यूपी में महिलाओं की बड़ी जीत, कोर्ट ने किया सबको साइड
अब हाईकोर्ट ने आदेश जारी किया है कि ट्रेनिंग सेंटर की सभी गतिविधियां बिना किसी रुकावट के चलती रहेंगी। ये फैसले अमेठी की महिलाओं और जायस सेंटर के लिए बड़ी जीत है।
अमेठी। इलाहाबाद उच्च न्यायलय ने बीजेपी को बड़ा झटका देते हुए एक अंतरिम ऑर्डर पास करके जायस में वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर को अपनी गतिविधियां जारी रखने की अनुमति दे दी है। ऐसा माना जा रहा है कि केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी के इशारों पर उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार जायस सेंटर को बंद करवाना चाहती थी।
अब हाईकोर्ट ने आदेश जारी किया है कि ट्रेनिंग सेंटर की सभी गतिविधियां बिना किसी रुकावट के चलती रहेंगी। इस फैसले को अमेठी की महिलाओं और जायस सेंटर के लिए बड़ी जीत बताया जा रहा है। सेंटर 15 साल से चल रहा है और 15 लाख से ज्यादा महिलाओं का जीवन बदल चुका है। स्मृति ईरानी ने 2014 के चुनावों में पहली बार राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट पर जायस की सरकारी जमीन इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था।
योगी आदित्यनाथ की सरकार आते ही 22 अप्रैल को राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट को नोटिस भेजा था तिलोई तहसील के सब डिविजनल मजिस्ट्रेट अशोक शुक्ल का कहना है ये जमीन सरकारी कब्जे में होनी चाहिए। हालांकि उन्होंने ये माना कि ट्रस्ट ये जमीन स्थानीय महिलाओं को ट्रेनिंग देने के लिए इस्तेमाल कर रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि कोई ऐसे कागजात मौजूद नहीं हैं जिससे ये पता चल सके कि ट्रस्ट किस अधिकार से राजीव गांधी महिला परियोजना इस जमीन का इस्तेमाल कर रही थी।
वहीं ट्रस्ट सूत्रों का कहना है कि उत्तर प्रदेश सरकार जान बूझकर इसे राजनीतिक रंग देने के लिए नोटिस भेज रही है। उन्होंने धमकी और मारपीट के भी आरोप लगाए हैं। इसके जवाब में सांसद प्रतिनिधि चंद्रकांत दुबे ने कहा कि जमीन लेने से ये परियोजना बंद नहीं हो जाएगी। ट्रेनिंग कहीं और होगी लेकिन ये राजनीतिक बदले की भावना से नहीं किया जाना चाहिए। दरअसल जिला प्रशासन ने ट्रस्ट को दो नोटिस भेजा थे। ट्रस्ट का कहना था कि जमीन मनुज कल्याण केंद्र को आवंटित की गई थी और वो पंद्रह सालों से यहां वोकेशनल ट्रेनिंग करवा रहे हैं। केंद्र सरकार द्वारा ये जमीन लगभग तीस साल पहले मनुज कल्याण केंद्र, जो कि एक गैर लाभकारी संगठन है, वोकेशनल ट्रेनिंग के लिए आवंटित की थी।
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