिवा और कुछ नहीं मिलता। भाजपा के षड्यंत्र का पर्दाफाश करता यह वीडियो।'
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भ्रष्टाचार से कमाते है पैसे: अखिलेश यादव
अखिलेश यादव ने 25 दिसंबर को ट्वीट करते हुए भाजपा सरकार पर हमला बोला। कहा कि, 'उप्र के माननीय सत्ताधारी कह रहे हैं कि जो सत्ता से दूर है उसके पास पैसे कहां से आये, इसका मतलब साफ़ है कि भाजपा मानती है कि सत्ता में रहने पर वो भ्रष्टाचार से पैसा कमाती है, वसूली से भी, ट्रांसफ़र-पोस्टिंग और बुलडोजर का डर दिखाकर भी, चंदे और बोरी की चोरी से भी...शर्मनाक बयान!' वहीं, 26 दिसंबर को अखिलेश यादव ने ट्वीट कर बीजेपी को झूठ का फूल बताया। उन्होंने लिखा कि झूठ के फूल के जड़ मिल गई है। ये भाजपा के गिरते स्तर का शिखर है।
जानें पीयूष की राजनीतिक कनेक्शों का असली सच
पीयूष जैन ना तो समाजवादी पार्टी (सपा) में और ना भारतीय जनता पार्टी में। यह बात हम नहीं कह रहे, बल्कि पीयूष के पड़ोसियों ने यह बात कही है। दरअसल, कन्नौज के मोहल्ला छीपट्टी में रहने वालों ने किसी राजनीतिक दल के साथ पीयूष की नजदीकियों से साफ इनकार किया है। छीपट्टी मुहल्ले के लोगों के मुताबिक, पीयूष जैन एक जमीनी और नेकदिल इंसान है। इस मोहल्ले के लोगों की मानें तो पीयूष का किसी भी राजनीतिक दल से कभी कोई नाता नहीं रहा। वहीं, पीयूष जैन जिस दुकान से घर का सामान लेते थे, उसके दुकानदार विकास ने ऐसा दावा किया कि पीयूष का कभी किसी राजनीति दल से रिश्ता नहीं रहा। ये बातें झूठी फैलाई जा रही हैं। विकास ने कहा कि हमारे यहां वे अक्सर आते थे, लेकिन कभी न तो कोई राजनीतिक चर्चा की और ना किसी राजनीतिक चर्चा में पड़े।