सपा में घमासान के बीच लीक हुए ईमेल से खुलासा- प्लानिंग के तहत मचा है पार्टी में बवाल?
अखिलेश यादव के अमेरिकी सलाहकार स्टीव जार्डिंग का एक ईमेल सामने आया है जिसमें अद्वैत नाम के शख्स को यादव परिवार में ड्रामा रचने की सलाह दी जा रही है।
लखनऊ। समाजवादी पार्टी में छिड़ी जंग और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पार्टी से बाहर किए जाने के बाद उठे सियासी भूचाल के बीच एक ईमेल तेजी से वायरल हो रहा है। यह ईमेल अखिलेश यादव के अमेरिकी सलाहकार स्टीव जार्डिंग का बताया जा रहा है जिसमें अद्वैत नाम के शख्स को यादव परिवार में ड्रामा रचने की सलाह दी जा रही है। हालांकि ईमेल की जो तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है उसकी सच्चाई की पुष्टि अब तक नहीं हो पाई है, लेकिन राजनीतिक विश्लेषक भी मानते हैं यादव परिवार में जो हो रहा है वह सोची समझी चाल है।
...तो
ईमल
में
इसलिए
हुई
प्लानिंग
ईमेल
की
मानें
तो
अखिलेश
यादव
के
अमेरिकी
सलाहकार
ने
यादव
परिवार
में
ड्रामा
रचने
की
सलाह
इसलिए
दी
ताकि
अखिलेश
यादव
पर
जनता
का
फोकस
बढ़े।
पूरे
विवाद
के
दौरान
अखिलेश
यादव
से
जनहित
की
घोषणाएं
औप
उद्घाटन
कराए
जाएं,
ताकि
लोगों
को
यह
लगे
कि
परिवार
से
इतर
अखिलेश
विकास
पर
ध्यान
दे
रहे
हैं।
यानी
अखिलेश
को
विकास
के
ब्रांड
के
तौर
पर
पेश
करने
की
योजना
है।
यह
ईमेल
24
जुलाई
का
है।
दिलचस्प
बात
ये
है
कि
अगस्त
से
ही
सपा
के
अंदर
उठापटक
तेज
हुई
है,
जो
अब
इस
मोड़
तक
पहुंच
गई
है।
देखिए एक नजर में, पांच महीने में कैसे बदला सपा का सियासी गेम
आखिर
क्या
फायदा
होगा?
राजनीतिक
विश्लेषकों
का
मानना
है
कि
अखिलेश
यादव
को
पार्टी
से
निकालने
के
पीछे
सबसे
बड़ी
वजह
है
बाकियों
का
मुंह
बंद
करना।
जो
नेता
अखिलेश
यादव
के
खिलाफ
हैं,
चाहे
वह
शिवपाल
सिंह
यादव
हों
या
फिर
कोई
और,
जब
अखिलेश
चुनाव
में
धमाकेदार
जीत
दर्ज
करेंगे
तो
उनके
विरोधी
अपने
आप
खमोश
हो
जाएंगे
और
फिर
यह
बात
साफ
हो
जाएगी
कि
वही
आज
के
ब्रांड
हैं।
मुलायम
सिंह
यादव
पार्टी
को
बनाए
रखना
चाहते
हैं
और
इसके
लिए
भाई
शिवपाल
सिंह
यादव
को
अलग
भी
नहीं
होने
देना
चाहते।
जब
अखिलेश
यादव
अपनी
विकासवादी
छवि
के
दम
पर
चुनाव
जीत
लेंगें
तो
सारी
समस्या
खुद
ही
खत्म
हो
जाएगी।
मुलायम
के
साथ
ही
सबको
अखिलेश
का
काबिलियत
और
प्रभाव
को
मानना
पड़ेगा।
इससे
एक
संदेश
यह
भी
जाएगा
कि
शिवपाल
भले
ही
सपा
के
संस्थापक
सदस्यों
में
से
हैं
लेकिन
फिर
भी
अखिलेश
यादव
की
पकड़
अब
पार्टी
के
समर्थकों
और
जनता
के
बीच
ज्यादा
है।