Chitrakoot: BJP ने 3 दिनों तक किया मंथन, 2024 को लेकर RSS के नक्शे कदम पर चलने का मिला मंत्र
लखनऊ, 01 अगस्त : उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र केचित्रकूट भाजपा ने अपने वरिष्ठ नेताओं के लिए तीन दिवसीय राज्य स्तरीय प्रशिक्षण शिविर का समापन हो गया। इसमें पार्टी से 2024 के लोकसभा चुनावों की तैयारी के लिए अपनी विचारधारा को आगे ले जाने का आह्वान किया गया। बीजेपी के सूत्रों के दौरान इस दौरान यह भी तय हुआ कि द्रौपदी मुर्मू के राष्ट्रपति बनने के बाद बीजेपी को लेकर आदिवासी इलाकों में एक अच्छा संदेश गया है। आदिवासियों में बीजेपी की पकड़ मजबूत बनाने के लिए अब उनके इलाकों में जाने और वहां प्रवास करने की बात पर जोर दिया गया।
चित्रकूट शिविर में आयोजित हुए 13 सत्र
चित्रकूट में तीन दिनों में 13 सत्र आयोजित किए गए। इस दौरान पार्टी ने केंद्र में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और राज्य में योगी आदित्यनाथ सरकार के शासन मॉडल के माध्यम से मतदाताओं तक पहुंचने की रणनीतियों पर चर्चा की। बीजेपी ने "जाति-आधारित गठबंधनों" के बारे में भी चिंता व्यक्त की जो विधानसभा चुनावों से पहले आकार ले चुके थे और जो उनमें सेंध लगा रहे थे। भाजपा ने विधानसभा चुनावों में पिछड़ी जातियों के छोटे दलों के साथ समाजवादी पार्टी (सपा) के गठजोड़ पर भी चर्चा की।
सत्ता विरोधी लहर पर नजर रखने का मंत्र मिला
सूत्रों की माने तो उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने 'यूपी में वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य और भाजपा के लिए चुनौतियां' पर एक व्याख्यान दिया। सूत्रों की माने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लगातार तीसरी बार सरकार बनाने के लिए पार्टी को सत्ता विरोधी लहर पर नजर रखनी होगी। भाजपा नेताओं से कहा गया है कि वे पिछले आठ वर्षों में मोदी सरकार द्वारा किए गए कल्याणकारी कार्यों की तुलना कांग्रेस और अन्य राजनीतिक दलों के शासन के साथ मतदाताओं तक करें।
प्रशिक्षिण शिवर ने पार्टी की विचारधारा के प्रति जागरूक किया
पार्टी के एक नेता ने कहा, "इस तरह के प्रशिक्षण सत्र अक्सर जिला स्तर और क्षेत्रीय नेताओं और कार्यकर्ताओं के लिए आयोजित किए जाते हैं। लेकिन लगभग एक दशक के बाद राज्य स्तर के नेताओं के लिए ऐसा प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया था जिसमें यूपी के केंद्रीय मंत्रियों और राज्य सरकार के कैबिनेट मंत्रियों ने भाग लिया। हम सभी पार्टी और उसकी विचारधारा के बारे में जानते हैं। लेकिन शिविर ने हमें भविष्य के लिए पार्टी के दृष्टिकोण पर खुद को अपडेट करने में मदद की।
बीजेपी ने पिछली बार 64 सीटों पर हासिल की थी जीत
बीजेपी ने 2019 में जहां 64 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की थी वहीं दूसरी ओर 2014 में भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन ने 73 सीटों पर जीत हासिल की। इस साल की शुरुआत में विधानसभा चुनावों में भाजपा ने 255 सीटें जीतीं थीं जबकि उसके सहयोगी अपना दल (एस) ने 12 और निषाद पार्टी ने छह सीटें जीतीं। हालांकि बीजेपी स्पष्ट बहुमत के साथ सत्ता में वापस आई, लेकिन 2017 की तुलना में उसकी संख्या में गिरावट आई है। पिछले चुनाव में बीजेपी ने अकेले पार्टी ने 312 सीटें जीतीं।