यूपी में चल रहा फर्जी अस्पताल जिसमें इलाज कर रहे नकली डॉक्टर
खास बात ये है कि ना ही डॉक्टरों के पास कोई डिग्री है और न ही अस्पताल का रजिस्ट्रेशन।
शाहजहांपुर। जैसे-जैसे सूबे में मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है वैसे ही फर्जी अस्पतालों का भी खुलासा हो रहा है। यूपी के शाहजहांपुर में स्वास्थ्य विभाग ने एक फर्जी अस्पताल का खुलासा किया है जहां ऑपरेशन से लेकर हर गंभीर बीमारी का इलाज किया जा रहा था। खास बात ये है कि ना ही डॉक्टरों के पास कोई डिग्री है और न ही अस्पताल का रजिस्ट्रेशन। फिलहाल स्वास्थ्य विभाग अस्पताल को सील करने और यहां के कथित एमडी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की तैयारी कर रहा है।
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शाहजहांपुर का फर्जी हॉस्पिटल
ये है थाना सदर बाजार क्षेत्र के पुवाया रोड पर फर्जी तौर पर चल रहा डॉक्टर खान चैरिटेबल हॉस्पिटल। इस अस्पताल में डॉक्टर तो तैनात हैं लेकिन ये जानकर आपको हैरानी होगी कि सभी डॉक्टरों की डिग्रियां फर्जी हैं। यहां तक कि इस अस्पताल का कहीं भी कोई रजिस्ट्रेशन भी नहीं है। यहां मरीजों की जिन्दगी के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। यहां छोटी बीमारी से लेकर बड़े ऑपरेशन तक किये जा रहे हैं। सूचना के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने छापेमारी की तो फर्जीवाड़े का खुलासा हो गया। अस्पताल में डॉक्टर के सभी प्रमाण पत्र और डिग्री फर्जी निकले। यहां जिस वक्त छापा मारा गया तो वहां दर्जनों मरीजों का इलाज चल रहा था। बाहर और अन्दर से देखकर ये कोई नही कह सकता था कि ये अस्पताल फर्जी भी हो सकता है लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी की मानें तो ये अस्पताल पूरी तरह से फर्जी हैं जिसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।
नकली डॉक्टरों का अस्पताल
अस्पताल के फर्जी होने के खुलासे के बाद वहां मौजूद कथित डॉक्टरों के चेहरे की हवाइयां उड़ने लगीं। यहां न ही कोई असली डॉक्टर था और न ही कोई ट्रेन्ड कर्मचारी ही था। सबकुछ कामचलाऊ था। जब फर्जी डॉक्टर से सवाल किया गया तो वो खुद को अभी भी डॉक्टर बताने से नहीं चूक रहे और अपनी डिग्री को असली बता रहे हैं। डॉक्टर का कहना है कि भारतीय चिकित्सा परिषद में मेरी रसीद कटी हुई है। जब सुप्रीम कोर्ट मे मामला फाइनल हो जाएगा तब हमे रजिस्ट्रेशन नंबर दे दिया जाएगा। अभी हमे फर्जी नहीं कह सकते हैं क्योंकि जब तक कोर्ट कोई फैसला नहीं सुनाता है तब तक हमें फर्जी कैसे कह दिया जाएगा?
'अस्पताल के खिलाफ करेंगे कार्रवाई"
डिप्टी सीएमओ नरेश पाल ने बताया कि आज सूचना के बाद उन्होंने खान चैरिटेबल हास्पिटल चल रहा है छापेमारी मे कुछ दवाएं मिली हैं, साथ ही मरीज भी भर्ती मिले हैं। जब उन्होंने अस्पताल का रजिस्ट्रेशन और डॉक्टर की डिग्री के बारे मे पूछा तो न तो कुछ सही बता पाए और न ही डिग्री दिखा पाए। वो खुद कबूल रहे हैं कि अस्पताल फर्जी तरीके से चल रहा था। एक मेडिकल स्टोर पर भी फर्जी तरीके से खोल रखा था। उसके भी सही कागज नहीं दिखा पाए। उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
स्वास्थ्य विभाग की देखरेख में चल रहे फर्जी अस्पताल!
पकड़ा गया ये फर्जी अस्पताल पिछले लम्बे समय से स्वास्थ्य विभाग की नाक के नीचे चल रहा था। यहां बड़ा सवाल स्वास्थ्य विभाग पर उठ रहा है कि आखिर इससे पहले स्वास्थ्य विभाग की नजरो से कैसे बचता रहा? चर्चा है कि ये फर्जी अस्पताल स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के संरक्षण में ही चल रहा था। अब देखना ये है कि इलाज के नाम पर लोगों की जिन्दगी से खिलवाड़ करने वाले इस फर्जी अस्पताल के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाती है।
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