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VIDEO: विदेशी दंपति हुआ हिंदुस्तानी संस्कृति का इतना मुरीद कि दोबारा यूपी में रचा ली शादी

जर्मनी का ये प्रेमी जोड़ा हिंदुस्तान में शादी करेगा। मंडप विषुद्ध रूप से भारतीय छाप वाला होगा। हिंदू रीति-रिवाज से पंडित जी सात फेरे दिलाकर इनका विवाह संपन्न कराएंगे।

By Gaurav Dwivedi
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रायबरेली। हिंदुस्तानी रीति-रिवाज हमेशा से विदेशियों को आकर्षित करते रहे हैं। नदियां, फूल, पहाड़ और पुरातन धरोहरों को देखने आने वाले पर्यटक यहां की संस्कृति में खो ही जाते हैं तो कई बार वो यहीं बसना भी चाहते हैं। ऐसी ही एक नई कहानी रायबरेली के अमांवा ब्लाक के मुराई का पुरवा गांव में बन गई। यहां जर्मनी के दूल्हे राजा को वहीं की दुल्हनियां जयमाला पहनाई। यानि जर्मनी का ये प्रेमी जोड़े ने हिंदुस्तान में शादी की। मंडप विषुद्ध रूप से भारतीय छाप वाला बनाया गया। हिंदू रीति-रिवाज से पंडित जी ने सात फेरे दिलाकर इनका विवाह संपन्न कराया। दावत में करीब दो सौ लोगों ने पकवान छके। शादी की तैयारियां पूरी की गई और देर रात शादी संपन्न हुई।

Foreigner couple marriage again in Uttar Pradesh

देखिए VIDEO...

शुभ लग्न में दोनों का विवाह कार्यक्रम संपन्न किया गया। करीब 55 साल के डबल्यू लेंजर वाल्प लांग और 45 साल की एंड्रिया वाल्प लांग पहले से ही शादीशुदा हैं। इनके शादी के मुख्य गवाह उनके दो बेटे डेविड और ओलिवर और 14 साल की छोटी बेटी एल्विन भी रही।

Foreigner couple marriage again in Uttar Pradesh

इसलिए चर्चा में है मुराई का पुरवा गांव

शहर से करीब दस किलोमीटर दूर स्थित अमावां ब्लाक इस वक्त चर्चा में है। यहां के मुराई का पुरवा गांव में बुधवार को महराजदीन मौर्य के दरवाजे पर जर्मनी के दूल्हा-दुल्हन हिंदू रीति-रिवाज से विवाह करेंगे। लंजर वाल्प लांग का पूरा परिवार शहर के एक निजी होटल में ठहरा। जबकि शादी की सारी तैयारियां दस किलोमीटर दूर गांव में की गई। बुधवार को मेंहदी की रस्म में करीब 50 लोगों को खाने-पीने के लिए चायनीज व्यंजन परोसे गए।

Foreigner couple marriage again in Uttar Pradesh

दिल्ली में हुआ महराजदीन से परिचय

डबल्यू लेंजर अपने परिवार समेत करीब 18 साल पहले दिल्ली घूमने आए थे। इसी दौरान उनकी पहचान रायबरेली के अमांवा ब्लाक के इस गांव से हुई। रामकेवल 1995 में काम की तलाश में दिल्ली आए थे। वहां वो ड्राइवरी करने लगे। उसी दौरान साल 1999 में लेंजर की यहां के रहने वाले महराजदीन मौर्य से मुलाकात हुई। यहीं से जर्मन परिवार का मन हिंदुस्तानी संस्कृति में रचने-बसने लगा। पकवान बनाने की पूरी जिम्मेदारी निभाने के लिए दिल्ली से खानसामा बुलाया गया। गुरुवार को लग्न समय के अनुसार सात फेरे और जयमाल की विधि पूरी हुई।

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English summary
Foreigner couple marriage again in Uttar Pradesh
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