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खतरे का निशान पार कर गई घाघरा, घरों में घुसा पानी, कई गांव घिरे

घाघरा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। कई गांव बाढ़ के पानी में घिर गए हैं। रात में घरों में पानी घुस गया।

By Rajeevkumar Singh
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बहराइच। तराई व नेपाल के पहाड़ों पर हो रही मूसलाधार बरसात से घाघरा नदी फिर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गई है। दो सेमी प्रतिघंटा की रफ्तार से नदी का जलस्तर बढ़ रहा है। जलस्तर बढ़ने से महसी तहसील क्षेत्र के दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। अफरातफरी की स्थिति है। ग्रामीण परेशान हैं। अब तक बाढ़ व कटान से बचाव के उपाय नहीं हुए हैं। लोगों के घरों में पानी घुस गया है। तख्त और चारपाई पर बैठकर लोग दिन बिता रहे हैं।

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घाघरा में उफान, जलस्तर तेजी से बढ़ा

घाघरा में उफान, जलस्तर तेजी से बढ़ा

निरंतर हो रही वर्षा से घाघरा नदी पूरी तरह से उफान पर आ गई है। नदी का जलस्तर दो सेंटीमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से बढ़ता हुआ खतरे का निशान पार कर गया। जलस्तर तेजी से बढ़ने और खतरे का निशान पार होने के चलते नदी महसी क्षेत्र में उफान पर आ गई है।

बाढ़ के पानी में घिर गए हैं कई गांव

बाढ़ के पानी में घिर गए हैं कई गांव

नदी को उफनाने से गोलागंज, प्रधानपुरवा, नगेसरपुरवा, जमापुर, कायमपुर, भागवतपुरवा, जोगापुरवा, चुरईपुरवा, रामसहायपुरवा, मंगलपुरवा, तुरंतीपुरवा, असकड़पुरवा, चमरहियापुरवा, कोरियनपुरवा, खेलावनपुरवा और फक्कड़पुरवा समेत कई गांव बाढ़ के पानी से घिर गए हैं। वहीं चमरहियापुरवा और फक्कड़पुरवा गांव में लोगों के घरों में पानी घुस गया है। जनजीवन पूरी तरह अस्तव्यस्त है। अब तक राहत व बचाव के उपाय नहीं हुए हैं। घाघरा उफना कर बाढ़ का सबब बनी हुई है।

रात में घरों में घुसा बाढ़ का पानी

रात में घरों में घुसा बाढ़ का पानी

रात में बाढ़ की दस्तक तब हुई, जब लोग घरों में सो रहे थे। इससे लोगों को संभलने का मौका नहीं मिला। जब लोग जगे, तब तक बाढ़ का पानी घरों में घुस चुका था। जैसे-तैसे रात गुजरी। सुबह उठने पर अपने पास मौजूद नाव के द्वारा ग्रामीणों ने गृहस्थी को सुरक्षित करने की जुगत शुरू की। कोरियनपुरवा निवासी कमला प्रसाद और जगदीश समेत अन्य ग्रामीणों ने निजी नाव के द्वारा गृहस्थी को जैसे-तैसे बाढ़ क्षेत्र से बाहर बेलहा-बेहरौली तटबंध पर पहुंचाया।

खुले आसमान तले परिवारीजनों का इंतजार

खुले आसमान तले परिवारीजनों का इंतजार

जरमापुर गांव में भी बाढ़ का पानी घुसने के बाद गांव निवासी बालकराम, पतल्ली, पुल्ली, संगमलाल, विमल कुमार अपना सामान जैसे-तैसे निकालकर तटबंध पर पहुंचे। आधी अधूरी गृहस्थी के बीच घर से निकल रहे लोगों का सभी इंतजार करते रहे।

प्रशासन ने कहा, चिंता की बात नहीं

प्रशासन ने कहा, चिंता की बात नहीं

वहीं जब महसी क्षेत्र में रात में बाढ़ के बारे में जब उपजिलाधिकारी नागेंद्र कुमार से बात की गई तो बोले कि कुछ पानी बढ़ा है। अभी चिंता करने की कोई बात नहीं है। नायब तहसीलदार को मुआयना करने भेजा है।

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English summary
Ghaghra river above danger line, many villages trapped.
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