मथुरा: अंबेडकर की मूर्तियों को बचाने लिए बना 'दलित दस्ता', रखेगा नजर
मथुरा। उत्तर प्रदेश में असामाजिक तत्वों द्वारा जगह-जगह अंबेडकर की मूर्तियों को निशाना बनाया जा रहा है। माहौल बिगाड़ने की कोशिशों के बाद अब दलित समाज के लोगों ने स्वयं अंबेडकर की मूर्तियों की सुरक्षा का जिम्मा उठाया है। शहर के साथ ही गांव व देहात के क्षेत्रों में भी मूर्तियों की सुरक्षा के लिए नौजवान और महिलाएं भी अलग-अलग शिफ्टों में निगेहबानी करेगी। मूर्तियों को तोड़ने और माहौल खराब करने वाले लोगों से अब मथुरा में दलित दस्ता निपटेगा।
लोगों ने संभाली मूर्तियों की जिम्मेदारी
दरअसल, यूपी के कई जिलों में पिछले कुछ दिनों के दौरान असामाजिक तत्वों ने अंबेडकर की मूर्तियों को क्षतिग्रस्त कर माहौल खराब करने का काम किया है। इसे लेकर कई जगहों पर तो बबाल भी हो चुका है। इससे सबक लेते हुए अब मथुरा में दलित समाज के लोगों ने खुद अंबेडकर की मूर्तियों की सुरक्षा करने की जिम्मेदारी संभाल ली है। बलदेव क्षेत्र के गांव भरतिया में लोग दिन में अंबेडकर की मूर्तियों पर नजर रखने के साथ अलग-अलग शिफ्टों में पहरेदारी भी करेगें। यहीं हाल मथुरा के अन्य देहात क्षेत्र के गांवों का है। शहर स्थित कई अंबेडकर प्रतिमाओं की समता फाउंडेशन से जुड़े नौजवान दिन में नजर रखने के साथ ही रात्रि में गश्त कर सुरक्षा में लगे हुए हैं।
24 घंटे टीम रखेगी चौकसी
समता फाउंडेशन के जिलाध्यक्ष लोकेश राही ने बताया कि सौंख रोड स्थित अंबेडकर की प्रतिमा और इसके साथ ही शहर की अन्य मूर्तियों पर भी 24 घंटे टीमें चौकसी रख रही हैं। रही ने बताया कि आये दिन हो रही मूर्ति तोड़ने की घटनाओं के बाद अब हमने खुद ही मूर्तियों की सुरक्षा करने और असामाजिक तत्वों के निपटने की ठानी है।
देश में महापुरूषों की मूर्तियों का नहीं होना चाहिए अपमान
थाना हाइवे क्षेत्र के गांव विर्जापुर में ग्रामीणों की टीम रात भर जागकर अंबेडकर की मूर्तियों की सुरक्षा करने में जुटे हैं। दलित समाज के लोगों का कहना है कि देश में किसी भी महापुरुष की मूर्ति का अपमान नहीं होना चाहिए। मांट तहसील के गांव डांगोली निवासी हरप्रसाद ने बताया कि रात में गांव के युवा जाग कर निगरानी करने में लगे हैं।