पिकनिक पर निकले स्कूली छात्रों के बस में लगी आग, राहगीरों की सतर्कता से बचाई गई जान
धुएं का गुबार देख सड़क किनारे खड़े लोग आवाज देने लगे, लेकिन रफ्तार में रही बस के ड्राइवर को इसकी भनक तक नहीं लगी। राहगीरों में किसी ने पुलिस कंट्रोल रूम में तत्काल इसकी सूचना दी। इसी दौरान दो बाइक सवार युवकों ने बस का पीछा किया और बस को ओवरटेक कर बस रुकवाई।
इलाहाबाद। जरा सोचिए आपके बच्चे स्कूल पिकनिक ट्रिप पर जा रहे हैं। रास्ते में अचानक बस में आग लग जाती है, लेकिन ना तो बच्चों को कुछ पता चलता है और ना बस और टीचर्स को। ऐसे में उनकी जान कैसे बचती है? ये आपको एक फिल्मी सीन लग रहा होगा, लेकिन यूपी के इलाहाबाद में एक ऐसा ही हादसा हुआ और बर्निंग बस बनने के दौरान ही दर्जनों बच्चों की जान राहगीरों की सतर्कता से बचा ली गई। हुआ कुछ यूं की इलाहाबाद के सेंट जोसफ कॉलेज से पिकनिक ट्रिप पर 3 बसे निकलीं। सभी स्टूडेंट्स और टीचर बैठे हुए थे। बस इलाहाबाद के पूर्वी हिस्से में झूंसी के नंदन कानन के लिए चल पड़ी, लेकिन झूंसी के पास सबसे पीछे चल रही बस से अचानक आग की लपटें उठने लगी।
धुएं का गुबार देख सड़क किनारे खड़े लोग आवाज देने लगे, लेकिन रफ्तार में रही बस के ड्राइवर को इसकी भनक तक नहीं लगी। राहगीरों में किसी ने पुलिस कंट्रोल रूम में तत्काल इसकी सूचना दी। इसी दौरान दो बाइक सवार युवकों ने बस का पीछा किया और बस को ओवरटेक कर बस रुकवाई। बस रुकते ही हवा से पीछे जा रहा धुआं भयंकर रूप लेकर बस में भरने लगा। अचानक ही बच्चों की चीख पुकार मच गई, आनन-फानन में सभी को बस से बाहर निकाला गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने बस को कब्जे में लेते हुए चालक को झूंसी थाने ले गई।
ताक पर थी सुरक्षा
पुलिस ने जब बस में आग बुझाने के लिए सिलेंडर ढूंढा तो पता चला बस में सिलेंडर भी नहीं है। इतनी बड़ी लापरवाही पर बच्चों को टीचर समेत ड्राइवर के साथ थाने ले जाया गया। सूचना पर कुछ बच्चों के अभिभावक थाने पहुंचे और बच्चों को अपने साथ घर ले गए। स्कूल प्रबंधन से घंटों बाद भी कोई नहीं पहुंचा था। लापरवाही पर दो बसों को सीज कर दिया गया और बच्चों को दूसरी गाड़ी से घर भेजा गया। मामले की रिपोर्ट डीएम और जिला विद्यालय निरीक्षक को भेजी जाएगी।
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