मुलायम-अखिलेश के दोनों धड़ों को मिल सकती है अस्थायी मान्यता, चुनाव आयोग कर रहा विचार
मुलायम सिंह यादव ने चुनाव आयोग को बताया कि इस अधिवेशन में मुझे भी नहीं बुलाया गया जबकि मैं पार्टी का संस्थापक सदस्य और राष्ट्रीय अध्यक्ष हूं।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी में जारी घमासान थमता नहीं दिख रहा है। रविवार को मुलायम सिंह यादव के हाथों से समाजवादी पार्टी का कंट्रोल अखिलेश यादव ने अपने हाथों में ले लिया। मुलायम सिंह यादव के कई करीबी भी अखिलेश यादव के समर्थन में आ गए हैं। इस सबके बीच मुलायम सिंह यादव सोमवार सुबह दिल्ली पहुंचे। जहां उन्होंने शिवपाल यादव, अमर सिंह और जयाप्रदा के साथ मिलकर बैठक की। इस दौरान उन्होंने चुनाव आयोग से मुलाकात का समय मांगा।
मुलायम सिंह यादव ने ठोंंका साइकिल चुनाव चिन्ह पर दावा
शाम साढ़े चार बजे मुलायम सिंह यादव चुनाव आयोग पहुंचे। जहां उन्होंने चुनाव आयोग को बताया कि अखिलेश यादव और रामगोपाल यादव अब पार्टी में नहीं हैं। इन्होंने असंवैधानिक रुप से पार्टी का अधिवेशन किया। मुलायम सिंह यादव ने चुनाव आयोग को बताया कि इस अधिवेशन में मुझे भी नहीं बुलाया गया जबकि मैं पार्टी का संस्थापक सदस्य और राष्ट्रीय अध्यक्ष हूं। इस दौरान मुलायम सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी के चुनाव निशान साइकिल पर अपना दावा भी चुनाव आयोग के सामने पेश किया। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी के वो राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं इसलिए साइकिल चुनाव चिन्ह पर उनका ही दावा बनता है।
बता
दें
कि
मुलायम
सिंह
यादव
के
साथ
शिवपाल
यादव,
अमर
सिंह
और
जयाप्रदा
भी
चुनाव
आयोग
पहुंचे
थे।
दूसरी
ओर
अखिलेश
यादव
की
ओर
से
भी
चुनाव
आयोग
को
नया
गुट
बनाने
की
लिखित
सूचना
दी
गई
है।
उनकी
ओर
से
प्रोफेसर
रामगोपाल
यादव
मंगलवार
को
सुबह
11
बजे
चुनाव
आयोग
जाएंगे।
जहां
चुनाव
आयुक्त
से
मिलकर
इस
बारे
में
चर्चा
करेंगे।
दूसरी
ओर
चुनाव
आयोग
विधानसभा
चुनाव
से
पहले
सपा
के
दोनों
धड़ों
को
अस्थायी
मान्यता
देने
पर
विचार
कर
रहा
है।
अगर
ऐसा
होता
है
तो
चुनाव
आयोग
मुलायम
सिंह
यादव
के
गुट
को
समाजवादी
पार्टी
(एम)
और
अखिलेश
यादव
के
गुट
को
समाजवादी
पार्टी
(ए)
की
मान्यता
देने
की
तैयारी
कर
रहा
है।
इसे
भी
पढ़ें:-
आखिर
रामगोपाल
ने
कैसे
बनाई
सपा
में
तख्तापलट
की
रणनीति,
अखिलेश
को
बनाया
राष्ट्रीय
अध्यक्ष