शाहजहांपुर में सीएम योगी ने मारा मंडी पर 'छापा', 'सच' बताने वालों को प्रशासन ने रोका
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शाहजहांपुर। यूयूपी के शाहजहांपुर मे सीएम योगी के औचक निरीक्षण से हड़कंप मच गया। यहां सीएम योगी ने करीब दो घंटे तक रौजा मंडी समिति और गन्ना क्रय केंद्र का निरीक्षण किया। सीएम ने योगी ने गेहू क्रय केंद्रों से दो रजिस्टर डीएम को सौंपे हैं। इसकी जांच खुद डीएम करके सीएम योगी को रिपोर्ट सौंपेंगे। माना जा रहा है कि रिपोर्ट मिलते ही कार्रवाई की जाएगी। लेकिन इस दौरान जो परेशान किसान थे उनको सीएम योगी के करीब नहीं पहुचने दिया गया। सिर्फ उन किसानो को सीएम से मिलवाया गया जो अधिकारियों ने बेहद करीब है। इतना ही नहीं गन्ने सेंटर पर अपने सामने सीएम ने गन्ने से भरी ट्राली का वजन कराया और उसके बाद वहां से सीधे लखीमपुर के लिय रवाना हो गए।
दरअसल रविवार को 11 बजे सीएम योगी आदित्यनाथ के औचक निरीक्षण का कार्यक्रम अचानक जिला प्रशासन के पास पहुंचा और उसके बाद पुलिस और प्रशासन मे हड़कंप मच गया। दो घंटे के बाद सीएम योगी का हैलीकॉप्टर पुलिस लाइन मे उतरा और उसके बाद सबसे पहले सीएम योगी रौजा मंडी समिति पहुंचे जहां उन्होंने गेहूं क्रय केंद्र पर जाकर तौल को लेकर किसानों से बात की।
हलांकि इस जिला प्रशासन ने जिन किसानों को सीएम से मिलवाया उन्होंने तो सब ठीक-ठाक बताया लेकिन उनसे करीब दस मीटर की दूरी पर उन किसानों को रोक दिया गया जो वाकई परेशान थे। उन किसानों को सीएम योगी के करीब नहीं जाने दिया गया।
उसके बाद सीएम योगी ने लक्ष्मणपुर गन्ना क्रय केंद्र पर जाकर अपने सामने एक गन्ने से लदी ट्रॉली की तौल करवाई। उसके बाद उस ट्रॉली को तौल कराकर खुद सीएम ने अपने सामने हटवाया और उसके बारे फिर उस ट्राली की तौल करवाई लेकिन कोई घटतौली नहीं मिली। उसके बाद सीएम लखीमपुर के लिए रवाना हो गए।
इस दौरान जब सीएम योगी मंडी समिति का निरीक्षण कर रहे थे। उस वक्त व्यापार मंडल के सदस्य मंडी समिति पहुंच गए और कुछ कदम की दूरी पर जाकर व्यापार मंडल के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया और नारेबाजी लगाना शुरू कर दी जिससे वहां पर हड़कंप मच गया। इस दौरान वहां पर सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए हंगामा करने वाले व्यापार मंडल के सदस्यों को वहां से हटा दिया गया।
सीएम योगी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि आज वह किसानों की परेशानियों को जानने के लिए यहां आए है। मंडी समिति का निरीक्षण किया है। किसानों से भी बात की है। उनका मकसद हे कि जो गेहूं के सेंटर बनाए गए हैं उनका वाकई सरकारी रेट पर खरीद हो भी रही है या नहीं। जिन किसानों की खरीद के बाद उनको पैसा दिया गया है, क्या वह वाकई असली किसान हैं भी या नहीं। ये दो दिन के अंदर डीएम हमे जांच सौपेंगे। उसके बाद खामियां पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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