राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो यात्रा' से UP के दिग्गज नेताओं की दूरी से उठ रहे बड़े सवाल ?
लखनऊ, 09 सितंबर: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में करारी हार झेल चुकी कांग्रेस यूपी में कई चुनौतियों से होकर गुजर रही है। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी (UPCC) के सूत्रों ने कहा कि पार्टी के दिग्गज नेताओं को राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो यात्रा' में न तो सूचित किया गया है और न ही उन्हें आमंत्रित किया गया है। कांग्रेस यूपी में पहले ही संजीवनी तलाश रही है उपर से इतने बड़े कार्यक्रम में यूपी जैसे राज्य की उपेक्षा पार्टी की रणनीति पर भारी पड़ सकती है। एक पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ने अपनी नाराजगी जताते हुए कहा कि हमें उम्मीद थी कि इस यात्रा में शामिल होने की निमंत्रण मिलेगा लेकिन ऐसा नहीं है। अब आगे बढ़ने का समय आ गया है।
खोए हुए जनाधार को पालने के लिए भारत जोड़ो यात्रा
दरअसल खोए हुए वोट बैंक को एकजुट करने के उद्देश्य से कन्याकुमारी से कश्मीर तक राहुल गांधी की 3,570 किलोमीटर की 'भारत जोड़ो यात्रा' को उत्तर प्रदेश में एक बड़ा झटका लगा है। क्योंकि कार्यक्रम से दिग्गज नेताओं को अलग रखा गया था। सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस महासचिव उत्तर प्रदेश प्रियंका गांधी की कोर टीम ने यह सुनिश्चित किया कि पार्टी के पुराने नेताओं को कोई आमंत्रण न भेजा जाए और केवल उनके करीबी लोगों को ही राहुल गांधी की महत्वाकांक्षी योजना का हिस्सा बनाया जाए।
पार्टी के दिग्गज नेताओं को नहीं मिला आमंत्रण
दिलचस्प बात यह है कि यूपी गांधी परिवार और जवाहर लाल नेहरू से लेकर राहुल गांधी तक सभी परिवार के सदस्यों के लिए घरेलू मैदान बना रहा। स्मृति ईरानी से पिछला चुनाव हारने से पहले राहुल ने अमेठी का प्रतिनिधित्व किया था। यूपीसीसी सूत्रों ने कहा कि पार्टी के दिग्गज नेताओं को राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो यात्रा' में न तो सूचित किया गया है और न ही उन्हें आमंत्रित किया गया है। एक तरफ जहां पार्टी यूपी में अपने लिए संजीवनी तलाश रही उसमें भी नेताओं को न बुलाना हैरान करने वाला है। देश का सबसे बड़ा राज्य होने के बावजूद यहां का एक भी दिग्गज नेता कांग्रेस की इस बड़ी यात्रा में शामिल नहीं हैं।
प्रियंका की कोर टीम के सदस्यों की मौजूदगी
उत्तर प्रदेश से मुख्य रूप से प्रियंका गांधी वाड्रा के निजी सचिव संदीप सिंह, अमेठी सेवा दल के अध्यक्ष राम बरन कश्यप, यूपीसीसी अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष शाहनवाज आलम, यूपीसीसी मछुआरा कांग्रेस के अध्यक्ष देवेंद्र निषाद और यूपीसीसी सचिव (उन्नाव प्रभारी) प्रतिभा अटल पाल शामिल हैं। कांग्रेस के नेता ने बताया कि चूंकि यात्रा के ढाई दिनों तक राज्य में रहने की उम्मीद है, पार्टी ने राज्य को कवर करते हुए चार से पांच छोटी यात्राएं करने का प्रस्ताव रखा है, जो बुलंदशहर में विलय हो जाएगा।
यूपी में यात्रा के दौरान मौजूद रहेंगे सभी
पार्टी के एक नेता ने कहा: "इस यात्रा के लिए तीन श्रणियां बनाई गई हैं। भारत पदयात्री (जो पूरे रास्ते राहुल के साथ रहेंगे), अतिथि पदयात्री (जो थोड़े समय के लिए शामिल होंगे) और राज्य पदयात्री (जो अपने-अपने राज्यों में राहुल के साथ जाएंगे)। उत्तर प्रदेश से 14 भारत यात्री हैं।' 'भारत जोड़ो यात्रा' के राजस्थान से बुलंदशहर पहुंचने और जम्मू-कश्मीर जाने के रास्ते दिल्ली के लिए रवाना होने की उम्मीद है।
पुराने दिग्गज पार्टी के इस फैसले से नाराज
इस बीच पार्टी के दिग्गज नेता एक बार फिर नजरअंदाज किए जाने से खफा हैं। यूपीसीसी के एक पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि, "ऐसी पार्टी में रहने का क्या मतलब है जो आपकी उपस्थिति को भी नहीं पहचानती है? कम से कम हमें किसी समय यात्रा के लिए निमंत्रण की उम्मीद थी। दल के सभी सदस्य प्रियंका की टीम के सदस्य हैं और अगर कांग्रेस भविष्य के लिए उन पर निर्भर रहना चाहती है, तो यह हमारे लिए आगे बढ़ने का समय है।'' हालांकि यूपी कांग्रेस के प्रवक्ता अंशु अवस्थी का कहना है कि देश में एकता और भाईचारा कायम करने के लिए राहुल गांधी की यात्रा चल रही है। रही बात यूपी के नेताओं की तो यह यात्रा जब यूपी पहुंचेगी उसमें सभी वरिष्ठ नेता आपको दिखाई देंगे।
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