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सपा में नहीं बनी बात, अब यूपी चुनाव को लेकर क्या है मुख्तार अंसारी की रणनीति...

मुख्तार अंसारी विभिन्न आरोपों में 2005 के बाद से ही लखनऊ की जिला जेल में बंद हैं। जेल में होने के बावजूद मुख्तार अंसारी 2007 और 2012 का विधानसभा चुनाव इसी विधानसभा क्षेत्र से जीत चुके हैं।

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी में कौमी एकता दल के विलय की कोशिशें नाकाम होने के बाद मुख्तार अंसारी अब नई रणनीति पर विचार कर रहे हैं। माना जा रहा है कि मुख्तार अंसारी यूपी चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव मैदान में उतरेंगे।

क्या निर्दलीय चुनाव में उतरेंगे मुख्तार अंसारी?

मुख्तार अंसारी मऊ सदर विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतर सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि समाजवादी पार्टी ने इस सीट पर उम्मीदवार का ऐलान कर दिया है। मऊ सदर विधानसभा सीट पर 11 मार्च को छठे चरण में मतदान होगा।

सपा से टिकट की थी मुख्तार अंसारी को उम्मीद

सपा से टिकट की थी मुख्तार अंसारी को उम्मीद

मुख्तार अंसारी विभिन्न आरोपों में 2005 के बाद से ही लखनऊ की जिला जेल में बंद हैं। जेल में होने के बावजूद मुख्तार अंसारी 2007 और 2012 का विधानसभा चुनाव इसी विधानसभा क्षेत्र से जीत चुके हैं। इससे पहले उन्होंने 2002 और 1996 में भी यहां जीत हासिल की थी। फिलहाल उन्होंने इस बार के चुनाव को लेकर अपने पत्ते नहीं खोले हैं।

2012 में कौमी एकता दल का किया था गठन

2012 में कौमी एकता दल का किया था गठन

मुख्तार अंसारी ने 2002 और 2007 में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था। इससे पहले 1996 में उन्होंने बहुजन समाज पार्टी के टिकट चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। 2012 में उन्होंने कौमी एकता दल का गठन किया और मऊ सदर से चुनाव मैदान में उतरे। इस बार भी उन्हें जीत हासिल हुई, उन्होंने सपा के उम्मीदवार अल्ताफ अंसारी को हराया।

अखिलेश ने किया था मुख्तार अंसारी के सपा में आने का विरोध

अखिलेश ने किया था मुख्तार अंसारी के सपा में आने का विरोध

इस बार मुख्तार अंसारी की कौमी एकता दल के सपा में विलय की संभावना थी। शिवपाल यादव ने इसका ऐलान भी किया लेकिन अखिलेश के विरोध के बाद कौमी एकता दल का सपा में विलय नहीं हो सका। सपा में शामिल होने की उम्मीद थी लेकिन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के विरोध के बाद मामला उलझ गया। इस बीच सपा के सर्वेसर्वा अखिलेश यादव बने तो उन्होंने मऊ सदर सीट से अल्ताफ अंसारी को सपा का टिकट दिया। हालांकि वो 2012 में इसी सीट पर मुख्तार अंसारी चुनाव हार गए थे।

मुख्तार अंसारी के बेटे ने संभाला चुनाव प्रचार का जिम्मा

मुख्तार अंसारी के बेटे ने संभाला चुनाव प्रचार का जिम्मा

मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास बिन मुख्तार ने बताया कि वो अपने पिता के लिए मऊ सदर इलाके में चुनाव प्रचार करेंगे और वोट मांगेंगे। अब्बास बिन मुख्तार ने बताया कि वो पिछले 6 महीने से यहीं हैं और प्रचार अभियान को देख रहे हैं। उन्होंने बताया कि जल्द ही परिवार के दूसरे सदस्य भी चुनाव प्रचार का हिस्सा बनेंगे।

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English summary
Despite SP ticket Mukhtar Ansari may contest the upcoming elections as an Independent from Mau Sadar.
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