UP: बीजेपी के 4 नेता विधान परिषद के लिए मनोनीत, जितिन प्रसाद और संजय निषाद का नाम भी शामिल
लखनऊ, 26 सितंबर: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी कैबिनेट का विस्तार किया। जिसके तहत सात नए चेहरों को जगह मिली। इसमें जितिन प्रसाद, संगीता बिंद, छत्रपाल गंगवार, पलटू राम, दिनेश खटीक, संजीव कुमार गोंड और धर्मवीर प्रजापति शामिल हैं। इसमें से दो मंत्री ना तो विधान परिषद और ना ही विधानसभा के सदस्य थे। ऐसे में उनको 6 महीने के अंदर दोनों सदनों में से किसी एक की सदस्यता लेनी थी। जिसके तहत यूपी सरकार ने दो मंत्रियों समेत चार नेताओं को विधान परिषद के लिए मनोनीत किया।
सरकार की ओर से जारी आधिकारिक बयान के मुताबिक जितिन प्रसाद, संजय निषाद, चौधरी वीरेंद्र सिंह गुर्जर और गोपाल अंजान भुर्जी को विधान परिषद के लिए मनोनीत किया गया है। इसमें जितिन प्रसाद कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए थे। उन्हें बीजेपी राज्य में ब्राह्मण के रूप में उतार रही है। तो वहीं पिछले हफ्ते यूपी चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान लखनऊ आए थे। उस दौरान उनकी मौजूदगी में बीजेपी ने निषाद पार्टी के साथ गठबंधन की घोषणा की। तभी से कयास लगाए जा रहे थे कि डॉ. निषाद को एमएलसी के तौर पर नॉमिनेट किया जाएगा।
इसके अलावा गुर्जर और भुर्जी के नामांकन को जातीय वोटों को लुभाने के लिए बीजेपी की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। शामली के कैराना के रहने वाले चौधरी वीरेंद्र सिंह गुर्जर पश्चिम यूपी क्षेत्र के एक मजबूत गुर्जर नेता हैं। उन्होंने 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी का दामन छोड़कर बीजेपी का साथ पकड़ लिया था। इसके बाद पूरी लगन से बीजेपी का प्रचार किया। कई नेताओं ने सार्वजनिक मंच से स्वीकार किया कि मुजफ्फरनगर से पार्टी उम्मीदवार संजीव बालियान की जीत गुर्जर की ही मेहनत का फल है। उन्होंने जब पार्टी बदली थी, तो वो एमएलसी थे, ऐसे में बीजेपी ने भी उन्हें विधान परिषद भेज दिया।
वहीं चौथे बीजेपी प्रत्याशी गोपाल अंजान भुर्जी मुरादाबाद से आते हैं। पश्चिमी यूपी और पूर्वी यूपी के कुछ हिस्सों में भुर्जी समुदाय की मौजूदगी है। बीजेपी थिंक टैंक का मानना है कि उनका नामांकन भुर्जी समुदाय के मतदाताओं को लुभाने में मदद करेगा। हालांकि बीजेपी नेता कह रहे कि कोई अन्य पार्टी लोगों के कल्याण के लिए इतने सूक्ष्म स्तर पर नहीं सोचती। पार्टी का आदर्श वाक्य "सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास" है। इसी के तहत काम हो रहा है।