यूपी और हरियाणा के किसानों में खूनी संघर्ष, फायरिंग में एक की मौत
शामली। हरियाणा के किसानों द्वारा सैकड़ों बीघा गेहूं की खड़ी फसल को कंबाइन मशीन से काटते समय बलहेड़ा गांव मे खूनी संघर्ष हो गया। लाइसेंसी राइफल, बंदूकें, लाठी, डंडे और अन्य धारदार हथियार लेकर पहुंचे हरियाणा के किसानों ने जबरन गेहूं की फसल को काटना शुरू कर दिया। जब यूपी के किसानों ने रोकना चाहा तो आपस में जमकर संघर्ष हो गया। इस संघर्ष में हरियाणा के किसानों द्वारा चलाई गई गोली से बलहेड़ा गांव के निवासी एक किसान की मौत हो गई जबकि तीन अन्य घायल हुए हैं। घटना की सूचना पाकर एसडीम कैराना, डायल 100 की दो गाड़ियों के अलावा झिंझाना पुलिस, कैराना सीओ, कैराना थाना प्रभारी, चौसाना समेत जिले से भारी पुलिस बल मौके पर पहुंचा और हरियाणा के किसानों द्वारा लाए गए दो ट्रैक्टर, आधा दर्जन बाइकें, दो कंबाइन मशीन बरामद करते हुए लगभग आधा दर्जन आरोपियों को हिरासत में लिया है।
हरियाणा
के
किसानों
ने
चलाई
गोली
दरअसल
जनपद
शामली
के
झिंझाना
थाना
क्षेत्र
के
गांव
बलेहड़ा
के
40-50
किसानों
की
कृषि
भूमि
यमुना
नदी
खादर
में
स्थित
है
जिस
पर
सैकड़ों
बीघा
कृषि
जमीन
में
गन्ना
व
गेहूं
की
फसल
उगाई
हुई
है।
हरियाणा
के
20-25
किसान
लाइसेंसी
राइफल
बंदूक,
लाठी-डंडे
तथा
तेज
धारदार
हथियार
लेकर
फसल
काटने
पहुंचे
गये
तथा
अपने
साथ
दो
कंबाइन
मशीन
तथा
दो
ट्रैक्टर-ट्रॉलियों
को
लेकर
पहुंचे।
यहां
पहुंचते
ही
उन्होंने
कंबाइन
मशीन
से
गेहूं
की
फसल
को
काटना
शुरू
कर
दिया।
इसकी
जानकारी
जब
बलेहड़ा
के
किसानों
को
लगी
तो
वे
भी
घटनास्थल
की
ओर
दौड़
पड़े
और
उनको
रोकना
चाहा।
आरोप
है
कि
उन्होंने
तुरंत
ही
गोलियां
चलानी
शुरू
कर
दी
उनकी
इस
गोलाबारी
में
एक
35
वर्षीय
राजेश
पुत्र
श्यामलाल
के
सिर
में
गोली
लगने
से
मौके
पर
ही
उसकी
मौत
हो
गयी
जबकि
सुभाष
पुत्र
लालचंद
किशन
पुत्र
लालचंद
तथा
विकास
पुत्र
करेशन
घायल
हो
गये।
सूचना मिलते ही डायल 100 की 2 गाड़ियां तथा एसडीएम कैराना दुष्यंत कुमार, कैराना कोतवाली प्रभारी भगवत सिंह, पुलिस क्षेत्राधिकारी कैराना राजेश तिवारी , थाना प्रभारी झिंझाना संदीप बालियान के अलावा चौसाना समेत जिले से भारी पुलिस बल मौके पर पहुंच गया। घायल किसानों को सीएचसी में भर्ती करा शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया । वहीं पुलिस ने मौके से हरियाणा के किसानों द्वारा लाई गई दो कंबाइन मशीनें, दो ट्रैक्टर-ट्रॉलियों, आधा दर्जन के करीब बाइकें तथा आधा दर्जन के करीब हरियाणा के किसानों को हिरासत में ले लिया है। पुलिस को अभी तक कोई तहरीर दी गई है। पुलिस कार्रवाई में जुटी है।
हरियाणा
के
किसानों
को
भूमाफिया
किया
हुआ
है
घोषित
यमुना
नदी
पर
स्थित
कृषि
भूमि
का
डीएम
शामली
के
आदेश
पर
सर्वे
लेखपाल
द्वारा
सर्वे
कराकर
अपनी
जांच
में
दोषी
पाया
गया
था।
उसी
समय
डीएम
शामली
के
आदेश
पर
सर्वे
लेखपाल
उमेश
की
ओर
से
हरियाणा
के
किसान
सुभाष
पुत्र
लहना
ग्राम
रिसालू
थाना
चांदनी
बाग
पानीपत
तथा
नवाब
पुत्र
यामीन
,
आजम
पुत्र
इकराम
,
मुस्तफा
पुत्र
इकराम
निवासीगण
गांव
राणा
माजरा,
थाना
सनौली
,
जिला
पानीपत
को
भूमाफिया
घोषित
करते
हुए
गत
13
जनवरी
2018
को
प्रिवेंशन
ऑफ़
डैमेज
टू
पब्लिक
प्रॉपर्टी
एक्ट
1984
धारा
3
,
प्रिवेंशन
ऑफ़
डैमेज
तो
पब्लिक
प्रॉपर्टी
एक्ट
1984
की
धारा
4
के
अंतर्गत
अभियोग
पंजीकृत
कराया
गया
था
।
जिसकी
जांच
झिंझाना
पुलिस
द्वारा
की
जा
रही
है।
3
दिन
पूर्व
बलहेड़ा
गांव
के
किसानों
ने
थाने
पहुंचकर
गन्ने
की
फसल
काटे
जाने
का
भी
हरियाणा
वासियों
पर
आरोप
लगाया
था
मगर
उस
समय
यदि
पुलिस
इन
किसानों
की
बात
सुन
लेती
और
कार्रवाई
करती
तो
शायद
आज
राजेश
की
जान
ना
जाती।
इससे
पहले
भी
हो
चुका
है
खूनी
संघर्ष
बलहेड़ा
गांव
में
गेहूं
की
फसल
काटने
पहुंचे
हरियाणा
के
किसानों
व
यूपी
के
किसानों
के
बीच
हुआ
खूनी
संघर्ष
का
यह
मामला
कोई
नया
नहीं
है।
कई
सालों
से
हरियाणा
के
भू
माफिया
यमुना
नदी
में
स्थित
इस
जमीन
पर
अवैध
कब्जा
करने
की
नियत
से
प्रयासरत
हैं।
इसी
मामले
में
मुकदमे
में
दर्ज
एक
किसान
का
रिश्तेदार
यहां
का
कुख्यात
मुकीम
काला
बताया
गया
है।
बलहेड़ा
के
किसानों
ने
बताया
कि
मुकीम
ने
अपने
एक
साथी
को
लेकर
मृतक
के
परिवार
पर
जानलेवा
हमला
किया
था
जिसमें
मृतक
का
चाचा
व
दो
अन्य
गंभीर
रूप
से
घायल
हुए
थे।
बताया
गया
कि
खेत
में
खड़ी
सैकड़ों
बीघा
गेहूं
की
फसल
को
कंबाइन
मशीनों
से
काटकर
हरियाणा
भिजवाने
में
हरियाणा
के
किसान
सफल
हो
गए।
इससे
4
दिन
पूर्व
भी
हरियाणा
के
किसानों
ने
कुछ
गन्ना
काट
लिया
था।
कुछ
गन्ने
को
यमुना
में
बहा
दिया
था
मगर
यहां
की
पुलिस
ने
शिकायत
पर
भी
कुछ
नहीं
किया
और
बलहेड़ा
के
किसान
थाने
के
चक्कर
काटते
रह
गए
जिसमें
यहां
किसान
की
मौत
हो
गयी।
घायल
किसान
ने
बताया
बलहेड़ा
गांव
के
घायल
किसान
सुभाष
ने
बताया
कि
हरियाणा
के
किसान
हमारे
खेत
से
मशीन
लगा
कर
गेंहू
काट
रहे
थे
हम
मशीन
वाले
को
रोकने
जा
रहे
थे।
तो
उन्होंने
सामने
से
गोली
चला
दी।
ना
पुलिस
पहुंची,
मौके
पर
ना
ही
एस.डी.एम.
से
मदद
मांगी।
उन्होने
भी
कुछ
नहीं
किया।
मेरे
भतीजे
को
गोली
लगने
से
उसकी
मौके
पर
ही
मौत
हो
गई
है।
6-7
लोग
घायल
है।
घटना
के
लगभग
डेढ
घण्टे
बाद
पुलिस
पहुंची।
उत्तर
प्रदेश
और
हरियाणा
के
किसानों
के
बीच
भूमि
स्वामित्व
का
विवाद
कई
दशक
पुराना
है।
यमुना
नदी
की
धारा
बदलने
के
कारण
यह
विवाद
बनता
है।
विवाद
का
निस्तारण
करने
के
लिए
दीक्षित
आयोग
का
गठन
भी
हुआ
था
और
पिलर
भी
लगाए
गए
थे,
लेकिन
लंबे
समय
से
यह
विवाद
खत्म
नहीं
हो
रहा
और
हर
साल
दोनों
प्रदेशों
के
किसानों
में
टकराव
होता
रहा
है।
वहा
घटना
के
सम्बन्ध
में
कोई
भी
अधिकारी
मुंह
खोलने
को
तैयार
नहीं
है।