समाजसेवी होने का करता था ढोंग, पुलिस ने किडनैपिंग में किया गिरफ्तार
सुल्तानपुर। आदमी अपने व्यक्तित्व से अच्छा और बुरा बनता है। समाज में अच्छे काम पर उसकी सराहना होती है और बुरे काम पर बुराई। आज हम एक ऐसे आदमी की बात करेंगे जो खुद को सामाजिक कार्यकर्ता कहता था। विदेशों में अगर किसी भारतीय की मौत हो जाती या कोई विदेश में फंस जाता। तब वह भारतीय होने की दुहाई देकर लोगों से जमकर पैसे वसूलत था। अब्दुल हक नाम के शख्स ने सालों से लोगों की निगाह में अपने सोशल वर्कर रूप का ढिंढोरा पीटकर नाम कमाया था। गजब तो तब हुआ जब किडनैपिंग के मामले में उसकी तस्वीर सामनें आई। एक खास बात और भी है जो इस मुद्दे को अलग बनाती है। अब्दुल हक भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा का जिला महामंत्री था।
चलिये
आपको
बताते
हैं
पूरा
किस्सा
क्या
है।
अब्दुल
हक
सुल्तानपुर
जिले
के
कादीपुर
के
कोतवाली
क्षेत्र
का
रहने
वाला
है।
पिछले
डेढ़
सालों
में
उसने
अपने
द्वारा
किये
नेक
कामों
की
वजह
से
बहुत
इज्जत
कमाई।
विदेश
में
जब
भी
कोई
भारतीय
किसी
मामले
में
फंस
जाता
या
फिर
विदेश
में
किसी
की
मृत्यु
हो
जाती।
तब
अब्दुल
उन्हें
वहां
से
भारत
लेकर
आता।
इसी
वजह
से
अब्दुल
को
उसके
आस-पास
के
गांव
तथा
जिले
में
खूब
सम्मान
मिलता
था।
आपने
एक
किस्सा
जरूर
सुना
होगा
कि
'
हर
सिक्के
के
दो
पहलू
होते
हैं'
कुछ
ऐसा
ही
एक
पहलू
यहां
भी
छिपा
हुआ
है।
यह
नकाब
अब्दुल
के
उपर
से
तब
हटा
जब
त्रिलोकपुर
नवादा
के
निवासी
अजीम
अहमद
खान
नाम
का
शख्स
मंगलवार
को
अपनी
कार
से
जयसिंहपुर
जा
रहा
था।
अजीम
के
साथ
कार
में
उसके
मित्र
अमित
और
उसी
गांव
की
पार्लर
में
काम
करने
वाली
एक
महिला
कार
में
सवार
थी।
तभी रामपुर गांव के पास दो लग्जरी वाहनों ने अजीम के गाड़ी को ओवरटेक करते हुए उसकी कार का रास्ता ब्लॉक कर दिया। जब तक गाड़ी में बैठे लोग कुछ समझ पाते तब तक सामने रुकी गाड़ियों मे से उतरे लोगों ने अजीम और अमित को बंदूक के नोक पर घसीट कर अपनी गाड़ी में बिठा लिया और चलते बनें।
राहगीर की सूचना पर जब तक डायल 100 मौके पर पहुंची किड्नैपर्स दोनों को लेकर फरार चुके थे। घटना की सूचना पर सीओ जयसिंहपुर विजयमल यादव, कोतवाल देवेश सिंह ने किडनैप हुए युवक की सेंट्रो कार से अजीम के नंबर पर संपर्क साधा तो उसके मोबाइल का लोकेशन बताए गए स्थान से मैच नहीं हो रहा था। पुलिस ने किसी अनहोनी की आशंका को देखते हुए मोबाइल का लोकेशन ट्रेस करते हुए संबंधित थाना क्षेत्र के पुलिस को इनफार्मेशन दी। जिसके आधे घंटे के भीतर ही पूरे शहर भर में नाकाबंदी कर दी गई। नाकाबंदी की वजह से अहमदनगर टू प्लाजा पर किड्नैपर्स दोनों अगवा व्यक्ति अजीम और अमित के साथ दबोच लिये गएं।
कोतवाल देवेश सिंह ने मुकदमा लिखकर सभी अभियुक्त को जेल भेज दिया। जिसमें फॉर्च्यूनर व स्विफ्ट डिजायर गाड़ी में सवार बदमाशों के नाम कुछ यूं है-
1-
राजू
रामचंद्र
पाटिल,
निवासी
साखरे
पोस्ट
दहिसर
थाना
मनोर
जिला
पालघर
महाराष्ट्र।
2-
अब्दुल
हक
पुत्र
अब्दुल
रशीद
निवासी
टाउन
एरिया
कादीपुर
जनपद
सुलतानपुर।
3-
प्रभाकर
मौर्य
पुत्र
राम
अकबाल
मौर्य
थाना
मोतिगरपुर,
सुनील
गौसिया
निवासी
दहिसर
देव
ने
पाला
थाना
मनोर
जिला
पालघर
महाराष्ट्र।
4-
मोहसिन
अब्बास
निवासी
लालबाग
बांसमंडी
कोतवाली
नगर
फैजाबाद।
5-
शोएब
निवासी
पूरा
जनावरा
रोड
मेवाती
पुर
थाना
कोतवाली
नगर
जनपद
फैजाबाद।
6-
अहमद
रजा
कुरैशी
निवासी
धनु
बाग
ठाणे
पालघर
महाराष्ट्र।
मिली जानकारी के अनुसार प्रशासनिक अधिकारियों को मिलाकर अब्दुल हक जब भी किसी व्यक्ति के विदेशों में मौत हो जाती थी। तो एक भारतीय होने के ढोंग का बहाना कर लोगों को मदद दिलाने के बहाने जमकर पैसों की वसूली करता था। इतना ही नहीं हिम्मत तो देखिये कि जिस गाड़ी से किडनैप करने के लिए अब्दुल गया था। उस गाड़ी के भाजपा के झंडे तथा उस पद का नाम लिखा है जिसपर अब्दुल विराजमान है। पीछ अब्दुल हक के इस तरह के अपराध में पकड़े जानें के बाद हर किसी ने दांतों तले उंगलियां दबा ली है।