VIDEO: यहां कक्षा तीन फेल रसोइया पढ़ाता है बच्चों को, प्रिंसिपल ऑफिस में बनता है खाना
आगरा। अब तक आप ने सरकारी विद्यालयों में अध्यापकों को पढ़ाते देखा होगा लेकिन आगरा में अध्यापक की जगह रसोइया विद्यालय में बच्चों को पढ़ाते हैं। मामला फतेहपुर सीकरी नगर पंचायत के काँदऊवार प्राथमिक विद्यालय का है, जहां दो महिला और एक पुरूष रसोइया के पद पर तो तैनात हैं वो भी तीसरी क्लास फेल है लेकिन बच्चों को पढ़ाने के लिए महज एक ही सहायक अध्यापक है। वो भी सम्बद्ध किया गया है जो कि कभी-कभार ही नजर आता है। ऐसे में बच्चों के गुरू रसोइया ही बने हुए हैं।
उत्तर प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों की बदतर हालत किसी से नहीं छुपी है। आलम यह है कि बच्चों को गंदगी में पढ़ने को भी मजबूर होना पढ़ता है। विद्यालय में करीब 150 बच्चे पढ़ते हैं जिनका खाना रसोई की जगह प्रधानाचार्य के कार्यालय में बनता है। विद्यालय में तैनात रसोइये ने बताया कि एक तरफ तो ओडीएफ की पहल हो रही है। तो वहीं स्थानीय लोग विद्यालय में बनी रसोई के पास ही शौच कर गंदगी फैलाते हैं। इसके साथ ही विद्यालय में आवारा पशुओं का भी आतंक रहता है। जिसके चलते रसोइयों ने प्रधानाचार्य के कार्यालय को ही रसोई बना लिया है। गंदगी की शिकायत कई बार चैयरमैन से भी की गई। नतीजा वही ढाक के तीन पात ही रहा है।
इस विद्यालय में छात्राओं को खुले में शौच के लिए मजबूर होना पड़ता है। यही कारण है कि छात्र-छात्राओं के परिजन अपने बच्चों को विद्यालय भेजने से भी परहेज कर रहे हैं। विद्यालय से सम्बद्ध सहायक अध्यापक मुदित चैधरी ने बताया कि विद्यालय में व्याप्त समस्याओं की शिकायत उच्चाधिकारियों से कई बार तो की गई। लेकिन किसी अधिकारी ने इस ओर ध्यान देना तक उचित नहीं समझा। जब इस मामले में चेयरमैन सवाल किया गया तो उनका कहना था कि फतेहपुर सीकरी स्वच्छता में नम्बर-1 है। लेकिन सवाल यह उठता है कि फतेपुर सीकरी के इस विद्यालय में पढ़ रहे बच्चों का भविष्य रसोइयों के सहारे आखिर कैसे उज्वल होगा और खुले में शौच मुक्त भारत का सपना देखने वाले प्रधानमंत्री का सपना कैसे साकार होगा।
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