श्मशान से गायब हुई लड़की की अधजली लाश, पिता की थ्योरी से चौंकी पुलिस, गांव वालों ने सुनी थी आवाजें
सिपाही जब मौके पर पहुंचे तो उन्हें कुछ राख ही मिली बाकी अधजली लाश को कौन निगल गया ये लोगों को क्या पुलिस को भी पता नहीं। इससे पहले पुलिस को सूचना मिली थी कि अधजली लाश को कुत्ते नोच रहे हैं।
सुल्तानपुर। ठीक रक्षाबंधन के दिन देर शाम 22 वर्षीय एक युवती की संदिग्ध अवस्था में मौत हुई और परिजनों ने किसी को भी इस बात की सूचना देना जरूरी नहीं समझा बल्कि आनन-फानन में उसका अंतिम संस्कार कर डाला। उधर 3 दिन बाद पुलिस को ये सूचना मिली तो एक अधजली लाश को कुत्ते नोच खा रहे है लेकिन पुलिस जब मौके पर पहुंची तो वहां राख की ढेर के अलावा पुलिस को कुछ नहीं मिला। सवाल ये है कि आखिर कहां गई वो अधजली लाश और ऐसा क्या कारण था कि घर वालों को आनन-फानन में युवती की लाश का अंतिम संस्कार करना पड़ा। वहीं घटना के बाद से परिजन घर बंद कर फरार हैं।
जानकारी के मुताबिक मामला बल्दीराय थाना क्षेत्र के पूरे चेत सिंह मौजा देहलीबाजार का है। गांव निवासी बद्री चौहान की 22 वर्षीय पुत्री आरती की संदिग्ध अवस्था में मौत हो गई। पुलिस को सूचना देने के बजाए बद्री ने आनन-फानन में बेटी का अंतिम संस्कार कर डाला। आरोप है कि ये सभी इतने भयभीत थे कि लाश को अधजला ही छोड़कर चले आए थे।
पुलिस को मिली सूचना कि अधजली लाश को नोच रहे हैं कुत्ते
उधर इस मामले की भनक 10 अगस्त की रात मुखबिर के जरिए पुलिस को हुई। मुखबिर ने बल्दीराय पुलिस को सूचना दी कि पूरे चेत सिंह गांव में एक अधजली लाश पड़ी हुई है जिसे कुत्ते नोच खा रहे हैं। इस पर फौरन ही चौकी इंचार्ज देहली बाजार राजकुमार यादव ने दो सिपाहियों को मौके पर भेजा और बल्दीराय एसओ एसपी सिंह को घटना की सूचना दी। सिपाही जब मौके पर पहुंचे तो उन्हें कुछ राख ही मिली बाकी अधजली लाश को कौन निगल गया ये लोगों को क्या पुलिस को भी पता नहीं। इसके बाद एसओ ने बद्री को चौकी पर बुलाया और पूछताछ की।
पिता ने मौत की बताई ये थ्योरी
इसके बाद थाना इंचार्ज बल्दीराय एसपी सिंह का शक गहरा गया, उन्होंने छानबीन शुरु की। पता चला कि उस स्थान पर जो लाश थी वो थाना क्षेत्र के पूरे चेत सिंह मौजा देहलीबाजार निवासी बद्री चौहान की 22 वर्षीय पुत्री आरती की थी। पुलिस की इंवेस्टिगेशन में बद्री ने बताया कि 7 अगस्त की रात उसकी लड़की को विषैले जीव ने काट लिया था जिससे उसकी मौत हो गई थी। इसके बाद देर रात उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया।
स्वास्थ्य बिगड़ने से लेकर अंतिम संस्कार तक की ग्रामीणों को भी नहीं थी सूचना
फिलहाल बद्री चौहान के घर पर ताला लटक रहा है, खुद बद्री चौहान पुलिस की हिरासत में हैं। ग्रामीणों की मानें तो आरती का स्वास्थ्य बिगड़ने से लेकर उसके अंतिम संस्कार तक की उन लोगों को कोई जानकारी नहीं है। हां ग्रामीण इतना जरूर बता रहे हैं कि रक्षाबंधन के दिन परिजनों ने किसी बात को लेकर आरती को मारापीटा जरूर था, जिसमें हुई चीख-पुकार की आवाजें उन्होंने सुनी थी। सूत्रों की मानें तो दरअसल आरती की मौत में विषैले जीव के काटने की थ्योरी तो तैयार की गई है, लेकिन पर्दे के पीछे जो है उसको परिजन और पुलिस के साथ-साथ गांव वाले भली भांति जानते हैं। भरोसेमंद सूत्रों के मुताबिक इसी लिए जब घर वालों को खबर लगी कि पुलिस लाश को देखने श्मशान जा रही है, तब तक वहां से अधजली लाश को भी हटा दिया गया। क्योंकि अधजली लाश अगर पुलिस के हाथ लग जाती तो उसका पोस्टमॉर्टम होना तय था और लाश के पोस्टमॉर्टम के बाद काली करतूत सामने आ ही जाती।
सीओ ने माना मामला है संदेहास्पद
फिलहाल पुलिस को पिता बद्री की ये थ्योरी गले नहीं उतर रही है। सीओ बल्दीराय लेखराज सिंह ने बातचीत में बताया कि आरती के पिता से पूछताछ जारी है और पुलिस मामले के खुलासे के लिए जोर-शोर से जुटी है। सीओ ने बताया कि अधजली लाश की बरामदगी के लिए हल्के के सिपाही और चौकिदारों को लगा दिया गया है, जल्द ही इसका खुलासा होगा। सीओ ने माना कि रातों रात अंतिम संस्कार और फिर मौके से अधजली लाश का गायब होना संदेहास्पद मामला है।