इलाहाबाद का नाम बदलने के अलावा योगी कैबिनेट बैठक में 12 अन्य प्रस्तावों पर लगी मुहर
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को लोकभवन में हुई कैबिनेट बैठक में इलाहाबाद का नाम बदलकार प्रयागराज किए जाने के प्रस्ताव पर मुहर लग गई है। उत्तर प्रदेश सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आज मंगलवार को लोकभवन में कैबिनेट बैठक हुई। कैबिनेट बैठक में इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज करने से राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय संस्कृति के प्रचार-प्रसार और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ये फैसला लिया गया।
अलावा गोरखपुर के हरपुर-गजपुर में बंद पड़ी धुरियापार किसान सहकारी चीनी मिल्स की 50 एकड़ भूमि का हस्तांतरण इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमेटेड को किए जाने की मंजूरी दी गई। इसके अलावा भूमि 30 वर्ष की लीज पर लिग्नो-सैलिलॉजिक बायोमास आधारित सेकेंड जेनरेशन एथेनॉल प्लांट की स्थापना के लिए दी जाएगी।
बैठक में इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज किए जाने वाले प्रस्ताव पर मोहर लगा दी गई। अब इसके बाद शासनादेश जारी कर शहर में जहां-जहां भी इलाहाबाद नाम होगा उसकी जगह अब प्रयागराज लिखा जाएगा। योगी कैबिनेट के इस फैसले के बाद साधु-संतों में ख़ुशी का माहौल है।
कैबिनेट मीटिंग के बाद प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि इलाहाबाद का नाम प्रयागराज करने पर कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। सिर्फ जिले का ही नाम प्रयागराज नहीं होगा बल्कि जहां जहां भी इलाहाबाद नाम का प्रयोग किया गया है उसका भी नाम बदल जाएगा। जैसा कि इलाहबाद यूनिवर्सिटी और इलाहाबाद जंक्शन का नाम भी बदल जाएगा।
इलाहाबाद का नाम बदले जाने को लेकर संगम तट पर भी लोगों में उत्साह का माहौल है। संगम पर आने वाले श्रद्धालुओं से लेकर तीर्थ पुरोहित समाज और प्रयागवाल सभा ने सीएम योगी के इस फैसला का स्वागत किया है। दूसरी तरफ अयोध्या के संतों ने सीएम योगी से फैजाबाद का नाम बदलकर अयोध्या किए जाने की मांग की है।
इस
प्रस्तावों
पर
लगी
मोहर
केंद्र
सहायतित
योजना
के
तहत
एटा
में
राजकीय
मेडिकल
कॉलेज
की
स्थापना
व
उच्च
विशिष्टियों
के
लिए
216.8483
करोड़
रु.
(जीएसटी
अतिरिक्त)
और
देवरिया
में
राजकीय
मेडिकल
कॉलेज
की
स्थापना
व
उच्च
विशिष्टियों
के
लिए
207.9132
करोड़
रु.
(जीएसटी
अतिरिक्त)
के
व्यय
प्रस्ताव
को
कैबिनेट
की
मंजूरी
मिल
गई
है।
इसके
अलावा
कैबिनेट
में
ललितपुर
की
पाली
तहसील
के
23
ग्रामों
को
पाली
तहसील
से
अलग
करके
सदर
तहसील
में
शामिल
किए
जाने
को
स्वीकृति
दी
गई
है।
साथ
ही
कैबिनेट
में
पेराई
सत्र
2018-19
के
लिए
नई
खांडसारी
लाइसेंसिंग
नीति
के
प्रस्ताव
पर
मोहर
लग
गई
है।
नई
नीति
1
अप्रैल
2018
से
लागू
होगी।
अब
नजदीकी
चीनी
मिल
से
7.5
किमी०
की
त्रिज्यात्मक
दूरी
से
बाहर
की
खांडसारी
इकाइयों
को
भी
लाइसेंस
मिलेगा,पहले
ये
दूरी
15
किमी०
थी।
गुड़
की
इकाइयां
लाइसेंस
मुक्त
होंगी।
इसके
अलावा
कैबिनेट
में
केंद्र
सहायतित
योजना
के
तहत
फतेहपुर
में
राजकीय
मेडिकल
कॉलेज
की
स्थापना
व
उच्च
विशिष्टियों
के
लिए
212.4956
करोड़
रुपए
साथ
ही
जीएसटी
और
गाजीपुर
में
राजकीय
मेडिकल
कॉलेज
की
स्थापना
व
उच्च
विशिष्टियों
के
लिए
220.4336
करोड़
रुपए
साथ
ही
जीएसटी
के
व्यय
प्रस्तावों
को
की
स्वीकृति
मिल
गई
है।