जिसने बाहुबली अतीक अहमद को एक झटके में धूल चटा दी थी बसपा ने उसे निकाल दिया है, लेकिन क्यों?
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इलाहाबाद। विधानसभा चुनाव के बाद जिस तरह से बसपा का साथ छोड़ने और बसपा द्वारा अपने नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाने का क्रम शुरू किया गया था वह अब भी बदस्तूर जारी है। इलाहाबाद में बसपा की सबसे कद्दावर नेता और बसपा के टिकट पर दो बार विधायक रही पूजा पाल को पार्टी से बाहर कर दिया गया है। पूजा पाल पर अनुशासनहीनता समेत कई आरोप पार्टी की ओर से लगाए गए हैं और उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है।
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जिलाध्यक्ष भी हटाए गए
पूजा पाल के निष्कासन के साथ ही जिला अध्यक्ष को भी पद से हटा दिया गया है और अब अवधेश गौतम की जगह दीप चंद्र गौतम एडवोकेट इलाहाबाद बसपा के नए जिलाध्यक्ष होंगे। पूजा पाल के अचानक पार्टी से निकाले जाने के बाद अब फूलपुर में हो रहे लोकसभा उपचुनाव में पूजा पाल का कुछ रोल देखने को मिल सकता है। अगर पूजा पाल किसी दल का दामन थामतक हैं तो निश्चित तौर पर यह उस दल के लिए फायदेमंद होगा। फिलहाल बसपा से बाहर होने के बाद भाजपा कांग्रेस और सपा तीनों की नजर महिला दिग्गजनेतत्री पूजा पाल पर है और हर दल पूजा को अपनी ओर लपकना चाह रहा है।
शादी होते ही पति राजू पाल की हो गई थी हत्या
पूजा पाल बसपा के पूर्व विधायक राजू पाल की पत्नी है और मौजूदा समय में वह इलाहाबाद बसपा की सबसे कद्दावर नेत्री थी। याद दिला दें कि पूजा के पति राजू पाल जब विधायक बने उसी के चंद दिन बाद ही दोनो की शादी हो गई थी। शादी के एक सप्ताह बाद दिनदहाड़े गोलियों से भूनकर राजू पाल हत्या कर दी गई थी। राजू पाल की हत्या का आरोप बाहुबली नेता अतीक अहमद अथवा उनके भाई अशरफ आदि पर आया जिसमें मुकदमा दर्ज होने के बाद यह केस अभी चल रहा है ।
कद्दावर नेता बन गई थीं पूजा
शादी के चंद दिनों बाद ही विधवा हो गई पूजा पाल के समर्थन में पूरा शहर उमड़ पड़ा और पूरे इलाहाबाद में जगह-जगह आक्रोश भड़क गया लोग सड़कों पर उतर आए और जमकर आगजनी व बवाल की घटनाएं होने लगी। कई दिनों तक बवाल के बाद मामला शांत हुआ और जब उपचुनाव और जब इलाहाबाद पश्चिमी की सीट पर उपचुनाव की तारीख घोषित हुई तो बसपा ने राजू पाल की पत्नी पूजा पाल को अपना कैंडिडेट घोषित कर दिया।
पूजा ने तोड़ा था अतीक अहमद का तिलिस्म
उस विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक तौर पर पूजा पाल को जीत मिली उन्होंने अतीक अहमद के बाहुबल और धन पल को चकनाचूर करते हुए उनके भाई अशरफ को हराया था। परन्तु इससे भी ऐतिहासिक कारनामा अगले विधानसभा चुनाव में पूजा पाल ने किया और शहरी पश्चिमी सीट से चुनाव लड़े अतीक अहमद को धूल चटा दी। इस चुनाव के बाद ही अतीक अहमद के बुरे दिन भी शुरू हो गए थे पूजा पाल ने शहर पश्चिमी से अतीक अहमद के तिलिस्म को खत्म कर दिया था और अतीक अहमद व उनके गैंग के कुनबे को धूल में उड़ा दिया था।
सिद्धार्थ नाथ बने विधायक
शहर पश्चिमी से बसपा की टिकट पर पूजा पाल दो बार विधायक बनी। जबकि इस सीट पर इससे पहले अतीक अहमद की तूती बोलती थी और वह कई चुनाव जीतकर एक छत्र राज कर रहे थे। पूजा पाल के डर के चलते ही इस बार पूरा जोर लगाने के बाद भी अतीक अहमद को यहां से सपा ने टिकट नहीं दिया था। हालांकि इस बार विधानसभा चुनाव में इस सीट पर भगवा दल ने जीत हासिल की। सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कमल खिलाते हुए यह सीट भाजपा के खाते में डाल दी है।
क्या है आरोप
बसपा के पूर्व विधायक पूजा पाल पर पार्टी की ओर से आरोप है कि विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद पूजा पाल पूरी तरह से निष्क्रिय हो गई है वह पार्टी के कामकाज में कोई अहमियत नहीं दे रही है और ना ही पार्टी के कार्यक्रमों में शामिल हो रही हैं वह ना तो कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर रही हैं और ना ही फोन उठाती हैं बसपा की ओर से उन्हें अनुशासनहीनता का आरोप में पार्टी से बाहर कर दिया गया है ।
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