चौरीचौरा कांड के शहीदों के सम्मान में सालभर होंगे कार्यक्रम, शताब्दी वर्ष मनाने पर योगी सरकार का आदेश
गोरखपुर। शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले, वतन पर मरने वालों का यही निशां होगा। देश के स्वाधीनता आंदोलन को निर्णायक दिशा देने वाले चौरीचौरा कांड के शहीदों को उचित सम्मान मिले, इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस ऐतिहासिक घटना के शताब्दी वर्ष में सालभर कार्यक्रम करने का आदेश जारी किया है। योगी सरकार का कहना है कि चौरीचौरा कांड के शहीदों की याद में बने स्मारक को इंडिया गेट, जलियांवाला बाग और अंडमान के सेल्युलर जेल जैसी ख्याति मिले। इसी मकसद से सरकार ने चौरीचौरा शहीद स्मारक का 2.17 करोड़ रुपये की लागत से सुंदरीकरण भी कराया है।
स्मारक
का
सुंदरीकरण
मुख्यमंत्री
ने
चौरीचौरा
स्मारक
के
सुंदरीकरण
कार्य
का
3
जनवरी
को
गोरखपुर
में
एक
कार्यक्रम
के
दौरान
लोकार्पण
किया
था।
चौरीचौरा
कांड
के
आजादी
के
दीवानों
को
याद
कर
भावुक
हुए
सीएम
योगी
ने
शहीद
स्मारकों
के
कायाकल्प
को
शहीदों
के
प्रति
श्रद्धा
निवेदन
का
माध्यम
बताया।
इस
बात
के
प्रति
उनकी
संजीदगी
की
तस्दीक
है
कि
उन्होंने
गोरखपुर
जेल
स्थित
अमर
क्रांतिकारी
पंडित
राम
प्रसाद
बिस्मिल
की
स्मारक
और
डोहरिया
कला
शहीद
स्मारक
का
भी
सुंदरीकरण
कराया
है।
1.88
करोड़
की
लागत
से
पंडित
बिस्मिल
स्मारक
और
82.33
लाख
रुपये
से
सहजनवां
के
डोहरिया
कला
शहीद
स्मारक
का
कायाकल्प
किया
गया
है।
इन
दोनों
कार्यों
का
लोकार्पण
भी
सीएम
योगी
ने
चौरीचौरा
शहीद
स्मारक
के
सुंदरीकरण
कार्य
के
साथ
ही
किया
था।
चौरीचौरा
कांड
के
शहीदों
की
याद
में
पूरे
साल
होंगे
कार्यक्रम
सीएम
योगी
4
फरवरी1922
को
हुई
ऐतिहासिक
चौरीचौरा
कांड
की
शताब्दी
वर्ष
को
यादगार
बनाने
में
जुटे
हैं।
जनवरी
के
प्रथम
सप्ताह
में
गोरखपुर
प्रवास
के
दौरान
उन्होंने
अधिकारियों
को
इसकी
रूपरेखा
बनाने
का
निर्देश
दिया
था।
इसी
कड़ी
को
आगे
बढ़ाते
हुए
उन्होंने
10
जनवरी
को
लखनऊ
में
सूबे
के
वरिष्ठ
अधिकारियों
को
वर्ष
पर्यंत
होने
वाले
कार्यक्रमों
की
तैयारी
और
जिम्मेदारी
से
जोड़ा।
मुख्यमंत्री
के
निर्देश
के
मुताबिक
4
फरवरी
2021
से
4
फरवरी2022
तक
प्रतिदिन
ऐसे
कार्यक्रम
होंगे
जो
स्वाधीनता
आंदोलन
में
निर्णायक
भूमिका
निभाने
वाले
चौरीचौरा
कांड
की
याद
दिलाएंगे।
सभी
स्कूली
बच्चों
को
इस
घटना
के
महत्व
से
परिचित
कराया
जाएगा,
घटना
को
केंद्र
में
रख
विविध
प्रतियोगिताएं
कराई
जाएंगी।
सभी
शहीद
स्मारकों,
महापुरुषों
की
प्रतिमाओं
पर
दीपदान
किया
जाएगा,
प्रभातफेरी
निकाली
जाएगी।
चौरीचौरा
शहीद
स्मारक
को
प्रतिष्ठा
दिलाने
की
कवायद
ब्रिटिश
हुकूमत
की
चूलें
हिलाकर
रख
देने
वाले
चौरीचौरा
कांड
के
60
साल
बाद
तत्कालीन
सरकार
को
स्मारक
बनाने
का
ख्याल
आया।
6
फरवरी
1982
को
शहीद
स्मारक
का
शिलान्यास
हुआ,
लोकार्पण
होने
में
भी
11
साल
लग
गए।
19
जुलाई
1993
को
लोकार्पण
की
औपचारिकता
पूरी
की
गई
लेकिन
इसके
बाद
भी
उपेक्षा
जस
की
तस
रही।
मुख्यमंत्री
बनने
के
बाद
से
ही
सीएम
योगी
आदित्यनाथ
ने
चौरीचौरा
शहीद
स्मारक
को
राष्ट्रीय
स्तर
पर
प्रतिष्ठित
करने
का
बीड़ा
उठा
रखा
है।
स्मारक
का
कायाकल्प
कराने
के
साथ
ही
वह
इसे
विरासतपूर्ण
पर्यटक
स्थल
बनाने
में
जुटे
हैं।
इसके
लिए
स्मारक
स्थल
तक
बुनियादी
सुविधाओं
को
सुदृढ़
करना
उनकी
प्राथमिकता
में
है।
यह
है
चौरीचौरा
की
ऐतिहासिक
घटना
1922
को
महात्मा
गांधी
के
असहयोग
आंदोलन
के
समर्थन
में
चौरीचौरा
के
लोग
भी
पुरजोर
तरीके
से
जुटे
थे।
अंग्रेजी
सरकार
के
खिलाफ
जुलूस
निकाल
रहे
आंदोलनकारियों
के
कुछ
नेताओं
को
चौरीचौरा
में
पुलिस
ने
2
फरवरी
1922
को
हिरासत
में
ले
लिया।
इसके
विरोध
में
4
फरवरी
1922
को
करीब
3000
लोग
चौरीचौरा
थाने
के
सामने
प्रदर्शन
करने
को
जुटे।
पुलिस
ने
आंदोलनकारियों
पर
फायरिंग
कर
दी।
इसमें
तीन
आंदोलनकारी
शहीद
हो
गए
लेकिन
आजादी
के
मतवालों
का
हौसला
नहीं
टूटा।
उधर
गोलियां
खत्म
हुईं
तो
पुलिसवाले
थाने
में
अंदर
छिप
गए।
साथियों
की
मौत
से
गुस्साए
लोगों
ने
आक्रोश
में
थाना
फूंक
दिया।
घटना
में
22
पुलिसकर्मियों
की
मौत
हो
गई।
चौरीचौरा
कांड
के
चलते
महात्मा
गांधी
ने
12
फरवरी1922
को
अपना
असहयोग
आंदोलन
वापस
ले
लिया।
इस
मामले
में
228
आंदोलनकारियों
पर
अंग्रेजी
हुकूमत
ने
मुकदमा
चलाया।
गोरखपुर सत्र न्यायालय से 172 को फांसी की सजा सुनाई गई। इस फैसले के विरोध में इलाहाबाद हाईकोर्ट में पंडित मदन मोहन मालवीय ने पैरवी की जिसके बाद अंततः 19 को फांसी, 16 को कालापानी और शेष को 5 से 8 साल तक कैद की सजा सुनाई गई। 38 लोग बरी कर दिए गए। चौरीचौरा कांड में अब्दुल्ला, भगवान, बिक्रम, दुदही, लाल मोहम्मद, कालीचरण, लौटी, महादेव, मेघू अली, नज़र अली, संपत, रघुवीर, रामलगन, रामरूप, रुदाली, सहदेव, श्याम सुंदर, सीताराम और संपत पुत्र मोहन को फांसी की सजा दी गई। इस घटना के बाद क्रांतिकारीयों ने अपना आंदोलन और तेज कर ब्रिटिश हुकूमत का राज करने का आत्मविश्वास हिलाकर रख दिया।
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