दोस्तों के बीच किसी और नाम से जाने जाते थे एसपी सुरेंद्र, जानिए पूरी कहानी
लखनऊ। यूपी के लखनऊ के बैकुंठधाम में आईपीएस सुरेंद्र दास के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए सोमवार को उनके बैचमेट्स पहुंचे थे। अपने साथी को देख उन सबकी आंखें नम थीं। उनके दोस्तों को यकीन नहीं हो रहा था कि सुरेंद्र आत्महत्या तक का कदम उठा सकते हैं। जमशेदपुर के एसपी और उनके बैचमेट्स ने बताया कि सुरेंद्र के अंदर फाइटिंग स्पिरिट थी। हम बैच में उसे 'कमांडो' कह कर बुलाते थे। उनका आईपीएस बनने का सफर मश्किल भरा था।
स्विमिंग में थे एक्सपर्ट
आईपीएस प्रभात ने बताया कि सुरेंद्र किसी भी टास्क को लेने में अव्वल रहते थे। उनका जज्बा उन्हें सबसे अलग बनाता है। वह एक लीडर की तरह बाकी लोगों को प्रेरित करते थे। यही नहीं उनके बैचमेट्स ने बताया कि सुरेंद्र बहुत अच्छी स्विमिंग करते थे। आईपीएस की ट्रेनिंग के दौरान कड़ी मेहनत के बावजूद वह शाम को साथियों को बूस्टअप करने के लिए हंसाते थे।
पारिवारिक कलह ने सुरेंद्र को मजबूर दिया
बैचमेट्स ने कहा कि वह बहुत शांत स्वभाव के व्यक्ति थे। बात शेयर करने में भी थोड़ा हिचकते थे। लेकिन हमें हैरानी है कि कमांडो कैसे आत्महत्या कर सकते थे। उन्होंने बताया कि कोई न कोई वजह से पारिवारिक कलह हाई लेवल पर था, जिसने सुरेंद्र को तोड़ दिया।
9 अप्रैल को हुई थी शादी
इससे पहले सुरेंद्र के बड़े भाई नरेंद्र ने बताया था कि आईपीएस सुरेंद्र और डॉक्टर रवीना की शादी shaadi.com के जरिए 9 अप्रैल 2017 को हुई थी। शादी के बाद पहले ही दिन रवीना अपने मायके चली गई थी और उसके बाद सीधे शाम को रिसेप्शन पार्टी में रवीना पहुंची थी। उन्होंने बताया कि शादी के बाद से ही रवीना परिवार से बात करने पर झगड़ा करती थी। बीते कई महीनों से सुरेंद्र दास ने अपने परिवार से बातचीत करना बंद कर दिया था।
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